बरवानी: Difference between revisions
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*5430 वर्ग कि.मी. में फैले बरवानी पर 13वीं शताब्दी में राणा शासकों का अधिकार था। | *5430 वर्ग कि.मी. में फैले बरवानी पर 13वीं शताब्दी में राणा शासकों का अधिकार था। | ||
*चूलगिरी के नाम से विख्यात यहाँ का बावनगंज [[जैन धर्म]] के [[तीर्थ स्थान|तीर्थ स्थलों]] का प्रमुख केन्द्र है। | *चूलगिरी के नाम से विख्यात यहाँ का [[बावनगंज]] [[जैन धर्म]] के [[तीर्थ स्थान|तीर्थ स्थलों]] का प्रमुख केन्द्र है। | ||
*यहाँ की पहाड़ी पर 15वीं शताब्दी में बने 11 मंदिरों को देखा जा सकता है। विश्व की सबसे ऊँची [[ऋषभनाथ तीर्थंकर|आदिनाथ]] की प्रतिमा यहीं स्थापित है।<ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=412 |title=बरवानी |accessmonthday= 24 अगस्त|accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language= [[हिन्दी]]}}</ref> | *यहाँ की पहाड़ी पर 15वीं शताब्दी में बने 11 मंदिरों को देखा जा सकता है। विश्व की सबसे ऊँची [[ऋषभनाथ तीर्थंकर|आदिनाथ]] की प्रतिमा यहीं स्थापित है।<ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=412 |title=बरवानी |accessmonthday= 24 अगस्त|accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language= [[हिन्दी]]}}</ref> | ||
Latest revision as of 07:01, 13 October 2012
बरवानी मध्य प्रदेश राज्य का एक ज़िला और ऐतिहासिक स्थान है, जो पूर्व मध्यकालीन ऐतिहासिक अवशेषों के लिए उल्लेखनीय है। यह नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। बरवानी को 'बडवानी' और 'सिद्ध नगर' नाम से भी जाना जाता है।
- मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में स्थित बरवानी ज़िला, सतपुडा पहाड़ियों और विन्ध्य वनों से घिरा हुआ है।
- बरवानी अपने प्राचीन स्मारकों के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
- 5430 वर्ग कि.मी. में फैले बरवानी पर 13वीं शताब्दी में राणा शासकों का अधिकार था।
- चूलगिरी के नाम से विख्यात यहाँ का बावनगंज जैन धर्म के तीर्थ स्थलों का प्रमुख केन्द्र है।
- यहाँ की पहाड़ी पर 15वीं शताब्दी में बने 11 मंदिरों को देखा जा सकता है। विश्व की सबसे ऊँची आदिनाथ की प्रतिमा यहीं स्थापित है।[1]
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