किरथर पर्वत: Difference between revisions
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*किरथर पर्वत लगभग 23 13 से 28 36 उत्तरी अक्षांश तथा 67 11 से 60 40 पूर्व देशांतर रेखाओं के मध्य फैली पर्वत श्रेणी है। | *किरथर पर्वत लगभग 23 13 से 28 36 उत्तरी अक्षांश तथा 67 11 से 60 40 पूर्व देशांतर रेखाओं के मध्य फैली पर्वत श्रेणी है। |
Latest revision as of 12:23, 25 October 2017
किरथर पर्वत सिंध तथा बलूचिस्तान में झालावान क्षेत्र की सीमा पर स्थित है। यह पर्वत पहाड़ियों की एक ही श्रृंखलाबद्ध श्रेणी के रूप में मौज अंतरीप तक चला गया है। इस पर्वत पर पाये जाने वाले वन्य जीवों में 'पर्वतीय भेड़', 'काला भालू' तथा 'चीता' आदि प्रमुख हैं।[1]
- किरथर पर्वत लगभग 23 13 से 28 36 उत्तरी अक्षांश तथा 67 11 से 60 40 पूर्व देशांतर रेखाओं के मध्य फैली पर्वत श्रेणी है।
- मूला नदी जहाँ अपने पर्वतीय पथ से कच्छी मैदान में उतरती है, वहाँ से किरथर पर्वत ठीक दक्षिण दिशा में लगभग 190 मील तक, नग्न पथरीली पहाड़ियों की समांतर श्रेणियों के रूप में फैला हुआ है।
- इस पर्वत की एक उपश्रेणी दक्षिण-पूर्व में पाकिस्तान के कराची ज़िले तक चली गई है।
- किरथर पर्वत पहाड़ियों की एक ही श्रृंखलाबद्ध श्रेणी के रूप में मौज अंतरीप तक चला गया है। इसकी सर्वाधिक चौड़ाई लगभग 60 मील है।
- 'जरदक' नामक शिखर किरथर का सर्वोच्च शिखर है, जिसकी ऊँचाई लगभग 7,430 फुट है।
- इसकी प्रधान उपशाखा 'लक्खी श्रेणी' कहलाती है।
- 'कालोची' अथवा 'गज नदी' किरथर पर्वतमाला में खड्ड बनाती हुई प्रवाहित होती है।
- इस पर्वत श्रेणी में हरबाब, फुसी, रोहेल, गर्रे आदि प्रमुख दरे है।
- किरथर पर्वत के नाम पर ही इस क्षेत्र में उपलब्ध चूना पत्थर का भू-वैज्ञानिक नाम 'किरथर चूना पत्थर' पड़ा है।
- बलूच, जाट तथा ब्राहुई इन पहाड़ियों में रहने वाली प्रमुख जातियां हैं, जिनका मुख्य धंधा भेड़ पालना है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ किरथर पर्वत (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 18 फ़रवरी, 2014।