गजाग्रपद: Difference between revisions
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Latest revision as of 05:48, 8 November 2012
गजाग्रपद की गणना जैन साहित्य के अति प्राचीन आगम ग्रंथ 'एकादशअंगादि' में उल्लिखित जैन तीर्थों में है। इसकी स्थिति दशार्ण कुट में बताई गई है, जो संस्कृत में प्रसिद्ध दशार्ण देश (बुंदेलखंड का भाग) हो सकता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 273 |