आई. एम. विजयन: Difference between revisions

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==जीवन परिचय==
==जीवन परिचय==
आई. एम. विजयन, जो भारतीय फ़ुटबॉल के सबसे अच्छे स्ट्राइकरों में से एक हैं, के जीवन की [[कहानी]] गरीब से अमीर बनने की कहानी जैसी है। वह त्रिसुर में सोडे की बोतलें बेचा करते थे और एक दिन वह भारतीय फ़ुटबॉल की एक महत्त्वपूर्ण पहचान बन गए। यह सब आई. एम. विजयन की कड़ी मेहनत और लगन का नतीजा है कि वह उस स्थान तक पहुँच सके। आई. एम. विजयन ने [[फ़ुटबॉल]] खिलाड़ी बन कर प्रसिद्धि पाई है और केरल पुलिस, [[मोहन बागान ए. सी.]], जे.सी.टी. मिल्स, एफ.सी. कोचीन तथा भारतीय टीमों के लिए फ़ुटबॉल खेली है। वह स्ट्राइकर पोजीशन पर खेलते हैं।<ref>{{cite web |url=https://www.kaiseaurkya.com/im-vijayan-biography-in-hindi-language/|title=आई. एम. विजयन का जीवन परिचय |accessmonthday=06 सितम्बर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=कैसे और क्या |language=हिन्दी }}</ref>
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विजयन ने [[1987]] में राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार केरल पुलिस के लिए फ़ुटबॉल में भाग लिया। यद्यपि विजयन की शारीरिक बनावट अजीब व रूखा-सूखा व्यक्तित्व था, परन्तु उन्होंने [[खेल]] में अपनी अलग छाप छोड़ी। पुलिस में 4 वर्ष तक कार्य करने के पश्चात् विजयन ने [[केरल]] छोड़कर कलकत्ता क्लब फ़ुटबॉल में शामिल होना बेहतर समझा, क्योंकि उन्हें अपना बेहतर भविष्य नजर आया। तब उन्होंने मोहन बागान और ईस्ट बंगाल जैसे दिग्गजों के साथ खेलकर कुछ बेहतर फलदायक वर्ष बिताए।
विजयन ने [[1987]] में राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार केरल पुलिस के लिए फ़ुटबॉल में भाग लिया। यद्यपि विजयन की शारीरिक बनावट अजीब व रूखा-सूखा व्यक्तित्व था, परन्तु उन्होंने [[खेल]] में अपनी अलग छाप छोड़ी। पुलिस में 4 वर्ष तक कार्य करने के पश्चात् विजयन ने [[केरल]] छोड़कर कलकत्ता क्लब फ़ुटबॉल में शामिल होना बेहतर समझा, क्योंकि उन्हें अपना बेहतर भविष्य नजर आया। तब उन्होंने मोहन बागान और ईस्ट बंगाल जैसे दिग्गजों के साथ खेलकर कुछ बेहतर फलदायक वर्ष बिताए।

Revision as of 09:19, 12 April 2018

आई. एम. विजयन
पूरा नाम इंवलप्पिल मनी विजयन
जन्म 25 अप्रैल, 1969
जन्म भूमि त्रिसुर, केरल
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र फ़ुटबॉल
पुरस्कार-उपाधि अर्जुन पुरस्कार’ (2002)
प्रसिद्धि फ़ुटबॉल खिलाड़ी
नागरिकता भारतीय
विशेष वर्ष 2002 में एम. विजयन को ‘अर्जुन पुरस्कार’ दिया गया। यह पुरस्कार पाने वाले विजयन केरल के प्रथम फ़ुटबॉल खिलाड़ी हैं।
अन्य जानकारी एम. विजयन ने 1999 के सैफ खेलों में सबसे तेज गोल लगाने का रिकॉर्ड बनाया। उन्होने 12 सेकन्ड के भीतर भूटान के विरुद्ध गोल लगा दिया था।
अद्यतन‎ 05:38, 09 नवम्बर-2016 (IST)

आई. एम. विजयन (अंग्रेज़ी: I. M. Vijayan, जन्म- 25 अप्रैल, 1969, त्रिसुर, केरल) भारत के प्रसिद्ध फ़ुटबॉल खिलाड़ी हैं। उनका पूरा नाम इंवलप्पिल मनी विजयन है। वे 1999 के सैफ खेलों में सबसे तेज़ी से अंतरराष्ट्रीय गोल बनाने वाले फुटबाल खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2003 में अफ्रो-एशियाई खेलों में सर्वाधिक स्कोर बनाया था। उन्हें 2002 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ दिया गया।

जीवन परिचय

आई. एम. विजयन, जो भारतीय फ़ुटबॉल के सबसे अच्छे स्ट्राइकरों में से एक हैं, के जीवन की कहानी ग़रीब से अमीर बनने की कहानी जैसी है। वह त्रिसुर में सोडे की बोतलें बेचा करते थे और एक दिन वह भारतीय फ़ुटबॉल की एक महत्त्वपूर्ण पहचान बन गए। यह सब आई. एम. विजयन की कड़ी मेहनत और लगन का नतीजा है कि वह उस स्थान तक पहुँच सके। आई. एम. विजयन ने फ़ुटबॉल खिलाड़ी बन कर प्रसिद्धि पाई है और केरल पुलिस, मोहन बागान ए. सी., जे.सी.टी. मिल्स, एफ.सी. कोचीन तथा भारतीय टीमों के लिए फ़ुटबॉल खेली है। वह स्ट्राइकर पोजीशन पर खेलते हैं।[1]

विजयन ने 1987 में राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार केरल पुलिस के लिए फ़ुटबॉल में भाग लिया। यद्यपि विजयन की शारीरिक बनावट अजीब व रूखा-सूखा व्यक्तित्व था, परन्तु उन्होंने खेल में अपनी अलग छाप छोड़ी। पुलिस में 4 वर्ष तक कार्य करने के पश्चात् विजयन ने केरल छोड़कर कलकत्ता क्लब फ़ुटबॉल में शामिल होना बेहतर समझा, क्योंकि उन्हें अपना बेहतर भविष्य नजर आया। तब उन्होंने मोहन बागान और ईस्ट बंगाल जैसे दिग्गजों के साथ खेलकर कुछ बेहतर फलदायक वर्ष बिताए।

अन्तर्राष्ट्रीय शुरुआत

विजयन ने अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखते हुए 1989 में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल की शुरुआत की। उन्होंने विभिन्न टूर्नामेंटों में भारतीय खिलाड़ियों की ओर से हमला भी जारी रखा। उन्होंने नेहरू कप, प्रि-ओलंपिक, प्रि-वर्ल्ड कप, सैफ कप, सैफ खेलों में भाग लिया। उन्होंने भारत के अन्य बेहतरीन खिलाड़ी वाइचुंग भूटिया के साथ जोड़ी बनाते हुए भारत की फारवर्ड लाइन को मजबूत किया।

अर्जुन पुरस्कार

एम. विजयन केरल के प्रथम फ़ुटबॉल खिलाड़ी बने, जिन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार 2002 में प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें 1993 में, 1997 में तथा 1999 में ‘बेस्ट फ़ुटबॉलर ऑफ द ईयर’ चुना गया।

रिकॉर्ड

1999 के सैफ खेलों में विजयन ने एक नई उपलब्धि हासिल की। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे तेज गोल करने का रिकॉर्ड उनके नाम बन गया। उन्होंने नेट पर आने के 12 सेकन्ड के भीतर भूटान के विरुद्ध गोल लगा दिया। इसके बाद विजयन का खेलों से विदाई लेने का वक्त आया तो उन्होंने विदाई भी स्टाइलपूर्वक ली। 2003 में अफ्रो-एशियाई खेलों में खेल कर उन्होंने खेल से विदाई ली, लेकिन इन खेलों में वह चार गोल लगाकर सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी के रूप में प्रस्तुत हुए। खेलों से रिटायरमेंट के पश्चात् विजयन ने एक पुरस्कार विजेता फिल्म ‘संयम’ में काम किया, जिसे जयराज ने निर्देशित किया था।

उपलब्धियां

  1. एम. विजयन भारतीय फ़ुटबॉल टीम का हिस्सा रहे हैं। विजयन ने 1999 के सैफ खेलों में सबसे तेज गोल लगाने का रिकॉर्ड बनाया। उन्होने 12 सेकन्ड के भीतर भूटान के विरुद्ध गोल लगा दिया।
  2. 2003 के अफ्रो-एशियाई खेलों में विजयन 4 गोल लगाकर सर्वाधिक गोल लगाने वाले खिलाड़ी के रूप में उभरे और उसके बाद उन्होंने खेलों से सन्यास ले लिया।
  3. वर्ष 2002 में एम. विजयन को ‘अर्जुन पुरस्कार’ दिया गया। यह पुरस्कार पाने वाले विजयन केरल के प्रथम फ़ुटबॉल खिलाड़ी हैं।
  4. उन्होंने जयराज द्वारा निदेशित पुरस्कृत फिल्म ‘सयंम’ में अभिनय किया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आई. एम. विजयन का जीवन परिचय (हिन्दी) कैसे और क्या। अभिगमन तिथि: 06 सितम्बर, 2016।

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