जैस्मिन लंबोरिया: Difference between revisions

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Revision as of 11:23, 15 August 2022

जैस्मिन लंबोरिया
पूरा नाम जैस्मिन लंबोरिया
जन्म 30 अगस्त, 2001
जन्म भूमि ज़िला भिवानी, हरियाणा
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र मुक्केबाज़ी
प्रसिद्धि भारतीय मुक्केबाज़
नागरिकता भारतीय
कॉमनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम, 2022 - 60 कि.ग्रा. (लाइट वेट) - कांस्य
लम्बाई 5 फुट 7 इंच
अन्य जानकारी सीनियर लेवल के शुरुआती दिनों में जैस्मिन लंबोरिया 57 कि.ग्रा. वेट कैटेगरी में खेलती थीं। इस कैटेगरी में उन्होंने कई पदक भी जीते थे।
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जैस्मिन लंबोरिया (अंग्रेज़ी: Jasmine Lamboria, जन्म- 30 अगस्त, 2001, भिवानी, हरियाणा) भारत की महिला मुक्केबाज़ हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में देश के लिये कांस्य पदक जीता है। उन्होंने महिलाओं की 60 कि.ग्रा. (लाइट वेट) में यह पदक अपने नाम किया। पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाली जैस्मिन लंबोरिया को सेमीफाइनल बाउट में इंग्लैंड की जेम्मा पैगे रिचर्डसन से 4-1 के स्प्लिट निर्णय से मात मिली थी।

परिचय

जैस्मिन लंबोरिया का जन्म 30 अगस्त, 2001 को हरियाणा के भिवानी में हुआ। पिता जयवीर लंबोरिया होमगार्ड के रूप में काम करते हैं और मां जोगिंदर कौर गृहिणी हैं। जैस्मिन के चाचा संदीप और परविंदर, दोनों ही मुक्केबाज़ हैं। कुछ रिश्तेदार कुश्ती भी करते थे। भिवानी को 'लिटल क्यूबा' भी कहते हैं, क्योंकि हरियाणा के इस शहर ने भारत को एक से एक मुक्केबाज़ दिए हैं। अमूमन खिलाड़ियों के परिवार और ऐसे किसी शहर में पैदा होने का मतलब होता है कि खेल वाला माहौल होगा। सभी को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, लेकिन जैस्मिन लंबोरिया के केस में ऐसा नहीं हुआ।[1]

प्रशिक्षण

घर में खेल का माहौल था तो जैस्मिन लंबोरिया को शुरू से ही एथलेटिक्स और क्रिकेट में मन आ गया। जब उन्होंने बॉक्सिंग में आगे जाने का फ़ैसला किया तो पिता ने घर के बड़ों और समाज का हवाला देकर मना कर दिया। पिता ने कहा, 'कोई और खेल चुन लो!' लेकिन जैस्मिन लंबोरिया मानी नहीं। ऐसे में उन्होंने अपने चाचाओं से बात की। दोनों ने उनके पिता को मनाया। फिर उनके चाचा संदीप उन्हें ट्रेनिंग के लिए भिवानी से बाहर ले गए।

अब दिक्कत यह थी कि जैस्मिन लंबोरिया के साथ प्रशिक्षण करने के लिए कोई महिला मुक्केबाज़ नहीं मिलीं। ऐसे में संदीप उनको वापस ले आए और लैम्बोरिया बॉक्सिंग अकादमी जॉइन करवा दी। लेकिन यहां भी वही दिक्कत थी। सभी खिलाड़ी लड़के थे। फिर जैस्मिन लंबोरिया ने लड़कों के साथ ही ट्रेनिंग शुरू कर दी। एक इंटरव्यू में जैस्मिन लंबोरिया ने बताया कि शुरुआती 2-3 साल वो लड़कों के सामने बहुत मुश्किल से ही टिक पाती थीं, लेकिन भारी मुक्कों को झेलते हुए उनका डिफेंस काफ़ी मज़बूत हो गया। धीरे-धीरे अटैक भी अच्छा होता गया और कुछ दिनों में लेवल-प्लेयिंग फ़ील्ड पर आ गईं। फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

कॅरियर

बाद में जैस्मिन लंबोरिया एक के बाद एक टूर्नामेंट जीतती गईं। असल कमाल उन्होंने साल 2019 में किया। जैस्मिन 18 साल की थीं। कई घरेलू चैंपियनशिप्स जीती थीं, लेकिन किसी जाबड़ खिलाड़ी से पाला नहीं पड़ा था। इस बार सामने थीं एशियन चैंपियनशीप में कांस्य जीतने वाली मनीषा मोउन। इस मुक़ाबले में जैस्मिन लंबोरिया ने मनीषा को हरा दिया। ये वह जीत थी, जिसका अंदाज़ा किसी ने नहीं लगाया था। फिर उसी साल मई में आईबीए वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए हुए ट्रायल में जैस्मिन लंबोरिया ने पूर्व विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता सिमरनजीत कौर को मात दे दी। कुछ ही समय में दो बढ़िया खिलाड़ियों को हराने की वजह से उनका नाम हो गया।[1]

कॉमनवेल्थ गेम्स के क्वॉलिफिकेशन में जैस्मिन लंबोरिया ने एक बार फिर सिमरनजीत को हराया था। सीनियर लेवल के शुरुआती दिनों में जैस्मिन 57 कि.ग्रा. वेट कैटेगरी में खेलती थीं। इस कैटेगरी में उन्होंने कई पदक भी जीते। जैसे, स्पेन में रजत और दुबई में हुए एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य। लेकिन फिर उन्हें कोविड हो गया, जिसकी वजह से वह कमजोर हो गईं और रिकवरी के दौरान उनका वज़न 63 कि.ग्रा. हो गया। अब वह 60 कि.ग्रा. वेट कैटेगरी में खेलती हैं।

उपलब्धियाँ

  • वर्ष 2021 में दुबई में आयोजित एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक।
  • वर्ष 2021 में बॉक्सिंग इंटरनेशनल टूर्नामेंट में रजत पदक।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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