कोथामूरियट्टम: Difference between revisions

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*एक अन्य चरित्र सांड का होता है, जिसमें कलाकार कपड़े से बनी आकृति को अपनी कमर पर पहनता है और बड़े ही निराले अंदाज में नाचता है।
*एक अन्य चरित्र सांड का होता है, जिसमें कलाकार कपड़े से बनी आकृति को अपनी कमर पर पहनता है और बड़े ही निराले अंदाज़में नाचता है।


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Latest revision as of 06:35, 10 February 2021

कोथामूरियट्टम केरल की लोक कला है। इस कला का प्रदर्शन कुन्नूर ज़िले में किया जाता है।

  • नर्तकों के समूह का मुखिया हर घर में जाता है और चेंदा नाम का वाद्य यंत्र बजाकर गीत गाना आरंभ करता है। जबकि दो अन्य पात्र अपने चेहरे पर मुखौटा पहने एक लकड़ी में नारियल के खोल पिरोकर और उस पर पीले रंग के कपड़े का रेशमी गुच्छा बांधकर चलते हुए कुरूथोला गाते व दोहराते हुए चलते हैं। इसके साथ ही वे रास्ते पर हास्यास्पद भाव-भंगिमाएं बनाते हुए आगे बढ़ते रहते हैं। उनके इस स्वांग के चरित्र को 'पनियन' के नाम से जाना जाता है।
  • एक अन्य चरित्र सांड का होता है, जिसमें कलाकार कपड़े से बनी आकृति को अपनी कमर पर पहनता है और बड़े ही निराले अंदाज़में नाचता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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