मेहरानगढ़ क़िला: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[चित्र:Mehrangarh-Fort-Jodhpur-1.jpg|thumb|250px|मेहरानगढ़ क़िला, [[जोधपुर]] <br /> Mehrangarh Fort, Jodhpur]]
{{सूचना बक्सा पर्यटन
|चित्र=Mehrangarh-Fort-Jodhpur-1.jpg
|चित्र का नाम=मेहरानगढ़ क़िला, जोधपुर
|विवरण=[[जोधपुर]] में स्थित मेहरानगढ़ क़िला 120 मीटर ऊँची एक चट्टान पहाड़ी पर निर्मित है। इस दुर्ग के परकोटे की परिधि 10 किलोमीटर है।
|राज्य=[[राजस्थान]]
|केन्द्र शासित प्रदेश=
|ज़िला=[[जोधपुर ज़िला|जोधपुर]]
|निर्माता=[[मान सिंह|महाराजा मान सिंह]], [[अजीत सिंह]]
|स्वामित्व=
|प्रबंधक=
|निर्माण काल=1806 ई.
|स्थापना=
|भौगोलिक स्थिति=[http://maps.google.com/maps?q=26.3,73.02&ll=26.300879,73.014364&spn=0.035395,0.084543&t=m&z=14&vpsrc=6&iwloc=near उत्तर- 26° 18' 0.00", पूर्व- 73° 1' 12.00"]
|मार्ग स्थिति=मेहरानगढ़ क़िला [[जोधपुर]] राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 65 से लगभग 8 किमी की दूरी पर स्थित है।
|मौसम=
|तापमान=
|प्रसिद्धि=
|कब जाएँ=
|कैसे पहुँचें=हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
|हवाई अड्डा=जोधपुर हवाई अड्डा
|रेलवे स्टेशन=जोधपुर रेलवे स्टेशन
|बस अड्डा=जोधपुर बस अड्डा
|यातायात=स्थानीय बस, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा
|क्या देखें=चामुंडा माताजी का मंदिर, मोती महल, शीशा महल
|कहाँ ठहरें=होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
|क्या खायें=
|क्या ख़रीदें=
|एस.टी.डी. कोड=0291
|ए.टी.एम=लगभग सभी
|सावधानी=
|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.com/maps?saddr=Jodhpur,+Rajasthan,+India&daddr=Mehrangarh+Fort,+Jodhpur,+India&hl=en&ll=26.279101,73.015995&spn=0.070803,0.169086&sll=26.311112,73.018141&sspn=0.033545,0.084543&geocode=FVmlkAEd1CZaBCm5zAaqToxBOTG4q-EKW-oUgQ%3BFddGkQEdNitaBCEGiTOTHevDkQ&vpsrc=0&mra=ls&t=m&z=13 गूगल मानचित्र]
|संबंधित लेख=[[जसवंत थाड़ा]], [[उम्मेद महल जोधपुर|उम्मेद महल]]
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=मेहरानगढ़ क़िले के संग्रहालय में हथियार, वेशभूषा, चित्र और कमरों में राठौड़ की विरासत दर्शाती है।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|12:11, 21 नवम्बर 2011 (IST)}}
}}
 
*[[जोधपुर]] मेहरानगढ़ क़िला पहाड़ी के बिल्‍कुल ऊपर बसे होने के कारण [[राजस्थान]] के सबसे ख़ूबसूरत क़िलों में से एक है।  
*[[जोधपुर]] मेहरानगढ़ क़िला पहाड़ी के बिल्‍कुल ऊपर बसे होने के कारण [[राजस्थान]] के सबसे ख़ूबसूरत क़िलों में से एक है।  
*मेहरानगढ़ के क़िले को जोधपुर का क़िला भी कहा जाता है।
*मेहरानगढ़ के क़िले को जोधपुर का क़िला भी कहा जाता है।

Revision as of 06:41, 21 November 2011

मेहरानगढ़ क़िला
विवरण जोधपुर में स्थित मेहरानगढ़ क़िला 120 मीटर ऊँची एक चट्टान पहाड़ी पर निर्मित है। इस दुर्ग के परकोटे की परिधि 10 किलोमीटर है।
राज्य राजस्थान
ज़िला जोधपुर
निर्माता महाराजा मान सिंह, अजीत सिंह
निर्माण काल 1806 ई.
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 26° 18' 0.00", पूर्व- 73° 1' 12.00"
मार्ग स्थिति मेहरानगढ़ क़िला जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 65 से लगभग 8 किमी की दूरी पर स्थित है।
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन जोधपुर रेलवे स्टेशन
बस अड्डा जोधपुर बस अड्डा
यातायात स्थानीय बस, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा
क्या देखें चामुंडा माताजी का मंदिर, मोती महल, शीशा महल
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
एस.टी.डी. कोड 0291
ए.टी.एम लगभग सभी
चित्र:Map-icon.gif गूगल मानचित्र
संबंधित लेख जसवंत थाड़ा, उम्मेद महल


अन्य जानकारी मेहरानगढ़ क़िले के संग्रहालय में हथियार, वेशभूषा, चित्र और कमरों में राठौड़ की विरासत दर्शाती है।
अद्यतन‎
  • जोधपुर मेहरानगढ़ क़िला पहाड़ी के बिल्‍कुल ऊपर बसे होने के कारण राजस्थान के सबसे ख़ूबसूरत क़िलों में से एक है।
  • मेहरानगढ़ के क़िले को जोधपुर का क़िला भी कहा जाता है।
  • मेहरानगढ़ क़िला 120 मीटर ऊँची एक चट्टान पहाड़ी पर निर्मित है। इस दुर्ग के परकोटे की परिधि 10 किलोमीटर है।
  • परकोटे की ऊँचाई 20 फुट से 120 फुट तथा चौड़ाई 12 फुट से 70 फुट तक है। परकोटे में दुर्गम मार्गों वाले सात आरक्षित दुर्ग बने हुए थे।
  • इस क़िले के सौंदर्य को श्रृंखलाबद्ध रूप से बने द्वार और भी बढ़ाते हैं।
    • इन्‍हीं द्वारों में से एक है-जयपोल। इसका निर्माण राजा मानसिंह ने 1806 ईस्‍वी में किया था।
    • दूसरे द्वार का नाम है-विजयद्वार। इसका निर्माण राजा अजीत सिंह ने मुग़लों पर विजय के उपलक्ष्‍य में किया था।
  • दुर्ग के भीतर राजप्रासाद स्थित है। दुर्ग के भीतर सिलहखाना (शस्त्रागार), मोती महल, जवाहरखाना आदि मुख्य इमारतें हैं।
  • मोती महल के प्रकोष्ठों की भित्तियों तथा छतों पर सोने की अनुपम कारीगरी की गयी है। क़िले के उत्तर की ओर ऊँची पहाड़ी पर थड़ा नामक एक भवन है जो संगमरमर का बना है। यह एक ऊँचे -चौड़े चबूतरे पर स्थित है।
  • यहाँ जोधपुर नरेश जसवंतसिंह सहित कई राजाओं के समाधि स्थल बने हुए हैं। जोधपुर की एक विशेषता यहाँ की कृत्रिम झीलें और कुएँ हैं, जिनके अभाव में इस इलाके में नगर की कल्पना नहीं की जा सकती थी।
  • मेहरानगढ़ के क़िले का एक कुआँ तो 135 मीटर गहरा है। इस सारी व्यवस्था के बावजूद वहाँ जल का अभाव सदैव महसूस किया जाता था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

संबंधित लेख