दाब

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(अंग्रेज़ी:Pressure) यदि किसी सतह पर उसके लम्बवत् कोई बल आकर लग रहा हो तो कहा जाता है कि सतह पर दाब लग रहा है। इस प्रकार दाब को हम निम्न प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं।

"किसी सतह के एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं।" दाब का मात्रक एम. के. एस. पद्धति में न्यूटन प्रति वर्ग मीटर होता है। जिस वस्तु का क्षेत्रफल जितना कम होता है, वह किसी सतह पर उतना ही अधिक दाब डालती है।

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दाब = पृष्ठ के लम्बवत् बल / पृष्ठ का क्षेत्रफल

किसी वस्तु का क्षेत्रफल जितना कम होता है, वह सतह पर उतना ही अधिक दाब डालती है, इसके दैनिक जीवन में अनेक उदाहरण देखने को मिलते हैं, जैसे दलदल में फंसे व्यक्ति को लेट जाने की सलाह दी जाती है ताकि उसके शरीर का अधिक क्षेत्रफल दलदल के सम्पर्क में आ जाय व नीचे की ओर कम दाब लगे। कील का निचला हिस्सा नुकीला बनाया जाता है ताकि क्षेत्रफल कम होने से वह सतह पर अधिक दाब डाल सके व ठोंकने पर आसानी से गड़ जाये। S.I. पद्धति में दाब का मात्रक पास्कल कहलाता है।


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