चौरी चौरा: Difference between revisions

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*चौरी चौरा में [[4 फरवरी]], 1922 को स्थानीय पुलिस और ख़िलाफत आंदोलन एवं [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के समर्थकों के बीच अप्रत्याशित संघर्ष हुआ।  
*चौरी चौरा में [[4 फरवरी]], 1922 को स्थानीय पुलिस और ख़िलाफत आंदोलन एवं [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के समर्थकों के बीच अप्रत्याशित संघर्ष हुआ।  
*क्रोध भीड़ ने चौरी-चौरा के थाने में [[अग्नि|आग]] लगा दी और 22 पुलिसकर्मियों को जिंदा जला दिया।  
*क्रोध भीड़ ने चौरी-चौरा के थाने में [[अग्नि|आग]] लगा दी और 22 पुलिसकर्मियों को जिंदा जला दिया।  
*चौरी चौरा की इस घटना से [[महात्मा गाँधी]] द्वारा चलाये गये [[सविनय अवज्ञा आंदोलन]] को आघात पहुँचा, जिसके कारण उन्हें सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थागित करना पड़ा, जो बारदोली, [[गुजरात]] से शुरु किया जाने वाला था।  
*चौरी चौरा की इस घटना से [[महात्मा गाँधी]] द्वारा चलाये गये [[सविनय अवज्ञा आंदोलन]] को आघात पहुँचा, जिसके कारण उन्हें सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थागित करना पड़ा, जो बारदोली, [[गुजरात]] से शुरू किया जाने वाला था।  





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  • चौरी चौरा भारत में स्थित उत्तर प्रदेश राज्य का एक गाँव है।
  • चौरी चौरा राष्ट्रीय आन्दोलन के दौरान ब्रिटिश पुलिस तथा राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक घटनाओं के कारण चर्चा में रहा।
  • चौरी चौरा में 4 फरवरी, 1922 को स्थानीय पुलिस और ख़िलाफत आंदोलन एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के समर्थकों के बीच अप्रत्याशित संघर्ष हुआ।
  • क्रोध भीड़ ने चौरी-चौरा के थाने में आग लगा दी और 22 पुलिसकर्मियों को जिंदा जला दिया।
  • चौरी चौरा की इस घटना से महात्मा गाँधी द्वारा चलाये गये सविनय अवज्ञा आंदोलन को आघात पहुँचा, जिसके कारण उन्हें सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थागित करना पड़ा, जो बारदोली, गुजरात से शुरू किया जाने वाला था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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