Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 539"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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-[[संस्कृत]]
 
-[[संस्कृत]]
 
-[[प्राकृत]]
 
-[[प्राकृत]]
+[[पालि]]
+
+[[पालि भाषा|पालि]]
 
-[[शौरसेनी]]
 
-[[शौरसेनी]]
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||'पालि भाषा' [[प्राचीन भारत]] की [[भाषा]] थी। यह हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार की एक बोली या प्राकृत है। पालि का शाब्दिक अर्थ- 'पवित्र रचना' है। इसको [[बौद्ध]] [[त्रिपिटक]] की भाषा के रूप में भी जाना जाता है। पालि साहित्य में मुख्यत: [[बौद्ध धर्म]] के संस्थापक [[बुद्ध]] के उपदेशों का संग्रह है, किंतु इसका कोई भाग बुद्ध के जीवन काल में व्यवस्थित या लिखित रूप धारण कर चुका था, यह कहना कठिन है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पालि भाषा]]
  
 
{महावीर की मृत्यु कहाँ हुई थी?
 
{महावीर की मृत्यु कहाँ हुई थी?
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-कुलगुमलै  
 
-कुलगुमलै  
 
+[[पावापुरी]]
 
+[[पावापुरी]]
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||[[चित्र:Jal-Mandir-Pawapuri.jpg|right|border|80px|जल मंदिर, पावापुरी]]'पावापुरी' [[पटना]]-[[राँची]] मार्ग पर एक [[गाँव]] है, जो जैनियों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। [[जैन धर्म|जैन]] मान्यता के अनुसार इसी स्थान पर [[महावीर स्वामी]] ने [[मोक्ष]] प्राप्त किया था। जहाँ महावीर स्वामी ने मोक्ष पाया था, वहां 'थल मंदिर' और जहां वे जलाए गए थे, वहां '[[जल मंदिर]]' बना है। महावीर की मृत्यु 72 वर्ष की आयु में अपापा के राजा हस्तिपाल के लेखकों के कार्यालय में हुई थी। उस दिन [[कार्तिक]] की [[अमावस्या]] थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पावापुरी]]
  
 
{हड़प्पावासी किस वस्तु के उत्पादन में सर्वप्रथम थे?
 
{हड़प्पावासी किस वस्तु के उत्पादन में सर्वप्रथम थे?
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+[[कपास]]
 
+[[कपास]]
 
-[[जौ]]
 
-[[जौ]]
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||[[चित्र:Cotton.jpg|right|border|80px|कपास]]'कपास' एक नकदी फ़सल है। इससे रुई तैयार की जाती है। [[भारत]] में [[कपास]] को 'सफ़ेद सोना' भी कहा जाता है। लम्बे रेशे वाले कपास सबसे सर्वोत्तम प्रकार के होते हैं, जिसकी लम्बाई 5 सें.मी. से अधिक होती है। भारत में इसका [[इतिहास]] काफ़ी पुराना है। [[हड़प्पा]] निवासी कपास के उत्पादन में संसार भर में प्रथम माने जाते थे। कपास उनके प्रमुख उत्पादनों में से एक था। [[भारत]] से ही 327 ई.पू. के लगभग [[यूनान]] में इस पौधे का प्रचार हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कपास]]
  
 
{वैदिक गणित का महत्त्वपूर्ण [[अंग (बहुविकल्पी)|अंग]] है-
 
{वैदिक गणित का महत्त्वपूर्ण [[अंग (बहुविकल्पी)|अंग]] है-
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-[[शतपथ ब्राह्मण]]
 
-[[शतपथ ब्राह्मण]]
 
-[[अथर्ववेद]]
 
-[[अथर्ववेद]]
+शुल्व सूत्र
+
+[[शुल्व सूत्र]]
 
-[[छान्दोग्य उपनिषद]]
 
-[[छान्दोग्य उपनिषद]]
 +
||'शुल्व सूत्र' [[हिंदू]] धार्मिक दस्तावेज़ों का एक संग्रह है, जिसे 800 ई.पू. से 200 ई.पू. के बीच लिखा गया। यह पुस्तकें गणितीय रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं। कई विद्वानों का विश्वास है कि ये गणित की सबसे पुरानी पुस्तके हैं। इन पुस्तकों में बहुत से गणितीय सिद्धांत हैं जो कि बताते हैं कि [[प्राचीन भारत]] में गणित अन्य प्राचीन संस्कृति से भी ज़्यादा अग्रिम था। यहाँ तक कि [[शुल्व सूत्र]] में लिखे कुछ प्रमेयों का यूरोपियों द्वारा कई शताब्दियों के बाद आविष्कार किया जा सका।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शुल्व सूत्र]]
  
{संत कबीर का जन्म कहाँ हुआ था?
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{निम्न में से किस स्थान पर संत कबीर का निर्वाण स्थल है?
 
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-[[सासाराम]]
 
-[[सासाराम]]
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+[[मगहर]]
 
+[[मगहर]]
 
-[[उज्जैन]]
 
-[[उज्जैन]]
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||[[चित्र:26-maghar.jpg|right|border|80px|संत कबीर दास की मज़ार और समाधि, मगहर]][[भारत]] में [[उत्तर प्रदेश]] के पूर्वी भाग को 'सन्तों की कर्मभूमि' कहा जा सकता है। इसी भाग के प्रमुख शहर [[गोरखपुर]] के पश्चिम में लगभग तीस किलोमीटर दूर [[संत कबीर नगर ज़िला]] में स्थित है [[मगहर]]। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बस्ती से गोरखपुर की तरफ चलते हैं तो राष्ट्रीय राजमार्ग से दाहिने जाती हुई सडक़ पर उतर कर दो-ढाई किलोमीटर अंदर स्थित है [[कबीर]] का निर्वाण स्थल। मगहर का पूरा इलाका मेहनतकश तबकों से आबाद है और पूरी ज़िदंगी पाखण्ड और पलायन पर आधारित [[धर्म]] के विपरीत कर्म और अन्तर्दृष्टि पर आधारित धर्म पर ज़ोर देने वाले [[कबीर]] के शरीर छोडने के लिए शायद इससे बेहतर इलाका नहीं हो सकता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कबीर]]
 
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Latest revision as of 06:45, 16 March 2020

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh

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1 kis bhasha ka jyada prayog bauddhavad ke prachar lie kiya gaya hai?

sanskrit
prakrit
pali
shauraseni

2 mahavir ki mrityu kahaan huee thi?

shravanabelagola
lumbini
kulagumalai
pavapuri

3 h dappavasi kis vastu ke utpadan mean sarvapratham the?

mudraean
kaanse ke auzar
kapas
jau

4 vaidik ganit ka mahattvapoorn aang hai-

shatapath brahman
atharvaved
shulv sootr
chhandogy upanishad

5 nimn mean se kis sthan par sant kabir ka nirvan sthal hai?

sasaram
mathura
magahar
ujjain

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan