पद्मावती (स्थान): Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (गोविन्द राम ने पद्मावती पर पुनर्निर्देश छोड़े बिना उसे पद्मावती (स्थान) पर स्थानांतरित किया)
 
(2 intermediate revisions by one other user not shown)
(No difference)

Latest revision as of 07:53, 2 December 2017

चित्र:Disamb2.jpg पद्मावती एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- पद्मावती (बहुविकल्पी)
  • मध्य प्रदेश के ग्वालियर के समीप वर्तमान पद्मपवैया नामक स्थान ही प्राचीन काल का पद्मावती नगर था।
  • कुछ विद्वानों के अनुसार यह नगर विदर्भ में सिन्धु एवं पारा (पार्वती) नामक दो नदियों के संगम पर स्थित था।
  • इसकी पहचान आधुनिक विजयनगर से की गई है, जो नलपुर या नरवर से 25 मील आगे विद्यानगर का एक भ्रष्ट रूप है।
  • भवभूति ने (मालवी माधव, प्रथम अंक में) इस नगरी के सौंदर्य तथा वैभव विलास का वर्णन किया है।
  • इस स्थान को उनकी जन्मस्थली माना जाता था।
  • यह भवन कई खण्डों का था।
  • यह भवन राजप्रासाद प्रतीत होता है।
  • गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त की प्रयाग-प्रशास्ति में राजा गणपति नाग का उल्लेख है, जिसे समुद्रगुप्त ने हराकर अपने अधीन कर लिया था।
  • विसेंट स्मिथ के अनुसार पद्मावती गणपतिनाग की राजधानी थी।
  • पद्मावती तृतीय-चतुर्थ शती में नाग राजाओं की राजधानी थी।
  • यहाँ के लोग शिव के अनन्य भक्त थे, वे अपने कन्धों पर शिवलिंग वहन करते थे, अतः उन्हें भारशिव कहा गया।
  • नाग राजाओं के अनेक सिक्के यहाँ से प्राप्त हुए हैं तथा प्रथम शताब्दी से आठवीं शताब्दी तक के अनेक ऐतिहासिक अवशेष भी मिले हैं।
  • इनमें प्रमुख अवशेष ईंटों से बना एक विशाल भवन है।
  • यह भवन कई खण्डों का था।
  • यह भवन राजप्रासाद प्रतीत होता है।
  • भारत में इस स्थान के अतिरिक्त केवल अहिच्छत्र में ही इस प्रकार के विशालकाय भवनों के अवशेष मिले हैं।
  • लगता है कि ये भवन नाग वास्तुकला के उदाहरण हैं, क्योंकि दोनों ही स्थानों पर नाग नरेशों का आधिपत्य था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख