कनखल तीर्थ मथुरा: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=कनखल |लेख का नाम=कनखल (बहुविकल्पी)}} | |||
तथा कनखलं तीर्थं गुह्म तीर्थं परं मम ।<br /> | तथा कनखलं तीर्थं गुह्म तीर्थं परं मम ।<br /> | ||
स्नानमात्रेण तत्रापि नाकपृष्ठे स मोदते ।।<br /> | स्नानमात्रेण तत्रापि नाकपृष्ठे स मोदते ।।<br /> | ||
इस तीर्थ में [[महादेव]]–[[पार्वती देवी|पार्वती]] श्री [[विष्णु|हरि]] की आराधना में सदैव तत्पर रहते हैं । जिस प्रकार महादेव [[शंकर]] ने [[दक्ष|दक्ष प्रजापति]] के ऊपर कृपा कर उसे संसार सागर से मुक्त कर दिया था, उसी प्रकार इस तीर्थ में स्नान करने से [[ब्रह्मलोक]] प्राप्त होता है । | इस तीर्थ में [[महादेव]]–[[पार्वती देवी|पार्वती]] श्री [[विष्णु|हरि]] की आराधना में सदैव तत्पर रहते हैं । जिस प्रकार महादेव [[शंकर]] ने [[दक्ष|दक्ष प्रजापति]] के ऊपर कृपा कर उसे संसार सागर से मुक्त कर दिया था, उसी प्रकार इस तीर्थ में स्नान करने से [[ब्रह्मलोक]] प्राप्त होता है । | ||
{{प्रचार}} | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} | {{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} |
Latest revision as of 08:11, 3 July 2011
चित्र:Disamb2.jpg कनखल | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- कनखल (बहुविकल्पी) |
तथा कनखलं तीर्थं गुह्म तीर्थं परं मम ।
स्नानमात्रेण तत्रापि नाकपृष्ठे स मोदते ।।
इस तीर्थ में महादेव–पार्वती श्री हरि की आराधना में सदैव तत्पर रहते हैं । जिस प्रकार महादेव शंकर ने दक्ष प्रजापति के ऊपर कृपा कर उसे संसार सागर से मुक्त कर दिया था, उसी प्रकार इस तीर्थ में स्नान करने से ब्रह्मलोक प्राप्त होता है ।