शिव कपूर: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 39: | Line 39: | ||
==उपलब्धियां== | ==उपलब्धियां== | ||
#2002 में बुसान एशियाई खेलों में उन्होंने गोल्फ का स्वर्ण पदक जीता। | #2002 में बुसान एशियाई खेलों में उन्होंने गोल्फ का स्वर्ण पदक जीता। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
Latest revision as of 10:53, 6 October 2016
शिव कपूर
| |
पूरा नाम | शिव कपूर |
जन्म | 12 फरवरी 1982 |
जन्म भूमि | दिल्ली |
अभिभावक | श्री रवि कपूर |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | गोल्फ |
विद्यालय | पेरडू यूनीवर्सिटी, (अमेरिका) |
पुरस्कार-उपाधि | ‘एशियाई खेल’ (2002) |
प्रसिद्धि | भारतीय गोल्फर |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | 'शिव कपूर' ने वर्ष 2002 में बुसान एशियाई खेलों में गोल्फ में स्वर्ण पदक जीतकर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया था। |
शिव कपूर (अंग्रेज़ी: Shiv Kapur, जन्म- 12 फरवरी 1982, दिल्ली), पहले भारतीय है, जिन्होंने मलेशिया का ओपन एमेच्योर चैंपियनशिप मुकाबला जीता था। इन्हे भारत का दूसरा सर्वश्रेष्ठ 'एमेच्योर गोल्फर' माना जाता है। बुसान खेलों के पूर्व शिव 12 बड़े चैंपियनशिप मुकाबले जीत चुका थे, तब उसकी आयु मात्र 19 वर्ष थी।
परिचय
शिव कपूर का जन्म 12 फरवरी 1982 को दिल्ली में हुआ था तथा इनके पिता का नाम श्री रवि कपूर है। इन्हें भारत का दूसरा सर्वश्रेष्ठ एमेच्योर गोल्फर माना जाता है। यह पहले भारतीय है, जिन्होनें मलेशिया का ओपन एमेच्योर चैंपियनशिप मुकाबला जीता था। शिव माडर्न स्कूल से पढ़ कर उच्च शिक्षा प्राप्त करने अमेरिका चले गये। वहीं से वह बुसान एशियाई खेलों में भाग लेने पहुंचे। ‘मात्र 8 वर्ष की आयु में उसने गोल्फ खेलना शुरू कर दिया। वर्ष 2002 के बुसान एशियाई खेलों में शिव कपूर ने गोल्फ में स्वर्ण पदक जीतकर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया। thumb|250px|left|शिव कपूर
- चैंपियनशिप
बुसान खेलों के पूर्व शिव 12 बड़े चैंपियनशिप मुकाबले जीत चुके थे, तब उसकी आयु मात्र 19 वर्ष थी। बुसान खेलों के बाद शिव पहले जीत की खुशी अपने परिवार के साथ मनाने भारत आये, फिर अमेरिका की पेरडू यूनीवर्सिटी के लिए रवाना हो गये, जहां उस वक्त वह शिक्षा ग्रहण कर रहा थे।
- एशियाड खेल
शिव ने बुसान में लोगों को बताया था कि कैसे लक्ष्मण सिंह से बातचीत का लाभ उसे हुआ। लक्ष्मण ने 1982 में एशियाड में स्वर्ण जीता था, उसके बाद इतने वर्षों बाद भारत को गोल्फ में स्वर्णिम कामयाबी मिली। लक्षण ने उनसे एशियाड को किसी और टूर्नामेंट की तरह ही लेने को कहा था और कहा था कि इससे तुम पर दबाव नहीं आएगा। दूसरे दिन तीन ओवर में 75 का खराब स्कोर बनाने के बाद भी लक्ष्मण ने उनका हौंसला बढ़ाया और फिर वह स्वर्णिम मुकाम तक पहुंचे।[1] शिव एमेच्योर यानी गैर पेशेवर गोल्फर बनना चाहते हैं। अमेरिका के शीर्षस्थ खिलाड़ियों में एक शिव का सपना है कि प्रोफेशनल गोल्फर बनने के बाद वह यू. एस. टूर में खेले।
उपलब्धियां
- 2002 में बुसान एशियाई खेलों में उन्होंने गोल्फ का स्वर्ण पदक जीता।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ शिव कपूर का जीवन परिचय (हिंदी) कैसे और क्या। अभिगमन तिथि: 05 अक्टूबर, 2016।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख