अप्रतिचक्र: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
m (श्रेणी:धर्म कोश (को हटा दिया गया हैं।)) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:जैन धर्म कोश" to "Category:जैन धर्म कोशCategory:धर्म कोश") |
||
Line 14: | Line 14: | ||
{{जैन धर्म2}} | {{जैन धर्म2}} | ||
[[Category:जैन धर्म]] | [[Category:जैन धर्म]] | ||
[[Category:जैन धर्म कोश]] | [[Category:जैन धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 13:41, 21 March 2014
अप्रतिचक्र जैन आचार्य हेमचन्द्र के अनुसार एक यक्षिणी है, जिसका वर्ण स्वर्ण जैसा पीत है। यह 'अष्टभुजा' देवी है और इसका वाहन गरुड़ है। इसका एक सीधा हाथ वरद मुद्रा से उठा हुआ है। दूसरे हाथ में बाण है। तीसरे में चक्र और चौथे हाथ में 'पाश'[1] है।
- इस यक्षिणी के बाईं ओर के हाथों में क्रमश: धनुष, वज्र, चक्र और अंकुश दर्शाये गए हैं।
- यह यक्षिणी शासनदेवी प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव की सेविका, संरक्षिका के रूप में उकेरी जाती है।
- हिन्दुओं की सरस्वती से प्राय: इस यक्षिणी को मिलाया जाता है।
- जैन परम्परा की यह देवीतुल्य यक्षिणी पूर्णतया अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित है।
- हो सकता है कि जैन यक्ष परम्परा जब प्रारम्भ हुई होगी, तब वातावरण में तनाव और संघर्ष रहा हो।[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय संस्कृति कोश, भाग-2 |प्रकाशक: यूनिवर्सिटी पब्लिकेशन, नई दिल्ली-110002 |संपादन: प्रोफ़ेसर देवेन्द्र मिश्र |पृष्ठ संख्या: 44 |