अनुजन्ह संजुत भोजन करहीं

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:20, 12 June 2016 by दीपिका वार्ष्णेय (talk | contribs) ('{{सूचना बक्सा पुस्तक |चित्र=Sri-ramcharitmanas.jpg |चित्र का नाम=रा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
अनुजन्ह संजुत भोजन करहीं
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक रामचरितमानस
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली सोरठा, चौपाई, छन्द और दोहा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड उत्तरकाण्ड
चौपाई

अनुजन्ह संजुत भोजन करहीं। देखि सकल जननीं सुख भरहीं॥
भरत सत्रुहन दोनउ भाई। सहित पवनसुत उपबन जाई॥2॥

भावार्थ

वे भाइयों को साथ लेकर भोजन करते हैं। उन्हें देखकर सभी माताएँ आनंद से भर जाती हैं। भरत जी और शत्रुघ्नजी दोनों भाई हनुमान जी सहित उपवनों में जाकर,॥2॥


left|30px|link=प्रातकाल सरऊ करि मज्जन|पीछे जाएँ अनुजन्ह संजुत भोजन करहीं right|30px|link=बूझहिं बैठि राम गुन गाहा|आगे जाएँ

चौपाई- मात्रिक सम छन्द का भेद है। प्राकृत तथा अपभ्रंश के 16 मात्रा के वर्णनात्मक छन्दों के आधार पर विकसित हिन्दी का सर्वप्रिय और अपना छन्द है। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में चौपाई छन्द का बहुत अच्छा निर्वाह किया है। चौपाई में चार चरण होते हैं, प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं तथा अन्त में गुरु होता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः