विनेश फोगाट
विनेश फोगाट
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पूरा नाम | विनेश फोगाट |
जन्म | 25 अगस्त, 1994 |
जन्म भूमि | बलाली, भिवानी, हरियाणा |
अभिभावक | पिता- राजपाल सिंह फोगाट माता- प्रेमलता |
पति/पत्नी | सोमबीर राठी |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | फ्री स्टाइल कुश्ती |
पुरस्कार-उपाधि | अर्जुन पुरस्कार (2016) |
प्रसिद्धि | भारतीय महिला पहलवान |
नागरिकता | भारतीय |
बहन | प्रियंका फोगाट; चचेरी बहनें- बबीता फोगाट, गीता फोगाट, रितु फोगाट |
क़द | 160 से.मी. (5 फीट 3 इंच) |
विश्व चैम्पियनशिप | नूर सुल्तान, 2019 - 53 कि.ग्रा. वर्ग - कांस्य |
एशियन गेम्स | जकार्ता, 2018 -50 कि.ग्रा. वर्ग - स्वर्ण इनचिओन, 2014 - 48 कि.ग्रा. वर्ग - कांस्य |
कॉमनवेल्थ गेम्स | ग्लास्गो, 2014 - 48 कि.ग्रा. वर्ग - स्वर्ण गोल्ड कोस्ट, 2018 - 50 कि.ग्रा. वर्ग - स्वर्ण |
एशियन चैम्पियनशिप | अल्माटी, 2021 - 53 कि.ग्रा. वर्ग – स्वर्ण दोहा, 2015 - 48 कि.ग्रा. वर्ग – रजत |
यूथ रेसलिंग चैम्पियनशिप | जोहांसबर्ग, 2013 - - 51 कि.ग्रा. वर्ग - रजत |
अन्य जानकारी | विनेश के चाचा महावीर सिंह फोगाट ने उनका कुश्ती में करियर बनाने के लिए अहम भूमिका निभाई। विनेश ने चाचा महावीर सिंह फोगाट के सानिध्य में रहकर पहलवानी का प्रशिक्षण लिया था। |
अद्यतन | 13:37, 9 अगस्त 2022 (IST)
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विनेश फोगाट (अंग्रेज़ी: Vinesh Phogat, जन्म- 25 अगस्त, 1994, भिवानी, हरियाणा) भारतीय महिला पहलवान हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में भारत के लिये तीसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। उन्होंने कुश्ती की फ्रीस्टाइल प्रतिस्पर्धा में 53 कि.ग्रा. वर्ग में श्रीलंका की चामोडया केशानी को हराया। विनेश फोगाट ने यह मैच 4-0 से अपने नाम किया। उन्होंने 2014 के ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में 48 कि.ग्रा. और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में 50 कि.ग्रा. वर्ग में भी गोल्ड मेडल जीता था।
विनेश फोगाट पहली ऐसी भारतीय महिला पहलवान खिलाड़ी हैं, जिनको 2018 के 'लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड्स' के लिए नामांकित किया गया था। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली विनेश फोगाट पहली महिला भारतीय पहलवान हैं। वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने टोक्यो में आयोजित 'ग्रीष्मकालीन ओलंपिक-2020' के लिए क्वालिफाइ किया था। भारत सरकार ने कुश्ती में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें 2016 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्ष 2018 में उनका नाम पद्म श्री के लिये भी नामांकित किया गया था, लेकिन उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिल सका।
परिचय
विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 में हरियाणा राज्य में हुआ था। वह हरियाणा में भवानी जिले के छोटे से गांव बलाली की रहने वाली हैं। उनका जन्म पहलवान घराने में हुआ। इसलिए बचपन से ही उन्हें पहलवानी करने का शौक रहा। विनेश फोगाट ने अपने पिता को बचपन में ही खो दिया था। उसके बाद उनकी माता ने उन्हें बड़े लाड़ प्यार से पाला। पिता की मृत्यु का कारण उनके दुश्मन थे जिन्होंने गांव की जमीन के मसले के चलते उनका कत्ल कर दिया। बाद में विनेश के चाचा महावीर सिंह फोगाट ने उनका कुश्ती में करियर बनाने के लिए अहम भूमिका निभाई। विनेश ने चाचा महावीर सिंह फोगाट के सानिध्य में रहकर पहलवानी का प्रशिक्षण लिया था। जो कि अपने समय में एक मंझे हुए पहलवान रेह चुके थे। महावीर सिंह फोगाट को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उनकी बेटियों ने भी अपने पिता से कुश्ती के कई गुण सीखे। उनकी पुत्री गीता फोगाट और बबीता फोगाट भी कुश्ती की दुनिया में काफी प्रसिद्ध हुई हैं।[1]
शिक्षा
विनेश फोगाट ने अपनी शिक्षा के सी. एम. सीनियर सेकेंडरी स्कूल, झोजु कलां, हरियाणा से पूर्ण की और आगे की पढ़ाई के लिए एमडीयू, रोहतक, हरियाणा में दाखिला लिया और वहीं से शिक्षा पूरी की। कुश्ती के अलावा विनेश को किताबें पढ़ने का भी शौक है।
विवाह
विनेश फोगाट का विवाह 13 दिसंबर 2018 में सोमवीर राठी से हुआ। सोमवीर राठी भी एक प्रोफेशनल रेसलर हैं। दोनों का प्रेम विवाह हुआ। पिछले कुछ वर्षों से दोनों एक दूसरे के साथ प्रेम संबंध में थे और अपने कैरियर मे पूर्णतः सफल होने के बाद ही शादी करने का फैसला लिया। विनेश फोगाट और सोमवीर राठी ने अपनी शादी में 7 की जगह 8 फेरे लिए थे। आठवें फेरे में उन्होंने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाने' की शपथ ली थी।
कॅरियर
रियो ओलंपिक
साल 2016 में विनेश फोगाट ने रियो ओलंपिक में कुश्ती का प्रदर्शन दिखाने के लिए पूरी जान लगा दी। उस दौरान बेहतरीन खेल प्रदर्शन और अपनी पहलवानी दिखा दे हुए उन्हें गहरी चोट लग गई। परंतु उसके बावजूद भी उसने पहलवानी नहीं छोड़ी और लगातार पहलवानी में मेहनत करती रहीं जिसके बाद एशियाई खेलों में दूसरा गोल्ड मेडल भारत के नाम कर उन्होंने अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया।
ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020
विनेश फोगाट ने टोक्यो, जापान में आयोजित ओलंपिक में बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हुए 53 किलोग्राम भार वर्ग की कुश्ती में स्वीडन की महिला पहलवान सोफिया मैगडेलेना मैटसन को पहले ही राउंड में 7-1 से हरा दिया था और इसी के साथ क्वार्टर फाइनल मे अपनी जगह बना ली थी। लेकिन क्वार्टर फाइनल मुक़ाबले में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहां पर बेलारूस की वनेसा ने उन्हें 3-9 से हरा दिया था।
कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022
कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 (बर्मिघम, इंग्लैंड) में भारतीय पहलवानों ने छह गोल्ड समेत 12 मेडल हासिल किए। इस दौरान विनेश फोगाट ने भी 53 कि.ग्रा. भार वर्ग में गोल्ड मेडल हासिल किया। विनेश फोगाट का यह कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार तीसरा स्वर्ण पदक है। इससे पहले उन्होंने ग्लासगो (2014) और गोल्ड कोस्ट (2108) गेम्स में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था। कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में खास बात यह रही कि विनेश फोगाट ने नॉर्डिक सिस्टम के आधार पर जीत हासिल की। विनेश ने पहले मैच में विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता कनाडाई रेसलर सामंथा ली स्टीवर्ट के खिलाफ महज 36 सेकंड में बाय फॉल 2-0 से जीत दर्ज की। इसके बाद विनेश ने अपने दूसरे मैच में नाइजीरिया की मर्सी बोलाफुनोलुवा अडेकुओरोए को 6-0 से हराया। अपने तीसरे मैच में विनेश फोगाट ने श्रीलंका की केशनी मदुरवलगे को बाय फॉल के जरिए 5-0 से मात दी।[2]
- नॉर्डिक सिस्टम
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अनुसार नॉर्डिक सिस्टम का प्रयोग कुश्ती में तब किया जाता है, जब किसी भारवर्ग में 6 से कम पहलवान हों। ऐसे में हर पहलवान का आपस में मुकाबला होता है। इसमें सबसे ज्यादा जीत हासिल करने वाले पहलवानों को उस आधार पर रैंकिंग दी जाती है। इस सिस्टम में एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक दिया जाता है। खास बात यह है कि इसमें रेपचेज राउंड का कोई प्रावधान नहीं रहता है। नॉर्डिक सिस्टम में सबसे अधिक जीत हासिल करने वाले पहलवान को पहला स्थान हासिल होता है। अगर सभी मैच के बाद दो खिलाड़ी समान अंक पर होते हैं, चाहे उनके क्लासिफिकेशन प्वाइंट्स कुछ भी हों तो उनके बीच मैच कराकर विजेता घोषित किया जाता है।
विनेश फोगाट के 53 कि.ग्रा. भारवर्ग में चार पहलवान थे, जिसमें विनेश ने तीनों मैच जीतकर गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया। सामंथा ली स्टीवर्ट दो जीत के साथ रजत और अडेकुओरोए ने एक जीत की बदौलत कांस्य हासिल किया। श्रीलंका की केशनी मदुरवलगे को तीनों मैचों में हार मिली और वह चौथे नंबर पर रहीं।
राष्ट्रीय पुरस्कार
- कुश्ती में विनेश फोगाट के प्रदर्शन को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 2016 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था।
- वर्ष 2020 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार जीतकर उन्होंने अपने चाचा व सम्पूर्ण हरियाणा का नाम रोशन किया।
उपलब्धियाँ
विनेश फोगाट ने काफी सारे खेलों में उपलब्धि हासिल कर भारत के नाम कई रत्न किए हैं[1]-
- साल 2013 कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप के दौरान विनेश फोगाट ने 51 किलो वर्ग में अपनी पहलवानी दिखाकर सिल्वर मेडल अपने नाम किया।
- उसके बाद साल 2014 में भी कॉमनवेल्थ गेम्स में उनका नाम दर्ज हुआ जिसमें 48 किलोग्राम वर्ग में अपना प्रदर्शन दिखाने के बाद उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
- साल 2014 में दोबारा से एशियन चैंपियनशिप में अपना बेहतरीन प्रदर्शन 48 किलोग्राम वर्ग में उन्होंने दिखाया जिसमें उन्हें ब्रोंज मेडल प्राप्त हुआ।
- एशियन चैंपियनशिप 2016 के दौरान भी उन्होंने अपनी हिम्मत और साहस के चलते 53 किलो वर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते ब्रांच मेडल हासिल किया।
- 2016 में ही दूसरी चैंपियनशिप में भी उन्होंने हिस्सा लिया उसमें भी 53 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया।
- 2017 में एक बार फिर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन में उन्होंने अपनी जी जान लगा दी जिसके बाद गोल्ड मेडल अपने नाम कर देश का नाम रोशन किया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1
विनेश फोगाट का जीवन परिचय (हिंदी) hindikhoji.net। अभिगमन तिथि: 09 अगस्त, 2021। Cite error: Invalid
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