अरविंद केजरीवाल: Difference between revisions

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}}'''अरविंद केजरीवाल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Arvind Kejriwal'', जन्म: [[6 जून]], [[1968]]) [[दिल्ली]] के वर्तमान [[मुख्यमंत्री]] हैं। वह एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं। खड़गपुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से स्नातक केजरीवाल को आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। इन्हें [[2006]] में 'आकस्मिक नेतृत्व (इमरजिंग लीडरशिप)' के लिए [[रमन मैगसेसे पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया। अरविंद केजरीवाल ने [[26 नवंबर]], [[2012]] को एक नये राजनैतिक दल [[आम आदमी पार्टी]] का गठन किया और [[दिसम्बर]], [[2013]] में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री [[शीला दीक्षित]] को हराकर राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया और [[28 दिसम्बर]], [[2013]] को [[दिल्ली के मुख्यमंत्री]] पद की शपथ ली। तब उनकी सरकार सिर्फ 49 दिन ही चल सकी। विधानसभा में जनलोकपाल बिल पेश करने में नाकाम रहने के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा [[14 फ़रवरी]], [[2014]] को उपराज्यपाल नजीब जंग को सौंप दिया था। इसके ठीक एक साल बाद अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव 2015 में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 14 फ़रवरी, 2015 को दुबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अब वह तीसरी बार [[16 फ़रवरी]], [[2020]] से मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं।
 
==जीवन परिचय==
==परिचय==
अरविंद केजरीवाल का जन्म [[6 जून]], [[1968]] में [[हरियाणा]] के [[हिसार]] में हुआ और उन्होंने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल (यांत्रिक) इंजीयरिंग में स्नातक (बीटेक) की उपाधि प्राप्त की। पिता गोविंदराम केजरीवाल जिंदल स्टील में इंजीनियर थे। टाटा स्टील कंपनी के साथ अपनी नौकरी छोड़ने के बाद, वह मिशनरीज ऑफ चैरिटी और पूर्वी और [[पूर्वोत्तर भारत]] में [[रामकृष्ण मिशन]] के साथ काम करते रहे। बाद में, [[1992]] में वे भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस/सिविल सर्विसेस, भारतीय सिविल सेवा का एक हिस्सा) में आ गए, और पहली पोस्टिंग में उन्हें [[दिल्ली]] में आयकर विभाग में आयकर आयुक्त (कमिश्नर) नियुक्त किया गया। उन्होंने कुछ विदेशी कंपनियों के काले कारनामे पकड़े कि किस तरह वे भारतीय आयकर क़ानून को तोड़ती हैं। उन्हें धमकियां मिलीं और फिर तबादला भी हो गया, जिसके बाद उनका सरकारी सेवा से मोहभंग हो गया। [[चित्र:KEJRIWAL.jpg|thumb|left|अरविंद केजरीवाल]]
अरविंद केजरीवाल वर्ष 1968 में जन्मे सरकार के कार्यो में अधिक से अधिक पारदर्शिता के लिए आंदोलन करते रहे हैं और एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता है। खड़गपुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से स्नातक केजरीवाल को आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। उन्हें 2006 में 'आकस्मिक नेतृत्व (इमरजिंग लीडरशिप)' के लिए रमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया, सूचना आंदोलन को जमीनी स्तर पर और सबसे गरीब नागरिकों को सरकार को जवाबदेह बनाकर भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए सक्रिय करने के लिए।
====भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जंग====
 
[[जनवरी]] [[2000]] में, उन्होंने काम से विश्राम ले लिया और दिल्ली आधारित एक नागरिक आन्दोलन 'परिवर्तन' नामक संस्था की स्थापना की, जो एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। इसके बाद, [[फ़रवरी]] [[2006]] में, उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया, और पूरे समय के लिए सिर्फ 'परिवर्तन' में ही काम करने लगे।  
==प्रारंभिक जीवन==
====सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान====
अरविंद केजरीवाल का जन्म 1968 में हरियाणा के हिसार में हुआ और उन्होंने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल (यांत्रिक) इंजीयरिंग में स्नातक (बीटेक) की उपाधि प्राप्त की। पिता गोविंदराम केजरीवाल जिंदल स्टील में इंजीनियर थे। अरविंद हमेशा भ्रष्टाचार और लोगों की निष्क्रियता से परेशान थे। टाटा स्टील कंपनी के साथ अपनी नौकरी छोड़ने के बाद, वह मिशनरीज ऑफ चैरिटी और पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में रामकृष्ण मिशन के साथ काम करते रहें। बाद में, 1992 में वे भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस/सिविल सर्विसेस, भारतीय सिविल सेवा का एक हिस्सा) में आ गए, और पहली पोस्टिंग में उन्हें दिल्ली में आयकर विभाग में आयकर आयुक्त (कमिश्नर) नियुक्त किया गया। उन्होंने कुछ विदेशी कंपनियों के काले कारनामे पकड़े कि किस तरह वे भारतीय आयकर कानून को तोड़ती हैं। उन्हें धमकियां मिलीं और फिर तबादला भी हो गया, जिसके बाद उनका सरकारी सेवा से मोहभंग हो गया। जल्द ही, उन्होंने महसूस किया कि सरकार में बहुप्रचलित भ्रष्टाचार के कारण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है।
राजस्थान कैडर की आईएएस अधिकारी [[अरुणा रॉय]] और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर, उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान शुरू किया, जो जल्दी ही एक मूक सामाजिक आन्दोलन बन गया। दिल्ली में ''सूचना अधिकार अधिनियम'' को [[2001]] में पारित किया गया और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय [[संसद]] ने [[2005]] में सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) को पारित कर दिया। इसके बाद, [[जुलाई]] [[2006]] में, उन्होंने पूरे [[भारत]] में आरटीआई के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक अभियान शुरू किया।  
 
==आम आदमी पार्टी का गठन==
एक अच्छे छात्र के गुण तो अरविंद केजरीवाल में थे, यह तो आईआईटी में उनके प्रवेश से साबित होता है, लेकिन इसके अलावा वे एक अच्छे अभिनेता भी रहे हैं। कॉलेज के दिनों से ही अरविंद कॉलेज के नाटक ग्रुप के साथ जुड़ गए थे। शायद कॉलेज के इन्हीं नाटकों ने अरविंद में एक जिम्मेदार नागरिक के बीज को अंकुरित कर दिया और वहीं से उनके दिल में देश के लिए कुछ करने का जज्बा पैदा हुआ। आज अरविंद केजरीवाल को सूचना के अधिकार से जोड़ कर देखा जाता है।
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[[2 अक्तूबर]] [[2012]] को [[महात्मा गाँधी]] और [[लालबहादुर शास्त्री]] के चित्रों से सजी पृष्ठभूमि वाले मंच से अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत कर दी। उन्होंने बाकायदा गांधी टोपी, जो अब "अण्णा टोपी" भी कहलाने लगी है, पहनी थी। वो शायद वही नारा लिखना पसंद करते जो पूरे "अन्ना आंदोलन" के दौरान टोपियों पर दिखाई देता रहा, "मैं अन्ना हजारे हूं।" लेकिन उन्हें अन्ना के नाम और तस्वीर के इस्तेमाल की इजाज़त नहीं है। इसलिए उन्होंने लिखवाया, "मैं आम आदमी हूं।" उन्होंने 2 अक्टूबर 2012 को ही अपने भावी राजनीतिक दल का दृष्टिकोण पत्र भी जारी किया।
==भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जंग==
आम आदमी पार्टी के गठन की आधिकारिक घोषणा अरविंद केजरीवाल एवं लोकपाल आंदोलन के बहुत से सहयोगियों द्वारा [[26 नवम्बर]] [[2012]], भारतीय संविधान अधिनियम की 63 वीं वर्षगांठ के अवसर पर [[दिल्ली]] स्थित स्थानीय जंतर मंतर पर की गई।
अपनी अधिकारिक स्थिति पर रहते हुए ही उन्होंने, भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जंग शुरू कर दी। अरविंद केजरीवाल ने आयकर विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अपनी आवाज बुलंद की। प्रारंभ में, अरविंद ने आयकर कार्यालय में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई परिवर्तन लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। जनवरी 2000 में, उन्होंने काम से विश्राम ले लिया और दिल्ली आधारित एक नागरिक आन्दोलन 'परिवर्तन' नामक संस्था की स्थापना की, जो एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। इस संस्था के जरिये अरविंद और उनके दोस्त भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज उठाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। आज वे न सिर्फ विभाग, बल्कि पूरे तंत्र में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ मोर्चे पर डटे हुए हैं। इसके बाद, फरवरी 2006 में, उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया, और पूरे समय के लिए सिर्फ 'परिवर्तन' में ही काम करने लगे। विभाग में कमिश्नर की नौकरी छोड़ने का उन्हें कोई दुख नहीं है। अरविंद कहते हैं, ‘मेरा मानना है कि जो जिंदगी पैसा कमाने के लिए खर्च कर दी जाए, वह जिंदगी ही खराब है।’
==दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013==
 
[[2013]] के दिल्ली विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने [[नई दिल्ली]] सीट से चुनाव लड़ा जहां उनकी सीधी टक्कर लगातार 15 साल से दिल्ली की मुख्यमंत्री [[शीला दीक्षित]] से थी। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 22 हज़ार मतों से हराया। नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया। आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी [[भारतीय जनता पार्टी]] के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। सत्तारूढ़ काँग्रेस पार्टी सिर्फ़ 10 सीटें लेकर तीसरे स्थान पर खिसक गयी।
==सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान==
==दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015==
राजस्थान कैडर की आईएएस अधिकारी अरुणा रॉय और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर, उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान शुरू किया, जो जल्दी ही एक मूक सामाजिक आन्दोलन बन गया। दिल्ली में ''सूचना अधिकार अधिनियम'' को 2001 में पारित किया गया और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संसद ने 2005 में सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) को पारित कर दिया। इसके बाद, जुलाई 2006 में, उन्होंने पूरे भारत में आरटीआई के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए एक अभियान शुरू किया। दूसरों को प्रेरित करने के लिए अरविन्द ने अब अपने संस्थान के माध्यम से एक आरटीआई पुरस्कार की शुरुआत की है।  
दिल्ली विधान सभा चुनाव 2015, [[7 फ़रवरी]] [[2015]] को आयोजित किया गया और परिणाम 10 फ़रवरी 2015 को घोषित किया गया। यह चुनाव दिल्ली के 70 विधानसभा सीटों पर लड़ा गया। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटें जीत कर भारी बहुमत हासिल किया। 14 फ़रवरी 2015 को वे दोबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए। इस चुनाव में [[भारतीय जनता पार्टी]] केवल 3 सीट जीत पाई और [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] का खाता भी नहीं खुला।
 
====सम्मान और पुरस्कार====
सूचना का अधिकार गरीब लोगों के लिए तो महत्त्वपूर्ण है ही, साथ ही आम जनता और पेशेवर लोगों के लिए भी यह उतना ही महत्त्वपूर्ण है। आज भी कई भारतीय सरकार के निर्वाचन की प्रक्रिया में निष्क्रिय दर्शक ही बने हुए हैं। अरविंद सूचना के अधिकार के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को अपनी सरकार से प्रश्न पूछने की शक्ति देते हैं। अपने संगठन परिवर्तन के माध्यम से वे लोगों को प्रशासन में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करते हैं।
*[[2004]]: अशोक फैलो, सिविक अंगेजमेंट
 
*[[2005]]: 'सत्येन्द्र दुबे मेमोरियल अवार्ड', आईआईटी कानपुर, सरकार पारदर्शिता में लाने के लिए उनके अभियान हेतु
6 फरवरी 2007 को, अरविन्द को वर्ष 2006 के लिए लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन 'इन्डियन ऑफ़ द इयर' के लिए नामित किया गया।
*[[2006]]: उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए [[रेमन मैग्सेसे पुरस्कार]]
 
*[[2006]]: लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन, 'इन्डियन ऑफ़ द इयर'
==पुरस्कार==
*[[2009]]: विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए आईआईटी खड़गपुर।
*2004: अशोक फैलो, सिविक अंगेजमेंट
====पुस्तकें====
*2005: 'सत्येन्द्र दुबे मेमोरियल अवार्ड', आईआईटी कानपुर, सरकार पारदर्शिता में लाने के लिए उनके अभियान हेतु
सूचना का अधिकार: व्यावहारिक मार्गदर्शिका- सह लेखक - विष्णु राजगडिया, राजकमल प्रकाशन, [[नई दिल्ली]] द्वारा वर्ष 2007 में प्रकाशित।
*2006: उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए रमन मेगसेसे अवार्ड
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*2006: लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन, 'इन्डियन ऑफ़ द इयर'
*2009: विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए आईआईटी खड़गपुर।
 
==पुस्तकें==
सूचना का अधिकार: व्यवहारिक मार्गदर्शिका- सह लेखक - विष्णु राजगडिया, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2007 में प्रकाशित।
 
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==बाहरी कड़ियाँ==
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*[http://rmaward.asia/awardees/kejriwal-arvind/ Kejriwal, Arvind]
==संबंधित लेख==
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Latest revision as of 09:13, 15 March 2020

अरविंद केजरीवाल
पूरा नाम अरविंद केजरीवाल
जन्म 6 जून, 1968
जन्म भूमि हिसार, हरियाणा
अभिभावक पिता- गोविंदराम केजरीवाल
पति/पत्नी सुनीता केजरीवाल
संतान 2
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि सामाजिक कार्यकर्ता, आम आदमी पार्टी के संयोजक
पार्टी आम आदमी पार्टी
पद दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री
कार्य काल 14 फ़रवरी, 2015 से अब तक
शिक्षा मैकेनिकल (यांत्रिक) इंजीनियरिंग में स्नातक
विद्यालय आईआईटी, खड़गपुर
भाषा हिंदी, अंग्रेज़ी
पुरस्कार-उपाधि रेमन मैग्सेसे पुरस्कार
अन्य जानकारी अरविंद केजरीवाल भारतीय राजनीति के इतिहास में पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री को चुनाव में सीधी टक्कर में हराकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
बाहरी कड़ियाँ आम आदमी पार्टी
अद्यतन‎

अरविंद केजरीवाल (अंग्रेज़ी: Arvind Kejriwal, जन्म: 6 जून, 1968) दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। वह एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं। खड़गपुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से स्नातक केजरीवाल को आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। इन्हें 2006 में 'आकस्मिक नेतृत्व (इमरजिंग लीडरशिप)' के लिए रमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अरविंद केजरीवाल ने 26 नवंबर, 2012 को एक नये राजनैतिक दल आम आदमी पार्टी का गठन किया और दिसम्बर, 2013 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराकर राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया और 28 दिसम्बर, 2013 को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तब उनकी सरकार सिर्फ 49 दिन ही चल सकी। विधानसभा में जनलोकपाल बिल पेश करने में नाकाम रहने के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा 14 फ़रवरी, 2014 को उपराज्यपाल नजीब जंग को सौंप दिया था। इसके ठीक एक साल बाद अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव 2015 में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 14 फ़रवरी, 2015 को दुबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अब वह तीसरी बार 16 फ़रवरी, 2020 से मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं।

जीवन परिचय

अरविंद केजरीवाल का जन्म 6 जून, 1968 में हरियाणा के हिसार में हुआ और उन्होंने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल (यांत्रिक) इंजीयरिंग में स्नातक (बीटेक) की उपाधि प्राप्त की। पिता गोविंदराम केजरीवाल जिंदल स्टील में इंजीनियर थे। टाटा स्टील कंपनी के साथ अपनी नौकरी छोड़ने के बाद, वह मिशनरीज ऑफ चैरिटी और पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में रामकृष्ण मिशन के साथ काम करते रहे। बाद में, 1992 में वे भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस/सिविल सर्विसेस, भारतीय सिविल सेवा का एक हिस्सा) में आ गए, और पहली पोस्टिंग में उन्हें दिल्ली में आयकर विभाग में आयकर आयुक्त (कमिश्नर) नियुक्त किया गया। उन्होंने कुछ विदेशी कंपनियों के काले कारनामे पकड़े कि किस तरह वे भारतीय आयकर क़ानून को तोड़ती हैं। उन्हें धमकियां मिलीं और फिर तबादला भी हो गया, जिसके बाद उनका सरकारी सेवा से मोहभंग हो गया। thumb|left|अरविंद केजरीवाल

भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जंग

जनवरी 2000 में, उन्होंने काम से विश्राम ले लिया और दिल्ली आधारित एक नागरिक आन्दोलन 'परिवर्तन' नामक संस्था की स्थापना की, जो एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। इसके बाद, फ़रवरी 2006 में, उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया, और पूरे समय के लिए सिर्फ 'परिवर्तन' में ही काम करने लगे।

सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान

राजस्थान कैडर की आईएएस अधिकारी अरुणा रॉय और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर, उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान शुरू किया, जो जल्दी ही एक मूक सामाजिक आन्दोलन बन गया। दिल्ली में सूचना अधिकार अधिनियम को 2001 में पारित किया गया और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संसद ने 2005 में सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) को पारित कर दिया। इसके बाद, जुलाई 2006 में, उन्होंने पूरे भारत में आरटीआई के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक अभियान शुरू किया।

आम आदमी पार्टी का गठन

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

2 अक्तूबर 2012 को महात्मा गाँधी और लालबहादुर शास्त्री के चित्रों से सजी पृष्ठभूमि वाले मंच से अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत कर दी। उन्होंने बाकायदा गांधी टोपी, जो अब "अण्णा टोपी" भी कहलाने लगी है, पहनी थी। वो शायद वही नारा लिखना पसंद करते जो पूरे "अन्ना आंदोलन" के दौरान टोपियों पर दिखाई देता रहा, "मैं अन्ना हजारे हूं।" लेकिन उन्हें अन्ना के नाम और तस्वीर के इस्तेमाल की इजाज़त नहीं है। इसलिए उन्होंने लिखवाया, "मैं आम आदमी हूं।" उन्होंने 2 अक्टूबर 2012 को ही अपने भावी राजनीतिक दल का दृष्टिकोण पत्र भी जारी किया। आम आदमी पार्टी के गठन की आधिकारिक घोषणा अरविंद केजरीवाल एवं लोकपाल आंदोलन के बहुत से सहयोगियों द्वारा 26 नवम्बर 2012, भारतीय संविधान अधिनियम की 63 वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली स्थित स्थानीय जंतर मंतर पर की गई।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013

2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा जहां उनकी सीधी टक्कर लगातार 15 साल से दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से थी। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 22 हज़ार मतों से हराया। नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया। आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। सत्तारूढ़ काँग्रेस पार्टी सिर्फ़ 10 सीटें लेकर तीसरे स्थान पर खिसक गयी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015

दिल्ली विधान सभा चुनाव 2015, 7 फ़रवरी 2015 को आयोजित किया गया और परिणाम 10 फ़रवरी 2015 को घोषित किया गया। यह चुनाव दिल्ली के 70 विधानसभा सीटों पर लड़ा गया। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटें जीत कर भारी बहुमत हासिल किया। 14 फ़रवरी 2015 को वे दोबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी केवल 3 सीट जीत पाई और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला।

सम्मान और पुरस्कार

  • 2004: अशोक फैलो, सिविक अंगेजमेंट
  • 2005: 'सत्येन्द्र दुबे मेमोरियल अवार्ड', आईआईटी कानपुर, सरकार पारदर्शिता में लाने के लिए उनके अभियान हेतु
  • 2006: उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार
  • 2006: लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन, 'इन्डियन ऑफ़ द इयर'
  • 2009: विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए आईआईटी खड़गपुर।

पुस्तकें

सूचना का अधिकार: व्यावहारिक मार्गदर्शिका- सह लेखक - विष्णु राजगडिया, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2007 में प्रकाशित।

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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

भारतीय राज्यों में पदस्थ मुख्यमंत्री
क्रमांक राज्य मुख्यमंत्री तस्वीर पार्टी पदभार ग्रहण
1. अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू 80px|center भाजपा 17 जुलाई, 2016
2. असम हिमंता बिस्वा सरमा 80px|center भाजपा 10 मई, 2021
3. आंध्र प्रदेश वाई एस जगनमोहन रेड्डी 80px|center वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 30 मई, 2019
4. उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ 80px|center भाजपा 19 मार्च, 2017
5. उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी 80px|center भाजपा 4 जुलाई, 2021
6. ओडिशा नवीन पटनायक 80px|center बीजू जनता दल 5 मार्च, 2000
7. कर्नाटक सिद्धारमैया 80px|center भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 20 मई, 2023
8. केरल पिनाराई विजयन 80px|center मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 25 मई, 2016
9. गुजरात भूपेन्द्र पटेल 80px|center भाजपा 12 सितम्बर, 2021
10. गोवा प्रमोद सावंत 80px|center भाजपा 19 मार्च, 2019
11. छत्तीसगढ़ विष्णु देव साय 80px|center भारतीय जनता पार्टी 13 दिसम्बर, 2023
12. जम्मू-कश्मीर रिक्त (राज्यपाल शासन) लागू नहीं 20 जून, 2018
13. झारखण्ड हेमन्त सोरेन 80px|center झारखंड मुक्ति मोर्चा 29 दिसम्बर, 2019
14. तमिल नाडु एम. के. स्टालिन 80px|center द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम 7 मई, 2021
15. त्रिपुरा माणिक साहा 80px|center भाजपा 15 मई, 2022
16. तेलंगाना अनुमुला रेवंत रेड्डी 80px|center भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस 7 दिसंबर, 2023
17. दिल्ली अरविन्द केजरीवाल 80px|center आप 14 फ़रवरी, 2015
18. नागालैण्ड नेफियू रियो 80px|center एनडीपीपी 8 मार्च, 2018
19. पंजाब भगवंत मान 80px|center आम आदमी पार्टी 16 मार्च, 2022
20. पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी 80px|center तृणमूल कांग्रेस 20 मई, 2011
21. पुदुचेरी एन. रंगास्वामी 80px|center कांग्रेस 7 मई, 2021
22. बिहार नितीश कुमार 80px|center जदयू 27 जुलाई, 2017
23. मणिपुर एन. बीरेन सिंह 80px|center भाजपा 15 मार्च, 2017
24. मध्य प्रदेश मोहन यादव 80px|center भाजपा 13 दिसंबर, 2023
25. महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे 80px|center शिव सेना 30 जून, 2022
26. मिज़ोरम लालदुहोमा 80px|center जोरम पीपल्स मूवमेंट 8 दिसम्बर, 2023
27. मेघालय कॉनराड संगमा 80px|center एनपीपी 6 मार्च, 2018
28. राजस्थान भजन लाल शर्मा 80px|center भारतीय जनता पार्टी 15 दिसम्बर, 2023
29. सिक्किम प्रेम सिंह तमांग 80px|center सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 27 मई, 2019
30. हरियाणा नायब सिंह सैनी 80px|center भाजपा 12 मार्च, 2024
31. हिमाचल प्रदेश सुखविंदर सिंह सुक्खू 80px|center भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 11 दिसम्बर, 2022

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