मज्जहिं सज्जन बृंद

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मज्जहिं सज्जन बृंद
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक रामचरितमानस
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
भाषा अवधी भाषा
शैली सोरठा, चौपाई, छंद और दोहा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड बालकाण्ड
दोहा

मज्जहिं सज्जन बृंद बहु पावन सरजू नीर।
जपहिं राम धरि ध्यान उर सुंदर स्याम सरीर॥ 34॥

भावार्थ-

सज्जनों के बहुत-से समूह उस दिन सरयू के पवित्र जल में स्नान करते हैं और हृदय में सुंदर श्याम शरीर रघुनाथ का ध्यान करके उनके नाम का जप करते हैं॥ 34॥


left|30px|link=असुर नाग खग नर मुनि देवा|पीछे जाएँ मज्जहिं सज्जन बृंद right|30px|link=दरस परस मज्जन अरु पाना|आगे जाएँ

दोहा- मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं।


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