Difference between revisions of "जयराम रमेश"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
Line 4: Line 4:
 
|पूरा नाम=जयराम रमेश
 
|पूरा नाम=जयराम रमेश
 
|अन्य नाम=
 
|अन्य नाम=
|जन्म=[[9 अप्रैल]] [[1954]]
+
|जन्म=[[9 अप्रैल]], [[1954]]
 
|जन्म भूमि= [[चिकमंगलूर]], [[कर्नाटक]]  
 
|जन्म भूमि= [[चिकमंगलूर]], [[कर्नाटक]]  
 
|मृत्यु=
 
|मृत्यु=
 
|मृत्यु स्थान=
 
|मृत्यु स्थान=
 
|मृत्यु कारण=
 
|मृत्यु कारण=
|अभिभावक= स्व. सी.के. रमेश और श्रीमती श्रीदेवी रमेश  
+
|अभिभावक=[[पिता]]- सी. के. रमेश, [[माता]]- श्रीदेवी रमेश  
|पति/पत्नी=के.आर. जयश्री
+
|पति/पत्नी=के. आर. जयश्री
 
|संतान=दो पुत्र
 
|संतान=दो पुत्र
 
|स्मारक=  
 
|स्मारक=  
Line 20: Line 20:
 
|भाषा=
 
|भाषा=
 
|जेल यात्रा=
 
|जेल यात्रा=
|कार्य काल='''ग्रामीण विकास मंत्री-''' [[13 जुलाई]] [[2011]] से अब तक; '''पर्यावरण मंत्री-''' [[मई]] [[2009]] [[12 जुलाई]] 2011
+
|कार्य काल='''ग्रामीण विकास मंत्री'''-[[13 जुलाई]], [[2011]]-[[26 मई]], [[2014]] तक<br />
|विद्यालय=आई.आई.टी. मुम्बई, कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी, अमेरिका
+
'''पर्यावरण और वन मंत्री'''-''' [[मई]], [[2009]]-[[12 जुलाई]], [[2011]] तक<br />
 +
'''राज्य सभा सांसद, आंध्र प्रदेश'''-[[जून]], [[2004]]-[[21 जून]], [[2016]] तक
 +
|विद्यालय=आई.आई.टी. मुम्बई; कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी, अमेरिका
 
|शिक्षा=बी.टेक, एम.एस., एम.आई.टी  
 
|शिक्षा=बी.टेक, एम.एस., एम.आई.टी  
 
|पुरस्कार-उपाधि=
 
|पुरस्कार-उपाधि=
Line 30: Line 32:
 
|शीर्षक 2=
 
|शीर्षक 2=
 
|पाठ 2=
 
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=
+
|अन्य जानकारी=जयराम रमेश कर्नाटक सरकार के उपाध्यक्ष, राज्य योजना बोर्ड, [[आंध्र प्रदेश]] के आर्थिक सलाहकार परिषद के रूप में सेवारत रहे हैं।
 
|बाहरी कड़ियाँ=
 
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|19:23, 30 नवम्बर 2012 (IST)}}
+
|अद्यतन={{अद्यतन|18:03, 8 अप्रॅल 2020 (IST)}}
}}
+
}}'''जयराम रमेश''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Jairam Ramesh'', जन्म: [[9 अप्रैल]], [[1954]], चिकमंगलूर, [[कर्नाटक]]) एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने [[1990]] में वी. पी. सिंह की सरकार में और नरसिम्हा राव प्रशासन में [[मनमोहन सिंह]] के वित्त मंत्रालय में काम किया। वह [[1996]]-[[1998]] के बीच वित्त मंत्री [[पी. चिदम्बरम|पलानप्पन चिदंबरम]] के सलाहकार रहे। वे कर्नाटक सरकार के उपाध्यक्ष, राज्य योजना बोर्ड, [[आंध्र प्रदेश]] के आर्थिक सलाहकार परिषद के रूप में सेवारत रहे हैं। [[2004]] में जयराम रमेश आंध्र प्रदेश के आदिलाबाद जिले से [[राज्य सभा]] के लिए चुने गए थे। इसके बाद, उन्हें मनमोहन सिंह के प्रशासन में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। उन्हें [[2010]] में फिर से राज्य सभा के लिए चुना गया और उन्हें ग्रामीण विकास मंत्री और पेयजल और स्वच्छता मंत्री बनाया गया। पर्यावरण और वन मंत्री नियुक्त किए जाने के बाद, उन्होंने जानवरों के प्रदर्शन के रूप में बैल के उपयोग पर प्रतिबंध लगा लगाया, जो बाद में [[2016]] में [[तमिलनाडु]] में 'जल्लीकट्टू' के प्रतिबंध में तब्दील हो गया। जयराम रमेश को [[2015]] में तीसरे कार्यकाल के लिए राज्य सभा के लिए चुना गया।
'''जयराम रमेश''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Jairam Ramesh'', जन्म: 9 अप्रैल 1954) एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ हैं। जयराम रमेश [[भारत]] के पूर्व पर्यावरण मंत्री और वर्तमान ग्रामीण विकास मंत्री हैं। जयराम रमेश भारतीय [[संसद]] के [[राज्यसभा]] सदस्य हैं। जयराम [[आंध्र प्रदेश]] के राज्यमंत्री रह चुके हैं।
 
 
==जीवन परिचय==
 
==जीवन परिचय==
जयराम का जन्म [[9 अप्रैल]] [[1954]] को चिकमंगलूर, [[कर्नाटक]] में हुआ था। इनके पिता का नाम स्व. श्री सी.के. रमेश और इनकी माता श्रीमती श्रीदेवी रमेश है। जयराम रमेश का परिवार वडागलई समूह के आयंगर [[ब्राह्मण]] है। इनकी मातृभाषा [[तमिल भाषा|तमिल]] है। जयराम रमेश ने [[26 जनवरी]] [[1981]] को आयंगर ब्राह्मण के.आर. जयश्री से विवाह किया और अब अपनी पत्नी के साथ लोदी गार्डन, [[नई दिल्ली]] में रहते हैं। जयराम रमेश का स्थायी निवास खैरताबाद, [[हैदराबाद]] (आंध्र प्रदेश) में है। अपनी युवावस्था में जयराम [[भारत]] के प्रथम [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू]] से बहुत अधिक प्रवाभित थे।
+
जयराम रमेश का जन्म [[9 अप्रैल]], [[1954]] को चिकमंगलूर, [[कर्नाटक]] में हुआ था। उनके पिता का नाम सी. के. रमेश और [[माता]] का नाम श्रीदेवी रमेश था। जयराम रमेश का [[परिवार]] वडागलई समूह का आयंगर [[ब्राह्मण]] है। उनकी मातृभाषा [[तमिल भाषा|तमिल]] है। जयराम रमेश ने [[26 जनवरी]] [[1981]] को आयंगर ब्राह्मण के. आर. जयश्री से [[विवाह]] किया और अब अपनी पत्नी के साथ लोदी गार्डन, [[नई दिल्ली]] में रहते हैं। जयराम रमेश का स्थायी निवास खैरताबाद, [[हैदराबाद]] (आंध्र प्रदेश) में है। अपनी युवावस्था में जयराम रमेश [[भारत]] के प्रथम [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू]] से बहुत अधिक प्रभावित थे।
 
====शिक्षा====
 
====शिक्षा====
जयराम ने अपनी स्कूली शिक्षा [[रांची]] के 'सेंट जेवियर स्कूल' से 1961 - 1963 के मध्य ली। वह तीसरी से पाँचवीं कक्षा तक इस स्कूल में पढ़े। जब उन्होंने पॉल सैमुअल्सन (जो [[नोबेल पुरस्कार]] से सम्मानित अर्थशास्त्री थे) को पढ़ा तो वे अर्थशास्त्र में ही रुचि लेने लगे। जयराम ने 1975 में [[आई.आई.टी. मुम्बई]] से रसायन अभियांत्रिकी से स्नातक किया। 1975-77  के दौरान जयराम ने 'कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी' से विज्ञान में सार्वजनिक नीति और प्रबंधन की मास्टर  डिग्री ली। इसके अतिरिक्त जयराम रमेश 'भारतीय विजनेस स्कूल', हैदराबाद के संस्थापक सदस्य भी हैं।
+
जयराम रमेश ने अपनी स्कूली शिक्षा [[रांची]] के 'सेंट जेवियर स्कूल' से [[1961]]-[[1963]] के मध्य ली। वह तीसरी से पाँचवीं कक्षा तक इस स्कूल में पढ़े। जब उन्होंने पॉल सैमुअल्सन (जो [[नोबेल पुरस्कार]] से सम्मानित अर्थशास्त्री थे) को पढ़ा तो अर्थशास्त्र में ही रुचि लेने लगे। जयराम रमेश ने [[1975]] में [[आई.आई.टी. मुम्बई]] से रसायन अभियांत्रिकी से स्नातक किया। [[1975]]-[[1977]] के दौरान उन्होंने 'कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी' से [[विज्ञान]] में सार्वजनिक नीति और प्रबंधन की मास्टर  डिग्री ली। इसके अतिरिक्त जयराम रमेश 'भारतीय विजनेस स्कूल', [[हैदराबाद]] के संस्थापक सदस्य भी हैं।
 
==राजनीतिक जीवन==
 
==राजनीतिक जीवन==
जयराम रमेश को रोजाना एक सुर्खी देने वाले पर्यावरण मंत्रालय से हटाकर [[ग्रामीण विकास मंत्रालय]] सौंपा गया था। वे इस उबाऊ मंत्रालय को मीडिया की नजरों में तड़क-भड़क वाला कारनामा बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करते आए हैं। वरीयता क्रम में नहीं होने के बावजूद जयराम रमेश मंत्रिमंडल में बहुत तेजी से ऊपर उठे हैं। यूपीए 1 में पहली बार मंत्री बनने के बाद वे यूपीए 2 में कैबिनेट मंत्री बन गए। पर्यावरण मंत्रालय में उनकी अनदेखी करना आसान नहीं था। रमेश को कैबिनेट दर्जा देकर [[ग्रामीण विकास मंत्रालय]] में भेजने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री [[मनमोहन सिंह]] ने कहा था, ''जयराम को ज्‍यादा जिम्मेदारी दे दी गई है, जहां उनकी प्रतिभा का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा।''  
+
जयराम रमेश को रोजाना एक सुर्खी देने वाले पर्यावरण मंत्रालय से हटाकर [[ग्रामीण विकास मंत्रालय]] सौंपा गया था। वे इस मंत्रालय को मीडिया की नजरों में तड़क-भड़क वाला कारनामा बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करते आए हैं। वरीयता क्रम में नहीं होने के बावजूद जयराम रमेश मंत्रिमंडल में बहुत तेजी से ऊपर उठे। यूपीए 1 में पहली बार मंत्री बनने के बाद वह यूपीए 2 में कैबिनेट मंत्री बन गए। पर्यावरण मंत्रालय में उनकी अनदेखी करना आसान नहीं था। जयराम रमेश को कैबिनेट दर्जा देकर [[ग्रामीण विकास मंत्रालय]] में भेजने के तुरंत बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री [[मनमोहन सिंह]] ने कहा था, ''जयराम को ज्‍यादा जिम्मेदारी दे दी गई है, जहां उनकी प्रतिभा का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा।''  
 
====कूटनीतिज्ञ====
 
====कूटनीतिज्ञ====
जयराम रमेश ने भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास विधेयक को [[राहुल गाँधी|राहुल]] की ओर से मिल रही अहमियत को समझते हुए [[12 जुलाई]] [[2011]] को मंत्रालय का चार्ज संभालने के बाद रिकॉर्ड दो हफ्ते के समय में विधेयक तैयार कर दिया। उन्होंने [[उत्तर प्रदेश]] की तत्कालीन मुख्यमंत्री [[मायावती]] के लिए भी आफत कर दी और राज्‍य की मनरेगा योजनाओं में भ्रष्टाचार के बारे में उनकी शिकायतों पर भी चिट्ठी लिख दी। सामान्यत: विधेयक स्थायी समिति के पास भेजे जाने के बाद जनता के राय-मशविरे के लिए दिए जाते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे का कहना है, "उन्होंने अपने मंत्रालय में नई जान डाली है। मनरेगा के तहत उन्होंने बहुत कुछ नया हाथ में नहीं लिया है, लेकिन वे ऐसे काम करने की कोशिश कर रहे हैं जिन्हें अमली जामा पहनाया जा सकता है। असली चुनौती यह पक्का करने की है कि उन पर पूरी तरह अमल किया जाए"।
+
जयराम रमेश ने भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास विधेयक को [[राहुल गाँधी]] की ओर से मिल रही अहमियत को समझते हुए [[12 जुलाई]], [[2011]] को मंत्रालय का चार्ज संभालने के बाद रिकॉर्ड दो हफ्ते के समय में विधेयक तैयार कर दिया। उन्होंने [[उत्तर प्रदेश]] की तत्कालीन [[मुख्यमंत्री]] [[मायावती]] के लिए भी आफत कर दी और राज्‍य की मनरेगा योजनाओं में भ्रष्टाचार के बारे में शिकायतों पर चिट्ठी लिख दी। सामान्यत: विधेयक स्थायी समिति के पास भेजे जाने के बाद जनता के राय-मशविरे के लिए दिए जाते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे का कहना था कि- "उन्होंने अपने मंत्रालय में नई जान डाली है। मनरेगा के तहत उन्होंने बहुत कुछ नया हाथ में नहीं लिया है, लेकिन वे ऐसे काम करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें अमली जामा पहनाया जा सकता है। असली चुनौती यह पक्का करने की है कि उन पर पूरी तरह अमल किया जाए"।
 
==पत्रकारिता लेखन==
 
==पत्रकारिता लेखन==
जयराम रमेश बिजनेस स्टेंडर्ड, बिजनेस टुडे, टाइम्स ऑफ़ इंडिया और [[इंडिया टुडे]] जैसे बहुचर्चित पत्र [[पत्रिका|पत्रिकाओं]] में स्तम्भ लिखते रहे हैं।  
+
जयराम रमेश बिजनेस स्टेंडर्ड, बिजनेस टुडे, टाइम्स ऑफ़ इंडिया और [[इंडिया टुडे]] जैसे बहुचर्चित पत्र [[पत्रिका|पत्रिकाओं]] में स्तम्भ लिखते रहे हैं।
 
 
 
 
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
Line 55: Line 54:
 
*[http://www.india.gov.in/govt/rajyasabhampbiodata.php?mpcode=1935 Detailed Profile: Shri Jairam Ramesh]
 
*[http://www.india.gov.in/govt/rajyasabhampbiodata.php?mpcode=1935 Detailed Profile: Shri Jairam Ramesh]
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
{{अर्थशास्त्री}}{{भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस}}
+
{{अर्थशास्त्री}}{{भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस}}{{चौदहवीं लोकसभा सांसद}}{{पंद्रहवीं लोकसभा सांसद}}{{सोलहवीं लोकसभा सांसद}}
[[Category:राजनीतिज्ञ]]
+
[[Category:राजनीतिज्ञ]][[Category:अर्थशास्त्री]][[Category:ग्रामीण विकास मंत्री]][[Category:भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस]][[Category:आंध्र प्रदेश के राज्य सभा सांसद]][[Category:आंध्र प्रदेश के लोकसभा सांसद]][[Category:[[Category:राज्यसभा सांसद]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:चरित कोश]][[Category:राजनीति कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चौदहवीं लोकसभा सांसद]][[Category:पंद्रहवीं लोकसभा सांसद]][[Category:सोलहवीं लोकसभा सांसद]]
[[Category:अर्थशास्त्री]][[Category:ग्रामीण विकास मंत्री]]
 
[[Category:भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस]]
 
[[Category:राज्यसभा सांसद]][[Category:राजनीति कोश]]
 
[[Category:आंध्र प्रदेश के राज्य सभा सांसद]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__

Revision as of 12:33, 8 April 2020

jayaram ramesh
poora nam jayaram ramesh
janm 9 aprail, 1954
janm bhoomi chikamangaloor, karnatak
abhibhavak pita- si. ke. ramesh, mata- shridevi ramesh
pati/patni ke. ar. jayashri
santan do putr
nagarikata bharatiy
parti bharatiy rashtriy kaangres
pad gramin vikas mantri, paryavaran mantri
kary kal gramin vikas mantri-13 julaee, 2011-26 mee, 2014 tak

paryavaran aur van mantri- mee, 2009-12 julaee, 2011 tak
rajy sabha saansad, aandhr pradesh-joon, 2004-21 joon, 2016 tak

shiksha bi.tek, em.es., em.aee.ti
vidyalay aee.aee.ti. mumbee; karnegi melan yoonivarsiti, amerika
any janakari jayaram ramesh karnatak sarakar ke upadhyaksh, rajy yojana bord, aandhr pradesh ke arthik salahakar parishad ke roop mean sevarat rahe haian.
adyatan‎

jayaram ramesh (aangrezi: Jairam Ramesh, janm: 9 aprail, 1954, chikamangaloor, karnatak) ek prasiddh arthashastri aur rajanitijn haian. unhoanne 1990 mean vi. pi. sianh ki sarakar mean aur narasimha rav prashasan mean manamohan sianh ke vitt mantralay mean kam kiya. vah 1996-1998 ke bich vitt mantri palanappan chidanbaram ke salahakar rahe. ve karnatak sarakar ke upadhyaksh, rajy yojana bord, aandhr pradesh ke arthik salahakar parishad ke roop mean sevarat rahe haian. 2004 mean jayaram ramesh aandhr pradesh ke adilabad jile se rajy sabha ke lie chune ge the. isake bad, unhean manamohan sianh ke prashasan mean mantrimandal mean shamil kiya gaya. unhean 2010 mean phir se rajy sabha ke lie chuna gaya aur unhean gramin vikas mantri aur peyajal aur svachchhata mantri banaya gaya. paryavaran aur van mantri niyukt kie jane ke bad, unhoanne janavaroan ke pradarshan ke roop mean bail ke upayog par pratibandh laga lagaya, jo bad mean 2016 mean tamilanadu mean 'jallikattoo' ke pratibandh mean tabdil ho gaya. jayaram ramesh ko 2015 mean tisare karyakal ke lie rajy sabha ke lie chuna gaya.

jivan parichay

jayaram ramesh ka janm 9 aprail, 1954 ko chikamangaloor, karnatak mean hua tha. unake pita ka nam si. ke. ramesh aur mata ka nam shridevi ramesh tha. jayaram ramesh ka parivar vadagalee samooh ka ayangar brahman hai. unaki matribhasha tamil hai. jayaram ramesh ne 26 janavari 1981 ko ayangar brahman ke. ar. jayashri se vivah kiya aur ab apani patni ke sath lodi gardan, nee dilli mean rahate haian. jayaram ramesh ka sthayi nivas khairatabad, haidarabad (aandhr pradesh) mean hai. apani yuvavastha mean jayaram ramesh bharat ke pratham pradhanamantri javaharalal neharoo se bahut adhik prabhavit the.

shiksha

jayaram ramesh ne apani skooli shiksha raanchi ke 'seant jeviyar skool' se 1961-1963 ke madhy li. vah tisari se paanchavian kaksha tak is skool mean padhe. jab unhoanne p aaul saimualsan (jo nobel puraskar se sammanit arthashastri the) ko padha to arthashastr mean hi ruchi lene lage. jayaram ramesh ne 1975 mean aee.aee.ti. mumbee se rasayan abhiyaantriki se snatak kiya. 1975-1977 ke dauran unhoanne 'karnegi melan yoonivarsiti' se vijnan mean sarvajanik niti aur prabandhan ki mastar digri li. isake atirikt jayaram ramesh 'bharatiy vijanes skool', haidarabad ke sansthapak sadasy bhi haian.

rajanitik jivan

jayaram ramesh ko rojana ek surkhi dene vale paryavaran mantralay se hatakar gramin vikas mantralay sauanpa gaya tha. ve is mantralay ko midiya ki najaroan mean t dak-bh dak vala karanama banane ke lie din-rat mehanat karate ae haian. variyata kram mean nahian hone ke bavajood jayaram ramesh mantrimandal mean bahut teji se oopar uthe. yoopie 1 mean pahali bar mantri banane ke bad vah yoopie 2 mean kaibinet mantri ban ge. paryavaran mantralay mean unaki anadekhi karana asan nahian tha. jayaram ramesh ko kaibinet darja dekar gramin vikas mantralay mean bhejane ke turant bad tatkalin pradhanamantri manamohan sianh ne kaha tha, jayaram ko jh‍yada jimmedari de di gee hai, jahaan unaki pratibha ka behatar istemal ho sakega.

kootanitijn

jayaram ramesh ne bhoomi adhigrahan evan punarvas vidheyak ko rahul gaandhi ki or se mil rahi ahamiyat ko samajhate hue 12 julaee, 2011 ko mantralay ka charj sanbhalane ke bad rik aaurd do haphte ke samay mean vidheyak taiyar kar diya. unhoanne uttar pradesh ki tatkalin mukhyamantri mayavati ke lie bhi aphat kar di aur rajh‍y ki manarega yojanaoan mean bhrashtachar ke bare mean shikayatoan par chitthi likh di. samanyat: vidheyak sthayi samiti ke pas bheje jane ke bad janata ke ray-mashavire ke lie die jate haian. samajik karyakarta nikhil de ka kahana tha ki- "unhoanne apane mantralay mean nee jan dali hai. manarega ke tahat unhoanne bahut kuchh naya hath mean nahian liya hai, lekin ve aise kam karane ki koshish kar rahe haian, jinhean amali jama pahanaya ja sakata hai. asali chunauti yah pakka karane ki hai ki un par poori tarah amal kiya jae".

patrakarita lekhan

jayaram ramesh bijanes steandard, bijanes tude, taims aauf iandiya aur iandiya tude jaise bahucharchit patr patrikaoan mean stambh likhate rahe haian.

panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

bahari k diyaan

sanbandhit lekh

pandrahavian lokasabha saansad

[[Category: