अरुण नयन राजीव सुवेशं

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अरुण नयन राजीव सुवेशं
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक रामचरितमानस
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली चौपाई और दोहा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड अरण्यकाण्ड
चौपाई

अरुण नयन राजीव सुवेशं। सीता नयन चकोर निशेशं॥
हर हृदि मानस बाल मरालं। नौमि राम उर बाहु विशालं॥4॥

भावार्थ

हे लाल कमल के समान नेत्र और सुंदर वेशवाले! सीता के नेत्ररूपी चकोर के चंद्रमा, शिव के हृदयरूपी मानसरोवर के बालहंस, विशाल हृदय और भुजावाले राम! मैं आपको नमस्कार करता हूँ।॥4॥



left|30px|link=मोह विपिन घन दहन कृशानुः|पीछे जाएँ अरुण नयन राजीव सुवेशं right|30px|link=संशय सर्प ग्रसन उरगादः|आगे जाएँ


चौपाई- मात्रिक सम छन्द का भेद है। प्राकृत तथा अपभ्रंश के 16 मात्रा के वर्णनात्मक छन्दों के आधार पर विकसित हिन्दी का सर्वप्रिय और अपना छन्द है। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में चौपाई छन्द का बहुत अच्छा निर्वाह किया है। चौपाई में चार चरण होते हैं, प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं तथा अन्त में गुरु होता है।


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