के. एस. चित्रा: Difference between revisions
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Latest revision as of 07:16, 30 January 2021
के. एस. चित्रा
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पूरा नाम | कृष्णन नायर शान्तिकुमारी चित्रा |
जन्म | 27 जुलाई, 1963 |
जन्म भूमि | तिरुअनंतपुरम, केरल |
अभिभावक | पिता- स्वर्गीय कृष्णन नायर |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | दक्षिण भारतीय और हिंदी सिनेमा |
मुख्य फ़िल्में | ‘लव’, ‘प्यार तूने क्या किया’, ‘विरासत’, ‘अक्स’, ‘अशोका’ और ‘रंगीला’ आदि। |
शिक्षा | परास्नातक, संगीत |
विद्यालय | केरल विश्वविद्यालय |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण (2021), राष्ट्रीय पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका की श्रेणी में पाँच बार) |
प्रसिद्धि | पार्श्वगायिका, शास्त्रीय संगीत गायिका |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | पार्श्वगायन के इतिहास में के. एस. चित्रा पहली महिला गायिक हैं, जिन्हें दक्षिण भारत की चार राज्यों की सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका के लिए सम्मानित किया गया है। |
कृष्णन नायर शान्तिकुमारी चित्रा (प्रचलित नाम- के. एस. चित्रा या चित्रा, अंग्रेज़ी: Krishnan Nair Shantakumari Chithra, जन्म- 27 जुलाई, 1963, तिरुअनंतपुरम, केरल) भारत की प्रसिद्ध गायिका हैं। दक्षिण भारतीय और हिंदी फिल्मों की इस पार्श्वगायिका ने अपनी मधुर आवाज से लाखों लोगों का दिल जीता है। के. एस. चित्रा ने तमिल, तेलगू, मलयालम, हिंदी, बंगाली और उड़िया जैसी भाषाओं में 25,000 से अधिक गाने गाए हैं। दक्षिण भारतीय फिल्मों के पार्श्व गायन के इतिहास में वह पहली महिला गायक हैं, जिन्हें दक्षिण भारत की चार राज्यों की सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका के लिए सम्मानित किया गया। के. एस. चित्रा को वर्ष 2021 में 'पद्म भूषण' से भी सम्मानित किया गया है।
परिचय
के. एस. चित्रा का जन्म केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में 27 जुलाई, 1963 को हुआ था। उन्होंने अपने दिवंगत पिता कृष्णन नायर, जो कि एक प्रसिद्ध गायक और संगीतकार थे, के मार्गदर्शन में संगीत की प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी। के. एस. चित्रा ने संगीत में स्नातक किया और बाद में केरल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के. ओमानकुट्टी की देखरेख में संगीत में परास्नातक किया।[1]
फ़िल्मी शुरुआत
मलयालम फिल्म उद्योग के प्रसिद्ध संगीत निर्देशक एम. जी. राधाकृष्णन ने के. एस. चित्रा को उनकी फिल्म ‘अत्ताहसम’ और बाद में ‘स्नेहापुरमम मीरा’ और ‘नंजन एकानानु’ में मौका दिया। प्रसिद्ध तमिल संगीतकार इलैयाराजा ने उनको तमिल फिल्म उद्योग में फिल्म ‘नेथन अनंत कुयिल’ के माध्यम से परिचित करवाया। हिंदी फिल्म संगीत में के. एस. चित्रा ने फिल्म ‘लव’, ‘प्यार तूने क्या किया’, ‘विरासत’, ‘अक्स’, ‘अशोका’ और ‘रंगीला’ आदि जैसी फिल्मों में अपनी गायिकी से संगीत प्रेमियों के दिलों को जीता है। सारंगी (गिटार) वादक उस्ताद सुल्तान ख़ान के सहयोग से उनकी एल्बम ‘पिया बसंती’ काफी लोकप्रिय हुई थी। के. एस. चित्रा ने प्रसिद्ध ग़्ज़ल गायक गुलज़ार और भूपिंदर के साथ अपनी अगली एल्बम ‘सनसेट पॉइंट’ में गायन किया था।
के. एस. चित्रा को सलिल चौधरी, अनु मलिक, नदीम-श्रवण और ए. आर. रहमान जैसे प्रसिद्ध संगीत निर्देशकों के साथ काम करने का गौरव प्राप्त हुआ है।
पुरस्कार व सम्मान
- पद्म भूषण, 2021
- के. एस. चित्रा को तमिल फिल्म ‘सिंधु भैरवी’ (1986), मलयालम फिल्म ‘नखक्षथंगल’ (1987), मलयालम फिल्म ‘वैशाली’ (1989), तमिल फिल्म ‘मिनसारा कनवू’ (1996) और हिंदी फिल्म ‘विरासत’ (1997) के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका की श्रेणी में पाँच बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 2018 में के. एस. चित्रा क्रेग कफ़लिन, महासभा, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य अमेरिका के अध्यक्ष द्वारा सम्मानित की गई थीं।
- 2019 में सुल्तान बिन मुहम्मद अल-कासिमी द्वारा सम्मानित की गई, जो शारजाह के अमीर शासक थे।
- के. एस. चित्रा एकमात्र दक्षिण भारतीय महिला गायिका हैं, जिन्होंने 2001 में लंदन के प्रतिष्ठित कॉन्सर्ट हॉल रॉयल अल्बर्ट हॉल में अपना पहला संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ के. एस. चित्रा की जीवनी (हिंदी) hindi.mapsofindia.com। अभिगमन तिथि: 30 जनवरी, 2020।
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