अमरसिंह चौधरी: Difference between revisions
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'''अमरसिंह चौधरी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Amarsinh Chaudhary'', मृत्यु- [[15 अगस्त]], [[2004]], [[अहमदाबाद]], [[गुजरात]]) [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के राजनीतिज्ञ थे। वह [[गुजरात]] के भूतपूर्व आठवें [[मुख्यमंत्री]] थे। अमरसिंह चौधरी [[6 जुलाई]], [[1985]] से [[9 दिसंबर]], [[1989]] तक [[गुजरात के मुख्यमंत्री]] रहे।<br /> | '''अमरसिंह चौधरी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Amarsinh Chaudhary'', जन्म- [[31 जुलाई]] [[1941]], [[सूरत]], [[भारत]]; मृत्यु- [[15 अगस्त]], [[2004]], [[अहमदाबाद]], [[गुजरात]]) [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के राजनीतिज्ञ थे। वह [[गुजरात]] के भूतपूर्व आठवें [[मुख्यमंत्री]] थे। अमरसिंह चौधरी [[6 जुलाई]], [[1985]] से [[9 दिसंबर]], [[1989]] तक [[गुजरात के मुख्यमंत्री]] रहे।<br /> | ||
*[[1972]] के लोकसभा चुनाव में अमरसिंह चौधरी को [[सूरत]] की व्यारा सुरक्षित सीट से [[कांग्रेस]] का टिकट मिला था। सामने थे कांग्रेस (ओ) के पी.के. नगजीभाई चौधरी। 15351 वोट से अमरसिंह चौधरी यह चुनाव जीत गए। सूबे में कांग्रेस को 168 में से 140 सीट मिलीं। [[घनश्यामभाई ओझा]] नए मुख्यमंत्री बनाए गए। | *[[1972]] के लोकसभा चुनाव में अमरसिंह चौधरी को [[सूरत]] की व्यारा सुरक्षित सीट से [[कांग्रेस]] का टिकट मिला था। सामने थे कांग्रेस (ओ) के पी.के. नगजीभाई चौधरी। 15351 वोट से अमरसिंह चौधरी यह चुनाव जीत गए। सूबे में कांग्रेस को 168 में से 140 सीट मिलीं। [[घनश्यामभाई ओझा]] नए मुख्यमंत्री बनाए गए। | ||
*अमरसिंह चौधरी को पहली दफा विधायक बनने के साथ ही मंत्री की कुर्सी मिल गई। उन्हें इंजीनियर होने के कारण बांध कार्य मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया। | *अमरसिंह चौधरी को पहली दफा विधायक बनने के साथ ही मंत्री की कुर्सी मिल गई। उन्हें इंजीनियर होने के कारण बांध कार्य मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया। |
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thumb|200px|अमरसिंह चौधरी
अमरसिंह चौधरी (अंग्रेज़ी: Amarsinh Chaudhary, जन्म- 31 जुलाई 1941, सूरत, भारत; मृत्यु- 15 अगस्त, 2004, अहमदाबाद, गुजरात) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ थे। वह गुजरात के भूतपूर्व आठवें मुख्यमंत्री थे। अमरसिंह चौधरी 6 जुलाई, 1985 से 9 दिसंबर, 1989 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे।
- 1972 के लोकसभा चुनाव में अमरसिंह चौधरी को सूरत की व्यारा सुरक्षित सीट से कांग्रेस का टिकट मिला था। सामने थे कांग्रेस (ओ) के पी.के. नगजीभाई चौधरी। 15351 वोट से अमरसिंह चौधरी यह चुनाव जीत गए। सूबे में कांग्रेस को 168 में से 140 सीट मिलीं। घनश्यामभाई ओझा नए मुख्यमंत्री बनाए गए।
- अमरसिंह चौधरी को पहली दफा विधायक बनने के साथ ही मंत्री की कुर्सी मिल गई। उन्हें इंजीनियर होने के कारण बांध कार्य मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया।
- गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले अमरसिंह चौधरी पांच अलग-अलग मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके थे।[1]
- सत्ता में आते ही अमरसिंह चौधरी ने आरक्षण में हुई 18 फीसदी बढ़ोतरी को स्थगित कर दिया था।
- नर्मदा बांध परियोजना के काम को ठीक से चलाने के लिए नर्मदा कॉर्पोरेशन की स्थापना की। उनके कार्यकाल के अंत तक आधे गुजरात को सिंचाई के लिए नहर का पानी मिलने लग गया था।
- चार साल के कार्यकाल के दरम्यान तीन साल तक गुजरात सूखे की चपेट में था। राजकोट में बिगड़ती स्थिति पर काबू पाने के लिए उन्होंने गांधीनगर से राजकोट तक ट्रेन के मार्फत पानी पहुंचाया। "काम के बदले अनाज योजना" शुरू की।
- 1985 और 1986 में अहमदाबाद में जगन्नाथ यात्रा के दौरान भयंकर दंगे हुए। ऐसे में उन्होंने 1987 में यात्रा पर रोक लगाने की बजाय उसकी इजाज़त दी। भारी पुलिस बंदोबस्त में बिना किसी हिंसा के यात्रा हुई।
- अमरसिंह चौधरी 'वृद्धावस्था पेंशन योजना' की शुरुआत की।
- वह गुजरात के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री थे। 15 अगस्त, 2004 के रोज वह इस दुनिया से रुखसत हो गए।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गुजरात का वो आदिवासी मुख्यमंत्री जिसने आरक्षण को वापस ले लिया था (हिंदी) thelallantop.com। अभिगमन तिथि: 27 फरवरी, 2020।
बाहरी कडियाँ
संबंधित लेख
क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |