भेंटेउ तनय सुमित्राँ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{सूचना बक्सा पुस्तक |चित्र=Sri-ramcharitmanas.jpg |चित्र का नाम=रा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
Line 31: Line 31:
{{poemopen}}
{{poemopen}}
<poem>
<poem>
;चौपाई
;दोहा
भेंटेउ तनय सुमित्राँ राम चरन रति जानि।
भेंटेउ तनय सुमित्राँ राम चरन रति जानि।
रामहि मिलत कैकई हृदयँ बहुत सकुचानि॥6 क॥
रामहि मिलत कैकई हृदयँ बहुत सकुचानि॥6 क॥

Latest revision as of 04:45, 5 June 2016

भेंटेउ तनय सुमित्राँ
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक रामचरितमानस
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली सोरठा, चौपाई, छन्द और दोहा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड उत्तरकाण्ड
दोहा

भेंटेउ तनय सुमित्राँ राम चरन रति जानि।
रामहि मिलत कैकई हृदयँ बहुत सकुचानि॥6 क॥

भावार्थ

सुमित्राजी अपने पुत्र लक्ष्मण जी की श्री राम जी के चरणों में प्रीति जानकर उनसे मिलीं। श्री रामजी से मिलते समय कैकेयी जी हृदय में बहुत सकुचाईं॥6 (क)॥


left|30px|link=जनु धेनु बालक बच्छ तजि|पीछे जाएँ भेंटेउ तनय सुमित्राँ right|30px|link=लछिमन सब मातन्ह मिलि|आगे जाएँ


दोहा- मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख