हाट बाट नहिं जाइ निहारी: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
कविता भाटिया (talk | contribs) ('{{सूचना बक्सा पुस्तक |चित्र=Sri-ramcharitmanas.jpg |चित्र=Sri-ramcharitmanas.jpg...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "बाजार" to "बाज़ार") |
||
Line 41: | Line 41: | ||
;भावार्थ | ;भावार्थ | ||
बाज़ार और रास्ते देखे नहीं जाते। मानो नगर में दसों दिशाओं में दावाग्नि लगी है! पुत्र को आते सुनकर सूर्यकुल रूपी कमल के लिए चाँदनी रूपी कैकेयी (बड़ी) हर्षित हुई॥1॥ | |||
{{लेख क्रम4| पिछला= पुरजन मिलहिं न कहहिं |मुख्य शीर्षक=रामचरितमानस |अगला= सजि आरती मुदित उठि धाई}} | {{लेख क्रम4| पिछला= पुरजन मिलहिं न कहहिं |मुख्य शीर्षक=रामचरितमानस |अगला= सजि आरती मुदित उठि धाई}} | ||
Latest revision as of 13:22, 15 November 2016
हाट बाट नहिं जाइ निहारी
| |
कवि | गोस्वामी तुलसीदास |
मूल शीर्षक | रामचरितमानस |
मुख्य पात्र | राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि |
प्रकाशक | गीता प्रेस गोरखपुर |
शैली | चौपाई, सोरठा, छन्द और दोहा |
संबंधित लेख | दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा |
काण्ड | अयोध्या काण्ड |
सभी (7) काण्ड क्रमश: | बालकाण्ड, अयोध्या काण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किंधा काण्ड, सुंदरकाण्ड, लंकाकाण्ड, उत्तरकाण्ड |
- श्री भरत-शत्रुघ्न का आगमन और शोक
हाट बाट नहिं जाइ निहारी। जनु पुर दहँ दिसि लागि दवारी॥ |
- भावार्थ
बाज़ार और रास्ते देखे नहीं जाते। मानो नगर में दसों दिशाओं में दावाग्नि लगी है! पुत्र को आते सुनकर सूर्यकुल रूपी कमल के लिए चाँदनी रूपी कैकेयी (बड़ी) हर्षित हुई॥1॥
left|30px|link=पुरजन मिलहिं न कहहिं|पीछे जाएँ | हाट बाट नहिं जाइ निहारी | right|30px|link=सजि आरती मुदित उठि धाई|आगे जाएँ |
चौपाई- मात्रिक सम छन्द का भेद है। प्राकृत तथा अपभ्रंश के 16 मात्रा के वर्णनात्मक छन्दों के आधार पर विकसित हिन्दी का सर्वप्रिय और अपना छन्द है। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में चौपाई छन्द का बहुत अच्छा निर्वाह किया है। चौपाई में चार चरण होते हैं, प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं तथा अन्त में गुरु होता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पुस्तक- श्रीरामचरितमानस (अयोध्याकाण्ड) |प्रकाशक- गीताप्रेस, गोरखपुर |संकलन- भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|पृष्ठ संख्या-246
संबंधित लेख