देवसेन: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
||
Line 5: | Line 5: | ||
*यह नय-मर्मज्ञ मनीषी थे। | *यह नय-मर्मज्ञ मनीषी थे। | ||
{{प्रचार}} | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार=आधार1 | |आधार=आधार1 |
Revision as of 12:34, 10 January 2011
आचार्य देवसेन
- आचार्य देवसेन ने प्राकृत में नयचक्र लिखा है।
- संभव है इसी का उल्लेख आचार्य विद्यानन्द ने अपने तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक[1] में किया हो और उससे ही नयों को विशेष जानने की सूचना की हो।
- इनका अस्तित्व समय वि0 सं0 9वीं शती माना जाता है।
- यह नय-मर्मज्ञ मनीषी थे।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक,पृ0 276