पुरिमताल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
 
Line 15: Line 15:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{जैन धर्म2}}{{जैन धर्म}}
{{जैन धर्म2}}{{जैन धर्म}}
[[Category:जैन धर्म कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:जैन धार्मिक स्थल]]
[[Category:जैन धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:जैन धार्मिक स्थल]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 13:42, 21 March 2014

पुरिमताल जैन साहित्य में उल्लिखित प्रयाग (इलाहाबाद) का एक नाम है। जैन ग्रंथों से विदित होता है कि 14वीं शती तक जैन परम्परा में यह नाम प्रचलित था।

'जैसे हेमंताणं चउत्थे मासे सत्तमे पक्खे फग्गुण बहुले तस्सणं फग्गुण बहुलस्स इक्कारसी पक्खेणं पुब्वष्हकाल समयंसि पुरिमतालस्स नयरस्स बहिया सगडमुहंसि उज्जाणांसि नग्गोहवर पायवस्स अहे'।

  • 11वीं शती में रचित श्री जिनेश्वर सूरि के 'कथाकोश' में भी इसी प्रकार का उल्लेख है-

'अण्णया पुरिमताले सपतस्स अहे नग्गोहपाययेस्सझाणं तंरियाए वट्टमाणस्स भगवओ समुप्पणं केवल नाणं'[1]

  • 'विविधतीर्थकल्प' में 'पुरिम ताले आदिनाथ:' वाक्य आया है।
  • 'धर्मोपदेशमाला'[2] में भी पुरिमताल का उल्लेख हुआ है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 565 |

  1. कथाकोश प्रकरण, पृष्ठ 52.
  2. धर्मोपदेशमाला, पृष्ठ 124

संबंधित लेख