कुशस्थल: Difference between revisions

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Revision as of 06:39, 16 June 2013

कुशस्थल 'कान्यकुब्ज' (वर्तमान कन्नौज) का प्राचीन नाम है। इसका उल्लेख यात्री युवानच्वांग ने मौखरियों की राजधानी के रूप में किया है।[1]

‘देव देवभूयं गते देवे राज्यवर्धनेगुप्तनाम्ना च गृहीते कुशस्थले, देवी राज्यश्री परिभृश्य बंधनार्द्विध्याटवीं सपरिवारा प्रविष्टेति...’।

  • एक अन्य प्रसंग में कुशस्थल, गोआ का प्राचीन ग्राम है, जहाँ शिवोपासना का केंद्र था। पहले यहाँ मंगेश शिव का प्राचीन मंदिर था।
  • पुर्तग़ालियों द्वारा गोआ में उपद्रव मचाने पर यहाँ की मूर्ति प्रिमोल में भेज दी गई और वहीं मंदिर बनाया गया।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 211 |
  2. उच्छवास 6
  • पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली, लेखक-विजयेन्द्र कुमार माथुर, प्रकाशन- राजस्थान ग्रंथ अकादमी जयपुर

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