श्रीदत्त

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 13:45, 10 January 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
Jump to navigation Jump to search
  • ये छठीं शताब्दी के वादिविजेता प्रभावशाली तार्किक हैं।
  • आचार्य विद्यानन्द ने त वार्थश्लोकवातिक[1] में इन्हें 'त्रिषष्टेर्वादिनां जेता श्रीदत्तो जल्पनिर्णये'- तिरेसठ वादियों का विजेता और 'जल्पनिर्णय' ग्रन्थ का कर्ता बतलाया है।
  • 'जल्पनिर्णय' एक वाद ग्रन्थ रहा है, जिसमें दो प्रकार के जल्पों (वादों) का विवेचन किया गया है। परन्तु यह ग्रन्थ आज उपलब्ध नहीं है।
  • विद्यानन्द को सम्भवत: प्राप्त था और जिसके आधार से उन्होंने दो प्रकार के वादों (तात्त्विक एवं प्राप्तिय) का प्रतिपादन किया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पृ0 280

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः