पंचमी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:31, 19 September 2010 by आशा चौधरी (talk | contribs) ('*पंचमी में सूर्य और चन्द्र ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
  • पंचमी में सूर्य और चन्द्र का अन्तर 49° से 60° तक होने पर शुक्ल पक्ष की पंचमी और 229° से 240° तक अन्तर होने पर कृष्ण पक्ष की पंचमी होती है।
  • पंचमी तिथि का स्वामी सर्प या नाग होता है। यह 'पूर्णा संज्ञक तिथि' है।
  • इसकी विशेष संज्ञा ‘श्रीमती’ है।
  • पौष मास के दोनों पक्षों में यह तिथि शून्य फल देती है।
  • शनिवार के दिन पंचमी पड़ने पर मृत्युदा होती है जिससे इसकी शुभता में कमी आ जाती है। गुरूवार के दिन यही पंचमी सिद्धिदा होकर विशेष शुभ फल देने वाली हो जाती है।
  • पंचमी तिथि की दिशा दक्षिण है।
  • शुक्ल पंचमी में शिववास कैलास पर तथा कृष्ण पंचमी में वृषभ पर होने से क्रमशः सुख तथा श्री-प्राप्तिकारक होता है। अतः इसमें शिवार्चन के समस्त उपचार शुभ होते हैं।
  • चन्द्रमा की इस पाँचवीं कला का पान वषटरकार करते हैं।

शुभकर्माणि सर्वाणि स्थिराणि चराणि च। ऋणादानं विनायान्ति सुसिद्धिं पंचमीदिने।।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः