बड़ा गणपति मंदिर इन्दौर: Difference between revisions
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Revision as of 08:45, 14 February 2011
- मध्य प्रदेश राज्य के शहर इन्दौर में कई पर्यटन स्थल है जिनमें से एक बड़ा गणपति मंदिर है।
- बड़ा गणपति मंदिर इन्दौर के सभी मंदिरों में सबसे महत्त्वपूर्ण हैं।
- इस मंदिर में पूजा करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
- हर साल, गणेश चतुर्थी के दिन बड़ा गणपति मंदिर में हजारों एवं लाखों भक्तजन भगवान के दर्शन के लिए उपस्थित होते हैं।
- भगवान गणेश से मन्नत माँगने के लिए देश के विभिन्न जगह से श्रद्धालुजन इस मंदिर में आते हैं।
- बड़ा गणपति मंदिर में भक्तजन चाहें वे निम्न वर्ग तथा उच्च स्तर के हों सभी एकत्रित होकर भगवान गणेश जी की आराधना करते हैं। धन, दान के रूप में गरीबों तथा जरूरतमंद लोगों को दिया जाता है।
- सन 1875 में इस भव्य मंदिर का निर्माण किया गया था। इसे मूर्त रूप देने में ढाई साल लगे थे।
- इसमें गणपतिजी की विशाल मूर्ति विराजमान है।
- 25 फुट ऊँची यह मूर्ति, विश्व की सबसे विशाल प्रतिमा है।
- पौराणिक कथा के अनुसार इन्दौर के एक नागरिक ने स्वप्न में भगवान गणेश को देखा तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उन्होंने गणेशजी की मूर्ति स्थापित करने के लिए तैयारियाँ प्रारंभ कर दीं।
- भगवान गणेश की विशाल प्रतिमा के कारण ही मंदिर का नाम बड़ा गणपति मंदिर रखा गया।[1]
निर्माण
इसे बनाने में ईंट, बालू, चूना और मेथी के दाने के मसाले का इस्तेमाल किया गया था। इसमें सभी तीर्थ स्थानों का जल और काशी, अयोध्या, अवंतिका और मथुरा की मिट्टी को मिलाने के साथ ही घुड़साल, हाथीखाना, गोशाला की मिट्टी और रत्नों में हीरा, पन्ना, पुखराज, मोती, माणिक आदि का भी समावेश है।[2] शहर के पश्चिम क्षेत्र में स्थित प्राचीनता से ज़्यादा अपने आकार के लिए प्रसिद्ध इस मन्दिर में विद्यमान गणपति संभवतः विश्व में सबसे बढ़े है जिनकी ऊँचाई नख से शिख एक लगभग 25 फीट है। बड़ा गणपति को साल में चार बार चोला चढ़ाया जाता है। चोला को एक बार चढ़ाने में 15 दिन लग जाते हैं। चोला एक मन का होता है जिसमें 25 किलोग्राम सिंदूर और 15 किलोग्राम घी का मिश्रण होता है।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ इंदौर के ख्यात गणपति मंदिर (हिन्दी) नारद समाचार। अभिगमन तिथि: 9 फ़रवरी, 2011।
- ↑ कुछ प्रेक्षनीय स्थल एवं संक्षिप्त परिचय (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) अभ्यास मंडल। अभिगमन तिथि: 9 फ़रवरी, 2011।
- ↑ एशिया के सबसे बड़े गणपति इंदौर में (हिन्दी) ख़ास खबर। अभिगमन तिथि: 9 फ़रवरी, 2011।
बाहरी कडियाँ
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