राप्ती नदी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:33, 21 March 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
Jump to navigation Jump to search

राप्ती नदी / इरावती

  • पूर्व-उत्तर प्रदेश की राप्ती का भी प्राचीन नाम इरावती था।
  • यह नदी नेपाल की लघु हिमालय श्रेणियों में धौलागिरि के दक्षिण में रुकुमकोट के निकट से निकलकर पहले दक्षिण में और फिर पश्चिम में बहती है। तत्पश्चात एक बार पुनः दक्षिण की ओर बहने के बाद बहराइच, गोंडा, बस्ती और गोरखपुर ज़िलों में बहती हुई बरहज के निकट घाघरा नदी से मिल जाती है।
  • इसकी कुल लम्बाई 640 किमी. है।
  • इस नदी के उत्तर की ओर से रोहणी नदी आकर मिलती है जोकि इसकी मुख्य सहायक नदी है।
  • यह नदी कुशीनगर के निकट बहती थी। जैसा कि बुद्धचरित [1] के उल्लेख से सूचित होता है-

'इस तरह कुशीनगर आते समय चुंद के साथ तथागत ने इरावती नदी पार की और स्वयं उस नगर के एक उपभवन में ठहरे जहाँ कमलों से सुशोभित एक प्रशान्त सरोवर स्थित था।'

  • अचिरावती या अजिरावती इरावती के वैकल्पिक रूप हो सकते हैं।
  • बुद्धचरित के चीनी-अनुवाद में इस नदी के लिए 'कुकु' शब्द है जो पाली के कुकुत्था का चीनी रूप है।
  • बुद्धचरित [2] में वर्णन है कि निर्वाण के पूर्व गौतम बुद्ध ने हिरण्यवती नदी में स्नान किया था जो कुशीनगर के उपवन के समीप बहती थी। यह इरावती या राप्ती की ही एक शाखा जान पड़ती है।
  • उत्तरी भाग में इस नदी की एक मुख्य धारा बूढ़ी गण्डक के नाम से जाती है।
  • बुद्धचरित [3] के अनुसार बुद्ध की मृत्यु के पश्चात मल्लों ने उनके शरीर के दाहसंस्कार के लिए हिरण्यवती नदी को पार करके मुकुटचैत्य के नीचे चिता बनाई थी।
  • संभव है महाभारत [4] का वारवत्या भी राप्ती ही हो।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. बुद्धचरित 25, 53
  2. बुद्धचरित 25, 54
  3. बुद्धचरित, 27, 70
  4. महाभारत सभा पर्व 9, 22

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः