लुड्डी नृत्य: Difference between revisions
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Revision as of 10:27, 21 March 2011
- लुड्डी उत्तरी भारत और पाकिस्तान में महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य है।
- लुड्डी नृत्य मण्डी जनपद में विशेष उत्सवों, मेलों व त्योंहारों के अवसर पर किया जाने वाला लोकनृत्य है।
- यह बहुत ही आकर्षक नृत्य है।
नृत्य का मंचन
राजाओं के शासन काल में स्त्रियों में पर्दा प्रथा होने के कारण लुड्डी नृत्य में नवयुवकों को स्त्रियों के परिधान पहना कर व उनका सम्पूर्ण श्रृंगार कर इस नृत्य का मंचन करवाया जाता था। स्त्रियों की पर्दा प्रथा समाप्त होने पर यह लोकनृत्य युवक व युवतियों द्वारा किया जाने लगा है।
- परिधान
इस लोक नृत्य में युवक श्वेत चोलू या श्वेत कुर्ता-पायजामा व पगड़ी पहनते हैं। इसी प्रकार युवतियाँ रंगबिरंगे बड़े घेरेदार चोलू व पारम्परिक आभूषण धारण कर गोल-गोल घूमकर समूह नृत्य करती हैं।
- नृत्य का प्रारम्भ
आरम्भ में लुड्डी नृत्य धीमी गति से प्रारंभ होकर धीरे-धीरे गति पकड़ता जाता है। नर्तक अपने आकर्षक हाव-भाव व पैरों को गति प्रदान करते हुए लोकवाद्यों व लोक गीतों के माध्यम से संगीत के साथ एकाकार हो जाते हैं। इस नृत्य में ढोलों की थाप और ऊर्जस्वी गायन के बीच नर्तकियाँ अपनी अँगुलियों से चुटकियाँ और हाथों से ताली बजाते हुए उछलती हैं और आधा घूमते हुए अपने पैरों को ज़मीन पर ठोककर ताल को तेज़ करती हैं।
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