रत्नाकर कुण्ड, कोकिलावन: Difference between revisions
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*समस्त पापों को क्षय करने वाला तथा धन-धान्य प्रदान करने वाला यह सरोवर भक्तों को श्रीराधा-कृष्ण युगल की अहैतुकी भक्ति रूप महारत्न प्रदान करने वाला है। | *समस्त पापों को क्षय करने वाला तथा धन-धान्य प्रदान करने वाला यह सरोवर भक्तों को श्रीराधा-कृष्ण युगल की अहैतुकी भक्ति रूप महारत्न प्रदान करने वाला है। |
Latest revision as of 08:51, 17 July 2017
रत्नाकर कुण्ड नन्दगांव से तीन मील उत्तर और जावट ग्राम से एक मील पश्चिम में पड़ने वाले कोकिलावन में स्थित है। इस स्थान का सम्बंध श्रीराधा-कृष्ण से है।
- राधा जी की सखियों ने अपने-अपने घरों से दूध लाकर इस सरोवर को प्रकट किया था।
- इस सरोवर से नाना प्रकार के रत्न निकलते थे, जिससे सखियाँ राधिका जी का श्रृंगार करती थीं-
- 'सख्या: क्षीरसमुद्भुत रत्नाकरसरोवरे। नाना प्रकाररत्नानामुद्भवे वरदे नम: ॥'[1]
- समस्त पापों को क्षय करने वाला तथा धन-धान्य प्रदान करने वाला यह सरोवर भक्तों को श्रीराधा-कृष्ण युगल की अहैतुकी भक्ति रूप महारत्न प्रदान करने वाला है।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ नारद पंचरात्र