कड़वाहा: Difference between revisions
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कड़वाहा [[मध्य प्रदेश]] राज्य के [[ग्वालियर|ग्वालियर ज़िले]] में स्थित है। कड़वाहा का प्राचीन नाम '''कंदबगुहा''' था। मध्यकाल<ref>10वीं [[शती]] के पश्चात् तथा 16वीं से पूर्व</ref> में बने हुए लगभग बारह मंदिरों के लिए कड़वाहा प्रसिद्ध है। वे मंदिर कड़वाहा ग्राम के चारों ओर एक मील के घेरे में स्थित हैं। इनमें से एक शिवालय आज भी अच्छी अवस्था में है और मध्ययुगीन कला का श्रेष्ठ उदाहरण है। | |||
कड़वाहा में एक प्राचीन [[विहार]] के खंडहर प्राप्त हुए हैं और कड़वाहा के एक [[अभिलेख]] से ज्ञात होता है कि यह विहार या मठ '''मत्तमयूर''' नामक शैव साधुओं के लिए बनवाया गया था। इस संप्रदाय को मध्यकाल में काफ़ी लोकप्रियता प्राप्त थी जैसा कि [[मध्य प्रदेश]] में प्राप्त इनके बहुसंख्यक मठों और अभिलेखों से सूचित होता है। | |||
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*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 127-128| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
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Revision as of 13:11, 23 May 2018
कड़वाहा मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर ज़िले में स्थित है। कड़वाहा का प्राचीन नाम कंदबगुहा था। मध्यकाल[1] में बने हुए लगभग बारह मंदिरों के लिए कड़वाहा प्रसिद्ध है। वे मंदिर कड़वाहा ग्राम के चारों ओर एक मील के घेरे में स्थित हैं। इनमें से एक शिवालय आज भी अच्छी अवस्था में है और मध्ययुगीन कला का श्रेष्ठ उदाहरण है।
कड़वाहा में एक प्राचीन विहार के खंडहर प्राप्त हुए हैं और कड़वाहा के एक अभिलेख से ज्ञात होता है कि यह विहार या मठ मत्तमयूर नामक शैव साधुओं के लिए बनवाया गया था। इस संप्रदाय को मध्यकाल में काफ़ी लोकप्रियता प्राप्त थी जैसा कि मध्य प्रदेश में प्राप्त इनके बहुसंख्यक मठों और अभिलेखों से सूचित होता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 127-128| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार