गंधेश्वरी वन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:17, 23 July 2016 by नवनीत कुमार (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
गंधेश्वरी वन
विवरण गंधेश्वरी वन ब्रजमण्डल के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इस स्थान का वर्तमान नाम 'गणेशरा गाँव' है। यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं से सम्बंधित है।
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला मथुरा
प्रसिद्धि गन्धेश्वरी तीर्थ
यातायात बस, कार ऑटो आदि
संबंधित लेख कोटवन, वृन्दावन, काम्यवन, खदिरवन, महावन, कुमुदवन


अन्य जानकारी यहँ राधिका को देखकर श्रीकृष्ण के हाथों से उनकी बाँसुरी गिर गई। मोर मुकुट भी श्रीराधिका के चरणों में गिर गया। यहाँ तक कि वे स्वयं मूर्छित हो गये, इसलिए यह "गन्धेश्वरी तीर्थ" कहलाता है।
अद्यतन‎

गंधेश्वरी वन ब्रजमण्डल के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इस स्थान का वर्तमान नाम 'गणेशरा गाँव' है। यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं से सम्बंधित है।

  • श्रीकृष्ण ने गोचारण के समय सखाओं के साथ गन्ध द्रव्यों को अपने-अपने अंगों में धारण किया था। कहते हैं कि यहाँ सहेलियों के साथ पास में ही छिपी हुई राधिका के अंगों की गन्ध से श्रीकृष्ण मोहग्रस्त हो गये-
'यस्या: कदापि वसनाञ्चलखेलनोत्थ। धन्यातिधन्य-पवनेन कृतार्थमानी। योगीन्द्र-दुर्गमगतिर्मधुसूदनोऽपि तस्या नमोऽस्तु वृषभानुभूवो दिशेऽपि।।[1]
  • राधिका को देखकर श्रीकृष्ण के हाथों से उनकी बाँसुरी गिर गई। मोर मुकुट भी श्रीराधिका के चरणों में गिर गया। यहाँ तक कि वे स्वयं मूर्छित हो गये, इसलिए यह "गन्धेश्वरी तीर्थ" कहलाता है-
वंशी करान्निपतित: स्खलितं शिखण्डं भ्रष्टञ्च पीतवसनं व्रजराजसूनो:। यस्या: कटाक्षशरघात-विमूर्च्छितस्य तां राधिकां परिचरामि कदा रसेन।।[2]
  • राधिका का दूसरा नाम 'गान्धर्वा' भी है। उन्हीं के नाम के अनुसार यहाँ 'गान्धर्वा कुण्ड' आज भी श्रीराधा-कृष्ण के विलास की ध्वजा फहरा रहा है।
  • गन्धेश्वरी का अपभ्रंश ही वर्तमान समय में 'गणेशरा' नाम से प्रसिद्ध है ।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राधारससुधानिधि–2
  2. राधारससुधानिधि–39

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः