हिन्दी सामान्य ज्ञान 9: Difference between revisions
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-श्रीधर पाठक | -श्रीधर पाठक | ||
-मुकुटधर पांडेय | -मुकुटधर पांडेय | ||
|| [[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|जयशंकर प्रसाद|100px|right]] महाकवि जयशंकर प्रसाद हिंदी नाट्य जगत और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयशंकर प्रसाद]] | |||
{'प्रगतिवाद उपयोगितावाद का दूसरा नाम है।' यह कथन किसका है? | {'प्रगतिवाद उपयोगितावाद का दूसरा नाम है।' यह कथन किसका है? | ||
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-[[मैथिलीशरण गुप्त]] | -[[मैथिलीशरण गुप्त]] | ||
-[[सुमित्रानंदन पंत]] | -[[सुमित्रानंदन पंत]] | ||
|| [[चित्र:Premchand.jpg|right|80px|मुंशी प्रेमचंद]] [[भारत]] के उपन्यास सम्राट '''मुंशी प्रेमचंद''' (जन्म- [[31 जुलाई]], [[1880]] - मृत्यु- [[8 अक्टूबर]], [[1936]]) के युग का विस्तार सन 1880 से 1936 तक है। यह कालखण्ड भारत के इतिहास में बहुत महत्त्व का है। इस युग में भारत का स्वतंत्रता-संग्राम नई मंज़िलों से गुज़रा। प्रेमचंद का वास्तविक नाम '''धनपत राय श्रीवास्तव''' था। वे एक सफल लेखक, देशभक्त नागरिक, कुशल वक्ता, ज़िम्मेदार संपादक और संवेदनशील रचनाकार थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में जब [[हिन्दी]] में काम करने की तकनीकी सुविधाएँ नहीं थीं फिर भी इतना काम करने वाला लेखक उनके सिवा कोई दूसरा नहीं हुआ। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[मुंशी प्रेमचंद|प्रेमचंद]] | |||
{'तोड़ती पत्थर' (कविता) के कवि हैं- | {'तोड़ती पत्थर' (कविता) के कवि हैं- | ||
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+[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला|सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला']] | +[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला|सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला']] | ||
-माखन लाल चतुर्वेदी | -माखन लाल चतुर्वेदी | ||
|| [[चित्र:Suryakant Tripathi Nirala.jpg|सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला|100px|right]] [[हिन्दी]] के छायावादी कवियों में 'सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला' कई दृष्टियों से विशेष महत्त्वपूर्ण हैं। वे एक कवि, उपन्यासकार, निबन्धकार और कहानीकार थे। उन्होंने कई रेखाचित्र भी बनाये। उनका व्यक्तित्व अतिशय विद्रोही और क्रान्तिकारी तत्त्वों से निर्मित हुआ है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]] | |||
{'हार की जीत' (कहानी) के कहानीकार हैं- | {'हार की जीत' (कहानी) के कहानीकार हैं- | ||
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-[[मैथिलीशरण गुप्त]] | -[[मैथिलीशरण गुप्त]] | ||
-[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] | -[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] | ||
|| [[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|जयशंकर प्रसाद|100px|right]] महाकवि जयशंकर प्रसाद हिंदी नाट्य जगत और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयशंकर प्रसाद]] | |||
{'चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग'। इस पंक्ति के रचयिता हैं- | {'चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग'। इस पंक्ति के रचयिता हैं- |
Revision as of 06:10, 14 January 2011
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