कुनुतासी (गुजरात): Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "हजार" to "हज़ार") |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
*[[गुजरात]] के [[राजकोट ज़िले]] में स्थित इस स्थल की खुदाई 'एम.के. धावलिकर', 'एम.आर.आर. रावल' तथा 'वाई.एम. चितलवास' द्वारा करवाई गई। | *[[गुजरात]] के [[राजकोट ज़िला|राजकोट ज़िले]] में स्थित इस स्थल की खुदाई 'एम.के. धावलिकर', 'एम.आर.आर. रावल' तथा 'वाई.एम. चितलवास' द्वारा करवाई गई। | ||
*यहाँ से विकसित तथा उत्तरकालीन सैंधव कालीन स्तर प्रकाश में आए हैं। | *यहाँ से विकसित तथा उत्तरकालीन सैंधव कालीन स्तर प्रकाश में आए हैं। | ||
*यहाँ से प्राप्त अवशेषों से ज्ञात होता है कि यहाँ व्यापार केन्द्र, निगरानी स्तम्भ तथा बन्दरगाह में खुदाई से प्राप्त अवशेषों में लम्बी सुराहियां, दो हत्थे कटोरे, मिट्टी खिलौने गाड़ी आदि प्रमुख हैं। | *यहाँ से प्राप्त अवशेषों से ज्ञात होता है कि यहाँ व्यापार केन्द्र, निगरानी स्तम्भ तथा बन्दरगाह में खुदाई से प्राप्त [[अवशेष|अवशेषों]] में लम्बी सुराहियां, दो हत्थे कटोरे, [[मिट्टी]] खिलौने गाड़ी आदि प्रमुख हैं। | ||
*एक मकान के कमरे से सेलखड़ी के हज़ारों छोटे मनके तथा तांबे की कुछ चूड़ियां एवं दो अंगूठी मिली है। | *एक मकान के कमरे से सेलखड़ी के हज़ारों छोटे मनके तथा तांबे की कुछ [[चूड़ी|चूड़ियां]] एवं दो अंगूठी मिली है। | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
|प्रारम्भिक= | |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | ||
|माध्यमिक= | |माध्यमिक= | ||
|पूर्णता= | |पूर्णता= | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{सिन्धु घाटी की सभ्यता}} | {{सिन्धु घाटी की सभ्यता}} {{गुजरात के ऐतिहासिक स्थान}} | ||
[[Category: | [[Category:गुजरात]][[Category:गुजरात के ऐतिहासिक स्थान]] | ||
[[Category:हड़प्पा_संस्कृति]][[Category:सिन्धु घाटी की सभ्यता]] | |||
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास_कोश]] | |||
__INDEX__ |
Latest revision as of 08:03, 23 July 2012
- गुजरात के राजकोट ज़िले में स्थित इस स्थल की खुदाई 'एम.के. धावलिकर', 'एम.आर.आर. रावल' तथा 'वाई.एम. चितलवास' द्वारा करवाई गई।
- यहाँ से विकसित तथा उत्तरकालीन सैंधव कालीन स्तर प्रकाश में आए हैं।
- यहाँ से प्राप्त अवशेषों से ज्ञात होता है कि यहाँ व्यापार केन्द्र, निगरानी स्तम्भ तथा बन्दरगाह में खुदाई से प्राप्त अवशेषों में लम्बी सुराहियां, दो हत्थे कटोरे, मिट्टी खिलौने गाड़ी आदि प्रमुख हैं।
- एक मकान के कमरे से सेलखड़ी के हज़ारों छोटे मनके तथा तांबे की कुछ चूड़ियां एवं दो अंगूठी मिली है।
|
|
|
|
|