विमलदास: Difference between revisions
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*इनकी 'सप्तभंगीतरंगिणी' नाम की तर्क कृति है, जिसमें सप्तभंगों का अच्छा विवेचन किया गया है। | *इनकी 'सप्तभंगीतरंगिणी' नाम की तर्क कृति है, जिसमें सप्तभंगों का अच्छा विवेचन किया गया है। | ||
*यह [[दर्शन शास्त्र|दर्शन]] और न्याय दोनों की प्रतिपादिका है। | *यह [[दर्शन शास्त्र|दर्शन]] और न्याय दोनों की प्रतिपादिका है। | ||
*इनका समय वि. की 18वीं शती है। | *इनका समय वि. की 18वीं शती है। | ||
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Latest revision as of 19:41, 14 September 2010
आचार्य विमलदास
- इनकी 'सप्तभंगीतरंगिणी' नाम की तर्क कृति है, जिसमें सप्तभंगों का अच्छा विवेचन किया गया है।
- यह दर्शन और न्याय दोनों की प्रतिपादिका है।
- इनका समय वि. की 18वीं शती है।