Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 7"
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+[[पृथ्वीराज तृतीय]] | +[[पृथ्वीराज तृतीय]] | ||
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− | ||[[चित्र:Prithvi-Raj-Chauhan-Statue-Ajmer.jpg|right|100px|पृथ्वीराज चौहान]]'[[पृथ्वीराज चौहान]]' अथवा 'पृथ्वीराज तृतीय' (जन्म- 1149 - मृत्यु- 1192 ई.) को 'राय पिथौरा' भी कहा जाता है। वह [[चौहान वंश]] का सबसे वीर तथा प्रसिद्ध राजा था। वह [[तोमर वंश]] के राजा [[अनंग पाल]] का दौहित्र (बेटी का बेटा) था और उसके बाद [[दिल्ली]] का राजा हुआ था। उसके अधिकार में दिल्ली से लेकर [[अजमेर]] तक का विस्तृत भू-भाग था। पृथ्वीराज ने अपनी राजधानी दिल्ली का नव-निर्माण किया। उससे पहले तोमर नरेश ने एक गढ़ के निर्माण का शुभारंभ किया था, जिसे पृथ्वीराज ने विशाल रूप देकर पूरा किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पृथ्वीराज चौहान]] | + | ||[[चित्र:Prithvi-Raj-Chauhan-Statue-Ajmer.jpg|right|100px|पृथ्वीराज चौहान]]'[[पृथ्वीराज चौहान]]' अथवा 'पृथ्वीराज तृतीय' (जन्म- 1149 - मृत्यु- 1192 ई.) को 'राय पिथौरा' भी कहा जाता है। वह [[चौहान वंश]] का सबसे वीर तथा प्रसिद्ध राजा था। वह [[तोमर|तोमर वंश]] के राजा [[अनंग पाल]] का दौहित्र (बेटी का बेटा) था और उसके बाद [[दिल्ली]] का राजा हुआ था। उसके अधिकार में दिल्ली से लेकर [[अजमेर]] तक का विस्तृत भू-भाग था। पृथ्वीराज ने अपनी राजधानी दिल्ली का नव-निर्माण किया। उससे पहले तोमर नरेश ने एक गढ़ के निर्माण का शुभारंभ किया था, जिसे पृथ्वीराज ने विशाल रूप देकर पूरा किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पृथ्वीराज चौहान]] |
{[[चित्तौड़]] के 'कीर्ति स्तम्भ' का निर्माण किसने करवाया था? | {[[चित्तौड़]] के 'कीर्ति स्तम्भ' का निर्माण किसने करवाया था? | ||
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-[[राणा सांगा]] | -[[राणा सांगा]] | ||
− | +राणा | + | +[[राणा कुम्भा]] |
-[[राणा प्रताप]] | -[[राणा प्रताप]] | ||
-राणा उदय सिंह | -राणा उदय सिंह | ||
− | ||राणा कुम्भा [[मेवाड़]] के महान योद्धा व शासक थे। राणा कुम्भा ने [[मालवा]] | + | ||'राणा कुम्भा' [[मेवाड़]] के एक महान योद्धा व सफल शासक थे। 1418 ई. में लक्खासिंह की मृत्यु के बाद उसका पुत्र मोकल मेवाड़ का राजा हुआ, किन्तु 1431 ई. में उसकी मृत्यु हो गई और उसका उत्तराधिकारी 'राणा कुम्भा' हुआ। राणा कुम्भा स्थापत्य का बहुत अधिक शौकीन था। मेवाड़ में निर्मित 84 क़िलों में से 32 क़िलों का निर्माण उसने करवाया था। [[राणा कुम्भा]] ने अपने प्रबल प्रतिद्वन्द्वी [[मालवा]] के शासक हुसंगशाह को परास्त कर 1448 ई. में [[चित्तौड़]] में एक '[[कीर्ति स्तम्भ चित्तौड़गढ़|कीर्ति स्तम्भ]]' की स्थापना की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राणा कुम्भा]] |
− | {निम्नलिखित युग्मों में से कौन सा सही सुमेलित नहीं है? | + | {निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा सही सुमेलित नहीं है? |
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-[[बाबर]] - [[खानवा]] का युद्ध | -[[बाबर]] - [[खानवा]] का युद्ध | ||
− | -[[हुमायूँ]] - चौसा खानवा का युद्ध | + | -[[हुमायूँ]] - चौसा-खानवा का युद्ध |
− | -[[अकबर]]- [[हल्दीघाटी]] | + | -[[अकबर]]- [[हल्दीघाटी का युद्ध]] |
+[[जहाँगीर]]- बल्ख का युद्ध | +[[जहाँगीर]]- बल्ख का युद्ध | ||
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-[[ब्रह्म समाज]] | -[[ब्रह्म समाज]] | ||
-[[प्रार्थना समाज]] | -[[प्रार्थना समाज]] | ||
− | ||1875 ई. में [[स्वामी दयानंद सरस्वती]] ने [[बम्बई]] में आर्य समाज की स्थापना | + | ||[[1875]] ई. में [[स्वामी दयानंद सरस्वती]] ने [[बम्बई]] में [[आर्य समाज]] की स्थापना की। दयानंद सरस्वती के बचपन का नाम 'मूलशंकर' था। आर्य समाज द्वारा 'शुद्धि आन्दोलन' चलाया गया, जिसके अंतर्गत [[हिन्दू धर्म]] का परित्याग कर अन्य [[धर्म]] अपनाने वाले लोगों के लिए पुन: धर्म में वापसी के द्वार खोल दिए गए थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आर्य समाज]] |
− | {मंगल पांडे कहाँ के | + | {[[मंगल पांडे]] कहाँ के विद्रोह से जुड़े हुए थे? |
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+[[बैरकपुर]] | +[[बैरकपुर]] | ||
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-[[दिल्ली]] | -[[दिल्ली]] | ||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | -उपर्युक्त में से कोई नहीं | ||
− | ||मंगल पांडे बैरकपुर छावनी में | + | ||[[चित्र:Mangal Panday.jpg|right|100px|मंगल पांडे]]'मंगल पांडे' [[बैरकपुर]] छावनी में 34वीं रेजीमेण्ट में तैनात एक सिपाही थे। क्रांतिकारी [[मंगल पांडे]] का जन्म [[19 जुलाई]], 1827 ई. को [[उत्तर प्रदेश]] के [[फैज़ाबाद]] ज़िले में हुआ था। इनके [[पिता]] का नाम 'दिवाकर पांडे' तथा [[माता]] का नाम श्रीमति 'अभय रानी' था। वे [[कोलकाता]] के पास बैरकपुर की सैनिक छावनी में '34वीं बंगाल नेटिव इन्फ़ैंट्री' की पैदल सेना के 1446 नम्बर के सिपाही थे। [[भारत]] की आज़ादी की पहली लड़ाई अर्थात [[1857 का स्वतंत्रता संग्राम|1857 ई. के विद्रोह]] की शुरुआत उन्हीं के विद्रोह से हुई। [[29 मार्च]], [[1857]] ई. को कुछ सैनिकों ने मंगल पांडे के नेतृत्व में विद्रोह की शुरुआत की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मंगल पांडे]] |
{[[महात्मा गाँधी]] धरसना नमक गोदाम पर [[कांग्रेस]] कार्य-कर्ताओं के धावे के समय कहाँ थे? | {[[महात्मा गाँधी]] धरसना नमक गोदाम पर [[कांग्रेस]] कार्य-कर्ताओं के धावे के समय कहाँ थे? |
Revision as of 07:39, 18 April 2012
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- REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh
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