ए. आर. रहमान: Difference between revisions
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Revision as of 11:49, 31 December 2020
ए. आर. रहमान
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पूरा नाम | अल्ला रक्खा रहमान |
प्रसिद्ध नाम | ए. आर. रहमान |
जन्म | 6 जनवरी, 1966 |
जन्म भूमि | मद्रास |
अभिभावक | पिता- आर. के. शेखर, माता- कस्तूरी |
कर्म भूमि | मुंबई |
कर्म-क्षेत्र | संगीतकार, गीतकार, गायक |
मुख्य फ़िल्में | रोज़ा, बॉम्बे, दिल से, लगान, ताल, 'स्लमडॉग मिलेनियर' आदि। |
पुरस्कार-उपाधि | 14 फ़िल्मफेयर पुरस्कार, 4 राष्ट्रीय पुरस्कार, 2 ऑस्कर पुरस्कार, 2 ग्रैमी पुरस्कार |
प्रसिद्धि | रहमान गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय हैं। |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | रहमान पहले ऐसे भारतीय हैं जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फ़िल्म 'स्लमडॉग मिलेनियर' में उनके संगीत के लिए तीन ऑस्कर नामांकन हासिल किए हैं। |
अद्यतन | 18:25, 25 दिसम्बर 2011 (IST)
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ए. आर. रहमान (अंग्रेज़ी: Allahrakka Rahman, जन्म: 6 जनवरी 1966) एक प्रसिद्ध संगीतकार हैं। इनका पूरा नाम 'अल्ला रक्खा रहमान' है। सुरों के बादशाह रहमान ने हिंदी के अलावा अन्य कई भाषाओं की फ़िल्मों में भी संगीत दिया है। रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिला था।
जीवन परिचय
जन्म
रहमान का जन्म 6 जनवरी 1966 को मद्रास, भारत में हुआ था। इनके पिता का नाम आर. के. शेखर और माता का नाम कस्तूरी है। इनका बचपन का नाम दिलीप कुमार था जो बाद में इस्लाम धर्म अपनाने के कारण ए. आर. रहमान हो गया।
बचपन
8 वर्ष की आयु में ही उनके पिता आर. के. शेखर का देहांत हो गया और उनके घर में आर्थिक तंगी आ गई। किसी तरह संगीत के वाद्य यंत्र किराए पे देकर गुजर-बसर किया। हालात इतने बिगड़ गए कि उनके परिवार को इस्लाम अपनाना पड़ा। 70 के दशक में रहमान ने इस्लाम धर्म ग्रहण किया।
शिक्षा
रहमान ने संगीत की आरंभिक शिक्षा मास्टर धनराज से प्राप्त की और मात्र 11 वर्ष की उम्र में अपने बचपन के मित्र शिवमणि के साथ रहमान बैंड रुट्स के लिए की-बोर्ड (सिंथेसाइजर) बजाने का कार्य करते रहे। वे इलियाराजा के बैंड के लिए काम करते थे। 1991 में पहली बार रहमान ने गाना रिकॉर्ड करना शुरू किया।
कैरियर
रहमान ने अपने शुरुआती कैरियर में कुछ टीवी विज्ञापन एवं धारावाहिकों में अपने संगीत को जिंगल्स के रूप में दिया। उन्हें सबसे बड़ी कामयाबी 1992 में तब मिली जब सुप्रसिद्ध निर्देशक मणिरत्नम ने उन्हें अपनी फ़िल्म 'रोज़ा' का संगीत देने की पेशकश की। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा, इसी फ़िल्म के लिए उन्हें उस साल 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार' से सम्मानित भी किया गया।
सर्वश्रेष्ठ फ़िल्में
रहमान ने अब तक 100 से भी अधिक गानों में अपना संगीत दिया है जो कि कई भाषाओ में है। उनकी कुछ सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों में 'रोज़ा', 'बॉम्बे', 'दिल से', 'लगान', 'ताल', 'वन्दे मातरम' शामिल है। हाल की कुछ फ़िल्मों में 'जोधा अकबर', 'रंग दे बसंती', 'दिल्ली 6' एवं 'स्लमडॉग मिलेनियर' शामिल है। रहमान ने केवल भारतीय ही नहीं बल्कि विश्व के कई बड़े कलाकारों के साथ प्रशंसनीय संगीत दिया है।
सम्मान और पुरस्कार
- टाइम्स पत्रिका ने उन्हें 'मोजार्ट ऑफ मद्रास' की उपाधि दी।
- संगीत में अभूतपूर्व योगदान के लिए 1995 में 'मॉरीशस नेशनल अवॉर्ड्स', 'मलेशियन अवॉर्ड्स'।
- चार बार संगीत के लिए 'राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता'।
- फर्स्ट वेस्ट एंड प्रोडक्शन के लिए 'लारेंस ऑलीवर अवॉर्ड्स'।
- 2000 में 'पद्मश्री' से सम्मानित।
- विश्व संगीत में योगदान के लिए 2006 में 'स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी' से सम्मानित।
- मध्यप्रदेश सरकार का 'लता मंगेशकर अवॉर्ड्स'।
- छः बार 'तमिलनाडु स्टेट फ़िल्म अवॉर्ड' विजेता।
- 14 बार 'फ़िल्मफेयर' विजेता।
- 13 बार 'फ़िल्म फेयर साउथ अवॉर्ड' विजेता।
- रहमान 'गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड' से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय हैं।
- ए. आर. रहमान ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फ़िल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके संगीत के लिए तीन ऑस्कर नामांकन हासिल हुए हैं। इसी फ़िल्म के गीत जय हो.. के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक कंपाइलेशन और सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मी गीत की श्रेणी में दो 'ग्रैमी पुरस्कार' मिले।
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