रामहि सौंपि जानकी

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रामहि सौंपि जानकी
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक 'रामचरितमानस'
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि।
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली दोहा, चौपाई और सोरठा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड लंकाकाण्ड
दोहा

रामहि सौंपि जानकी नाइ कमल पद माथ।
सुत कहुँ राज समर्पि बन जाइ भजिअ रघुनाथ॥ 6॥

भावार्थ

(राम) के चरण कमलों में सिर नवाकर (उनकी शरण में जाकर) उनको जानकी सौंप दीजिए और आप पुत्र को राज्य देकर वन में जाकर रघुनाथ का भजन कीजिए॥ 6॥



left|30px|link=तासु बिरोध न कीजिअ नाथा|पीछे जाएँ रामहि सौंपि जानकी right|30px|link=नाथ दीनदयाल रघुराई|आगे जाएँ

दोहा- मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं।


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