रामायण सामान्य ज्ञान: Difference between revisions
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||[[जमदग्नि]] बहुत ही महान [[ऋषि]] थे, जिनका उल्लेख [[सप्तर्षि|सप्तऋषियों]] में किया जाता है। ये भृगुवंशी ऋचीक के पुत्र थे। जमदग्नि चार पुत्रों के [[पिता]] थे। इन्होंने अपने पुत्रों से माता [[रेणुका]] का शीश काटने के लिए कहा, किंतु उन्होंने इस कार्य को करने से इंकार कर दिया। इनकी आज्ञा पर ही इनके चौथे पुत्र [[परशुराम]] ने माता का शीश काट लिया। परशुराम स्वयं [[विष्णु]] के [[अवतार]] बताये गये हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-[[जमदग्नि]] | ||[[चित्र:Parashurama.jpg|right|100px|परशुराम]][[जमदग्नि]] बहुत ही महान [[ऋषि]] थे, जिनका उल्लेख [[सप्तर्षि|सप्तऋषियों]] में किया जाता है। ये भृगुवंशी ऋचीक के पुत्र थे। जमदग्नि चार पुत्रों के [[पिता]] थे। इन्होंने अपने पुत्रों से माता [[रेणुका]] का शीश काटने के लिए कहा, किंतु उन्होंने इस कार्य को करने से इंकार कर दिया। इनकी आज्ञा पर ही इनके चौथे पुत्र [[परशुराम]] ने माता का शीश काट लिया। परशुराम स्वयं [[विष्णु]] के [[अवतार]] बताये गये हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-[[जमदग्नि]] | ||
{निम्नलिखित में से किसे ब्रह्महत्या का पाप लगा था? | {निम्नलिखित में से किसे ब्रह्महत्या का पाप लगा था? |
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