दशाश्वमेध घाट वाराणसी: Difference between revisions
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दशाश्वमेध घाट वाराणसी में स्थित [[गंगा]] नदी का एक घाट है। | [[चित्र:Dasaswamedha-Ghat.jpg|thumb|250px|दशाश्वमेध घाट, [[वाराणसी]]]] | ||
'''दशाश्वमेध घाट''' वाराणसी में स्थित [[गंगा]] नदी का एक घाट है। | |||
*इस घाट का निर्माण '''नगर निगम''' ने करवाया है। | *इस घाट का निर्माण '''नगर निगम''' ने करवाया है। | ||
*दशाश्वमेध घाट गोदौलिया से गंगा जाने वाले मार्ग के अंतिम छोर पर पड़ता है। | *दशाश्वमेध घाट गोदौलिया से गंगा जाने वाले मार्ग के अंतिम छोर पर पड़ता है। |
Revision as of 09:43, 18 January 2012
[[चित्र:Dasaswamedha-Ghat.jpg|thumb|250px|दशाश्वमेध घाट, वाराणसी]] दशाश्वमेध घाट वाराणसी में स्थित गंगा नदी का एक घाट है।
- इस घाट का निर्माण नगर निगम ने करवाया है।
- दशाश्वमेध घाट गोदौलिया से गंगा जाने वाले मार्ग के अंतिम छोर पर पड़ता है।
- प्राचीन ग्रंथो के मुताबिक राजा दिवोदास द्वारा यहाँ दस अश्वमेध यज्ञ कराने के कारण इसका नाम दशाश्वमेध घाट पड़ा।
- एक अन्य मत के अनुसार नागवंशीय राजा वीरसेन ने चक्रवर्ती बनने की आकांक्षा में इस स्थान पर दस बार अश्वमेध कराया था।
- वाराणसी (काशी) में गंगा तट पर अनेक सुंदर घाट बने हैं, ये सभी घाट किसी न किसी पौराणिक या धार्मिक कथा से संबंधित हैं।
- वाराणसी में लगभग 84 घाट हैं। ये घाट लगभग 4 मील लम्बे तट पर बने हुए हैं।
- वाराणसी के 84 घाटों में पाँच घाट बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से 'पंचतीर्थ' कहा जाता है। ये हैं असी घाट, दशाश्वमेध घाट, आदिकेशव घाट, पंचगंगा घाट तथा मणिकार्णिका घाट।
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