कुट्टीअट्टम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 24: Line 24:
[[Category:कला कोश]]
[[Category:कला कोश]]
[[Category:संस्कृति कोश]] __INDEX__
[[Category:संस्कृति कोश]] __INDEX__
__NOTOC__

Revision as of 11:12, 6 February 2011

300px|thumb|कुट्टी अट्टम नृत्य शास्त्रीय नृत्य में कटियाट्टम केरल के शास्‍त्रीय रंग मंच का अद्वितीय रूप है जो अत्‍यंत मनमोहक है। यह‍ 2000 वर्ष पहले के समय से किया जाता था और यह संस्‍कृत के नाटकों का अभिनय है और यह भारत का सबसे पुराना रंग मंच है, जिसे निरंतर प्रदर्शित किया जाता है।

इतिहास

राजा कुल शेखर वर्मन ने 10वीं शताब्‍दी ए. डी. में कुटियाट्टम में सुधार किया और रूप संस्‍कृत में प्रदर्शन की परम्‍परा को जारी रखे हुए है। प्राकृत भाषा और मलयालम अपने प्राचीन रूपों में इस माध्‍यम को जीवित रखे हैं। इस भण्‍डार में भास, हर्ष और महेन्‍द्र विक्रम पल्‍लव द्वारा दिखे गए नाटक शामिल हैं।

पारम्‍परिक रूप

पारम्‍परिक रूप से चकयार जाति के सदस्‍य इसमें अभिनय करते हैं और यह इस समूह को समर्पण ही है जो शताब्दियों से कुटियाट्टम के संरक्षण का उत्तरदायी है। द्रुमरों की उप जाति नाम्बियार को इस रंग मंच के साथ निझावू के अभिनेता के रूप में जोड़ा जाता है (मटके के आकार का एक बड़ा ड्रम कुटियाट्टम की विशेषता है)। नाम्बियार समुदाय की महिलाएं इसमें महिला चरित्रों का अभिनय करती है और बेल धातु की घंटियां बजती है। जबकि अन्‍य समुदायों के लोग इस नाट्य कला का अध्‍ययन करते हैं और मंच पर प्रदर्शन में भाग ले सकते हैं, किन्‍तु वे मंदिरों में प्रदर्शन नहीं करते।

प्रदर्शन

प्रदर्शन आम तौर पर कई दिनों तक चलते हैं, इनमें से कुछ च‍रित्रों के परिचय और उनके जीवन की घटनाओं को समर्पित किए जाते हैं। इस पूरे प्रदर्शन में शुरूआत से अंत तक इसे अंतिम दिन तक चलाया जाता है। जबकि इसका अनिवार्य रूप से अर्थ नहीं है कि नाटक के संपूर्ण लिखित पाठ को अभिनय में ढाला जाए। कुटियाट्टम की एक शाम रात 9 बजे शुरू होती है जब मंदिर के मुख्‍य गर्भ गृह के रीति रिवाज पूरे हो जाते हैं तथा यह अर्धरात्रि तक, कभी कभार सुबह 3 बजे तक चलता है, जब तक सुबह के रीति रिवाज आरंभ हों।

अभिनय

जटिल हाव भाव की भाषा, मंत्रोच्‍चार, चेहरे और आंखों की अतिशय अभिव्‍यक्ति विस्‍तृत मुकुट और चेहरे की सज्‍जा के साथ मिलकर कुटियाट्टम का अभिनय बनाते हैं। इसमें मिझावू ड्रमों द्वारा, छोटी घंटियों और इडक्‍का (एक सीधे गिलास के आकार का ड्रम) से तथा कुझाल (फूंक कर बजाने वाला एक वाद्य) और शंख से संगीत दिया जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख