णाय कुमार चरिउ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('*महाकवि पुष्पदंत जैन साहित्य के अत्यंत प्रसिद्ध ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (श्रेणी:नया पन्ना (को हटा दिया गया हैं।))
Line 14: Line 14:
{{जैन धर्म2}}
{{जैन धर्म2}}
{{जैन धर्म}}
{{जैन धर्म}}
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:आदि काल]]
[[Category:आदि काल]]
[[Category:साहित्य_कोश]]
[[Category:साहित्य_कोश]]

Revision as of 11:28, 23 August 2011

  • महाकवि पुष्पदंत जैन साहित्य के अत्यंत प्रसिद्ध महाकवि थे।
  • इन्होंने अपने ग्रंथ 'णाय कुमार चरित' (नाग कुमार चरित) के अंत में अपने माता पिता का संकेत करते हुए सम्प्रदाय का भी उल्लेख किया है।[1]
  • णाय कुमार चरिउ (नाग कुमार चरित्र) ग्रंथ महामात्य नन्न की प्रेरणा से लिखा गया है।
  • यह एक खण्ड काव्य है, जिसमें नौ संधियाँ हैं।
  • पंचमी के उपवास का फल करने वाले नाग कुमार का चरित्र इसका विषय है।
  • प्रथम राष्ट्रकूट वंश के महाराजाधिराज कृष्णराज (तृतीय) के महामात्य भरत और दूसरे महामात्य भरत के पुत्र नन्न, जो आगे चल कर महामात्य नन्न हुए। इन्हीं दोनों के प्रोत्साहन से महाकवि पुष्पदंत ने अनेक ग्रंथों की रचना की।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सिव भत्ताइं मि जिण सण्णासें वे वि मयाइं दुरियणिण्णासें। वंभणाइं कासवरिसि गोत्तइं गुरुवयणामिय पूरियसोत्तमं॥

संबंधित लेख