रूहेलखण्ड: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 5: | Line 5: | ||
*तभी से इसे रूहेलखण्ड के नाम से जाना जाता है। | *तभी से इसे रूहेलखण्ड के नाम से जाना जाता है। | ||
*रुहेलखंड के इलाके को प्राचीन समय में [[कटेहर]] कहते थे। | *रुहेलखंड के इलाके को प्राचीन समय में [[कटेहर]] कहते थे। | ||
*कुछ विद्वानों का मत है कि [[सभा पर्व महाभारत|महाभारत सभा पर्व]] 27, 17 में वर्णित [[लोह]] या रोह नामक प्रदेश ही प्राचीन काल में रुहेलों का मूल निवास स्थान था और उनका नाम इसी प्रदेश में रहने के कारण रोहेला या रुहेला हुआ था। लोह वर्तमान काफिरिस्तान का ही प्राचीन नाम था। | *कुछ विद्वानों का मत है कि [[सभा पर्व महाभारत|महाभारत सभा पर्व]] 27, 17 में वर्णित [[लोह]] या रोह नामक प्रदेश ही प्राचीन काल में रुहेलों का मूल निवास स्थान था और उनका नाम इसी प्रदेश में रहने के कारण रोहेला या रुहेला हुआ था। | ||
*लोह वर्तमान काफिरिस्तान का ही प्राचीन नाम था। | |||
*[[मराठा|मराठों]] की भी इस क्षेत्र पर दृष्टि थी। | *[[मराठा|मराठों]] की भी इस क्षेत्र पर दृष्टि थी। | ||
*इस भय से रुहेलों ने अवध के नवाब [[शुजाउद्दौला]] से 1772 ई. में संधि कर ली। | *इस भय से रुहेलों ने अवध के नवाब [[शुजाउद्दौला]] से 1772 ई. में संधि कर ली। |
Revision as of 05:58, 3 July 2011
- रूहेलखण्ड भारत के उत्तर पश्चिमी राज्य उत्तर प्रदेश का एक प्राचीन क्षेत्र है।
- गंगा नदी के उत्तर और कुमाऊँ की पहाड़ियों के नीचे स्थिति भू-भाग रूहेलखण्ड कहलाता है।
- रुहेलखंड अफ़ग़ानिस्तान के निवासी रुहेलों के नाम से प्रसिद्ध इलाका जिसमें बिजनौर, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहाँपुर, आदि ज़िले शामिल है।
- रुहेलों का राज्य इस क्षेत्र में 18वीं शती 1764 ई. में मीरनपुर कटरा के युद्ध में रुहेले, नवाब अवध और अंग्रेज़ों की संयुक्त सेनाओं से परास्त हो गए और उनके राज्य की इतिश्री हुई।
- तभी से इसे रूहेलखण्ड के नाम से जाना जाता है।
- रुहेलखंड के इलाके को प्राचीन समय में कटेहर कहते थे।
- कुछ विद्वानों का मत है कि महाभारत सभा पर्व 27, 17 में वर्णित लोह या रोह नामक प्रदेश ही प्राचीन काल में रुहेलों का मूल निवास स्थान था और उनका नाम इसी प्रदेश में रहने के कारण रोहेला या रुहेला हुआ था।
- लोह वर्तमान काफिरिस्तान का ही प्राचीन नाम था।
- मराठों की भी इस क्षेत्र पर दृष्टि थी।
- इस भय से रुहेलों ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला से 1772 ई. में संधि कर ली।
- यह देखकर मराठे पीछे हट गये।
- लेकिन जब रुहेलों ने संधि की शर्त के अनुसार 40 लाख रुपये नवाब को देने से इंकार कर दिया तो नवाब ने अंग्रेज़ों से संधि कर ली।
- उसने अंग्रेज़ों की सहायता से 1774 ई. में रुहेले शासक को मारकर अधिकांश भू-भाग अपने कब्ज़े में ले लिया।
- जब अंग्रेज़ गवर्नर जनरल भारत आया तो नवाब ने 1801 ई. में रूहेलखण्ड अंग्रेज़ों को सौंप दिया।
|
|
|
|
|