लॉर्ड मिण्टो प्रथम: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('*'''लार्ड मिण्टो प्रथम''' 1807 ई. से 1813 ई. तक भारत का [[गवर्नर-...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
(9 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
*''' | *'''लॉर्ड मिण्टो प्रथम''' 1807 ई. से 1813 ई. तक [[भारत]] का [[गवर्नर-जनरल]] रहा। | ||
*वह अहस्तक्षेप नीति का समर्थक था और उसके शासनकाल में भारत किसी भी बड़े युद्ध में नहीं फँसा। | *वह अहस्तक्षेप नीति का समर्थक था और उसके शासनकाल में भारत किसी भी बड़े युद्ध में नहीं फँसा। | ||
*उसने कई राजनीतिक सफलताएँ प्राप्त कीं। उसने 1809 ई. में शक्ति प्रदर्शनों के द्वारा [[पिंडारी]] नेता | *उसने कई राजनीतिक सफलताएँ प्राप्त कीं। उसने 1809 ई. में शक्ति प्रदर्शनों के द्वारा [[पिंडारी]] नेता अमीर ख़ाँ को [[बरार]] में हस्तक्षेप करने से रोक दिया। | ||
*उसकी सबसे बड़ी राजनीतिक सलफता [[पंजाब]] के महाराज [[रणजीत सिंह]] के साथ 1809 ई. में की गई [[अमृतसर की सन्धि]] थी, जिसके फलस्व्ररूप [[सतलुज नदी]] पंजाब के [[सिक्ख]] राज्य तथा ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य की सीमा मान ली गई। | *उसकी सबसे बड़ी राजनीतिक सलफता [[पंजाब]] के महाराज [[रणजीत सिंह]] के साथ 1809 ई. में की गई [[अमृतसर की सन्धि]] थी, जिसके फलस्व्ररूप [[सतलुज नदी]] पंजाब के [[सिक्ख]] राज्य तथा ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य की सीमा मान ली गई। | ||
*भारत पर फ़्राँस और रूस के सम्मिलित हमले को रोकने के लिए | *भारत पर फ़्राँस और रूस के सम्मिलित हमले को रोकने के लिए लॉर्ड मिण्टो ने 1808 ई. में सर जॉन माल्कम को दूत बनाकर [[फ़ारस]] भेजा और उसी साल [[माउण्ट स्टुअर्ट एल्फ़िन्स्टन]] को [[अफ़ग़ानिस्तान]] के अमीर [[शाहशुजा]] के पास भेजा। | ||
*फ़्राँस और रूस के ख़तरे को दूर करने के उपायों के बारे में दोनों राज्यों से समझौता किया गया। 1810 ई. में फ़्राँस और रूस की दोस्ती टूट जाने से यह ख़तरा दूर हो गया। | *फ़्राँस और रूस के ख़तरे को दूर करने के उपायों के बारे में दोनों राज्यों से समझौता किया गया। 1810 ई. में फ़्राँस और रूस की दोस्ती टूट जाने से यह ख़तरा दूर हो गया। | ||
*फ़्राँस के हमले का भय अब भी बना रहा और | *फ़्राँस के हमले का भय अब भी बना रहा और लॉर्ड मिण्टो प्रथम ने 1810 ई. में पश्चिम में बौर्बन तथा मॉरिशस के फ़्राँसीसी द्वीपों को तथा पूर्व में [[डच]] लोगों के द्वारा अधिकृत अम्बोमना तथा मसाले वाले द्वीपों को तथा 1811 ई. में [[जावा द्वीप]] को जीत लिया। | ||
*इस प्रकार से | *इस प्रकार से लॉर्ड मिण्टो प्रथम ने फ़्राँस तथा पूर्वी द्वीप-समूह के उसके अधीनस्थ राज्यों के बढ़ाव पर प्रभावशाली ढंग से रोक लगा दी। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | |||
{{लेख प्रगति | |||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
{{cite book | last = भट्टाचार्य| first = सच्चिदानन्द | title = भारतीय इतिहास कोश | edition = द्वितीय संस्करण-1989| publisher = उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान| location = भारत डिस्कवरी पुस्तकालय| language = हिन्दी| pages = 362| chapter =}} | |||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | |||
{{अंग्रेज़ गवर्नर जनरल और वायसराय}} | |||
[[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:इतिहास कोश]] | ||
[[Category: | [[Category:औपनिवेशिक काल]] | ||
[[Category:अंग्रेज़ी शासन]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 06:59, 9 April 2014
- लॉर्ड मिण्टो प्रथम 1807 ई. से 1813 ई. तक भारत का गवर्नर-जनरल रहा।
- वह अहस्तक्षेप नीति का समर्थक था और उसके शासनकाल में भारत किसी भी बड़े युद्ध में नहीं फँसा।
- उसने कई राजनीतिक सफलताएँ प्राप्त कीं। उसने 1809 ई. में शक्ति प्रदर्शनों के द्वारा पिंडारी नेता अमीर ख़ाँ को बरार में हस्तक्षेप करने से रोक दिया।
- उसकी सबसे बड़ी राजनीतिक सलफता पंजाब के महाराज रणजीत सिंह के साथ 1809 ई. में की गई अमृतसर की सन्धि थी, जिसके फलस्व्ररूप सतलुज नदी पंजाब के सिक्ख राज्य तथा ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य की सीमा मान ली गई।
- भारत पर फ़्राँस और रूस के सम्मिलित हमले को रोकने के लिए लॉर्ड मिण्टो ने 1808 ई. में सर जॉन माल्कम को दूत बनाकर फ़ारस भेजा और उसी साल माउण्ट स्टुअर्ट एल्फ़िन्स्टन को अफ़ग़ानिस्तान के अमीर शाहशुजा के पास भेजा।
- फ़्राँस और रूस के ख़तरे को दूर करने के उपायों के बारे में दोनों राज्यों से समझौता किया गया। 1810 ई. में फ़्राँस और रूस की दोस्ती टूट जाने से यह ख़तरा दूर हो गया।
- फ़्राँस के हमले का भय अब भी बना रहा और लॉर्ड मिण्टो प्रथम ने 1810 ई. में पश्चिम में बौर्बन तथा मॉरिशस के फ़्राँसीसी द्वीपों को तथा पूर्व में डच लोगों के द्वारा अधिकृत अम्बोमना तथा मसाले वाले द्वीपों को तथा 1811 ई. में जावा द्वीप को जीत लिया।
- इस प्रकार से लॉर्ड मिण्टो प्रथम ने फ़्राँस तथा पूर्वी द्वीप-समूह के उसके अधीनस्थ राज्यों के बढ़ाव पर प्रभावशाली ढंग से रोक लगा दी।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 362।