शोभनाथ मन्दिर श्रावस्ती: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) |
||
Line 16: | Line 16: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{जैन धर्म}} | {{जैन धर्म2}}{{जैन धर्म}} | ||
[[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:जैन धार्मिक स्थल]][[Category:जैन धर्म कोश]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:जैन मन्दिर]] | [[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:जैन धार्मिक स्थल]][[Category:जैन धर्म कोश]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:जैन मन्दिर]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Revision as of 06:24, 11 October 2011
[[चित्र:Shobhnath-Temple.jpg|शोभनाथ मन्दिर, श्रावस्ती|250px|thumb]] शोभनाथ का मंदिर महेत, श्रावस्ती के पश्चिम में स्थित है। इस मंदिर का शोभनाथ नाम तीसवें तीर्थंकर संभवनाथ के नाम पर पड़ा। विश्वास किया जाता है कि जैनियों के तीसरे तीर्थकर संभवनाथ का जन्म श्रावस्ती में ही हुआ था।[1] श्री होवी ने सर्वप्रथम यहाँ 1824-25 और 1875-76 में सीमित उत्खनन करवाया था लेकिन उत्खनन से प्राप्त विवरण अत्यंत संक्षिप्त एवं संदिग्ध है।
मंदिर का उत्खनन
उत्खनन से पता चलता है कि इस मंदिर का पूर्वी किनारा पूर्व से पश्चिम 59 फुट व उत्तर से दक्षिण 49 फुट हे। यह खंडित ईंटों से निर्मित एक दीवार (8 ½ फुट X 1 फुट) से घिरा है। एक पूरी ईंट की नाम 12 इंच X 7 इंच X 2 इंच है। चिनाई में काफ़ी संख्या में छोटी नक्कशीदार ईंटे प्रयुक्त हुई थीं। संभवत: ये नक़्क़ाशीदार ईंटें किसी पुरानी संरचना से ली गई थीं।
वास्तुकला
आँगन को घेरने वाली दीवार की ऊँचाई को बाहर की तरफ 4 फुट 6 इंच तथा अंदर फर्श की तरह से 2 से 3 फुट की ऊँचाई तक ही सीमित रखा गया है। आँगन में पूर्व की तरफ से सीढ़ियों के माध्यम से प्रवेश किया जा सकता है। जिनकी लंबाई 23 फुट 6 इंच तथा चौड़ाई 12 फुट 6 इंच है तथा जो नीचे की तरफ घुमावदार बनाई गई हैं। उल्लेखनीय है कि इस तरह की नक़्क़ाशीदार ईंटें अन्य खंडहरों से भी मिली हैं। उत्खनन से यह ज्ञात होता है कि ये सीढ़ियाँ बाहरी आँगन में बनी हुई हैं जो 50 फुट चौड़ा तथा अंदर के आँगन के फर्श की तरह से 5 फुट नीचे है। इस निचली सतह से यह शीघ्रता से अनुमान नहीं लगाना चाहिए कि बाहरी आँगन जिसकी अंशत: खुदाई हुई थी, पूर्ववर्ती काल से सम्बन्धित है। इसके विपरीत यह एक प्राभाविक रूप से परवर्ती परिवर्धन है क्योंकि इसकी दीवारों का निर्माण अंदर के आँगन की दीवारों पर किया गया है। सतह में अंतर संभवत: इस परिस्थिति के कारण होता है क्योंकि अंदर का पश्चिमी आँगन, पहले के अवशेषों पर निर्मित है, लेकिन इस तथ्य की पुष्टि अभी उत्खनन से नहीं हो सकी है।
शोभनाथ मंदिर का ऊपरी भाग एक गुम्बदाकार इमारत है, जो प्रत्यक्ष रूप में पठान युग के मुसलमानी मक़बरा जैसी प्रतीत होती है। यह मंदिर सन 1885 में पूर्व सुरक्षित था लेकिन श्री होवी के उत्खनन के समय से तथा उसके कारण वह आंशिक रूप से जीर्ण-शीर्ण हो गया है।[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख