कोथू नृत्य: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''कोथू नृत्य''' केरल के प्रमुख [[शास्त्रीय नृत्य|शास्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replacement - "पुरूष" to "पुरुष")
 
(3 intermediate revisions by one other user not shown)
Line 2: Line 2:
{{tocright}}
{{tocright}}
==अभिव्यक्ति तथा विषय==
==अभिव्यक्ति तथा विषय==
अभिनेता महाकाव्यों [[संस्कृत]] पाठ के आधार पर आधारित जिन कहानियों का [[मलयालम भाषा|मलयालम]] में समझकर पाठ करता है एवं थांडव नृत्य लय कला के माध्यम से जिसे इशारों, शारीरिक मुद्राओं और भाव भंगिमाओं से अभिव्यक्त करता है, वह स्पष्ट तौर पर '[[नाट्यशास्त्र]]' से निकाली गई हैं। कोथू में हास्य तत्व का प्रभुत्व है। माइम और भाव के माध्यम से और सामयिक नृत्य के साथ चकयार की कथा मूलत: नाटकीय है। विनोदी, मजाकिया और संकेतों के विषय सामयिक, राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं पर ही केन्द्रित रहे हैं। कथन के भाव के दौरान नर्तकियों के पास यह पूर्ण सुविधा रहती है कि वे पुरूष और स्थानीय हित की बातों की पूरी तरह से आलोचना कर सकती हैं।
अभिनेता महाकाव्यों [[संस्कृत]] पाठ के आधार पर आधारित जिन कहानियों का [[मलयालम भाषा|मलयालम]] में समझकर पाठ करता है एवं थांडव नृत्य लय कला के माध्यम से जिसे इशारों, शारीरिक मुद्राओं और भाव भंगिमाओं से अभिव्यक्त करता है, वह स्पष्ट तौर पर '[[नाट्यशास्त्र]]' से निकाली गई हैं। कोथू में हास्य तत्व का प्रभुत्व है। माइम और भाव के माध्यम से और सामयिक नृत्य के साथ चकयार की कथा मूलत: नाटकीय है। विनोदी, मजाकिया और संकेतों के विषय सामयिक, राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं पर ही केन्द्रित रहे हैं। कथन के भाव के दौरान नर्तकियों के पास यह पूर्ण सुविधा रहती है कि वे पुरुष और स्थानीय हित की बातों की पूरी तरह से आलोचना कर सकती हैं।<ref name="mcc">{{cite web |url=http://bharat.gov.in/knowindia/state_uts.php?id=45 |title=कला और संस्कृति|accessmonthday=23 जुलाई|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
====रूप सज्जा व उपकरण====
====रूप सज्जा व उपकरण====
वास्तविक प्रदर्शन में नर्तक कोथामबम के मंच पर अपनी विशेष प्रकार की टोपी और अजीबो-गरीब रूप सज्जा के साथ खडा होता है। इसके बाद जिस मंदिर में वह [[पूजा]] कर रहा होता है, वहाँ पर इष्टदेव की पूजा करने की प्रार्थना करता है। उसके बाद वह एक संस्कृत के पाठ की कविता के तौर पर व्याख्या करता है और फिर इसे मलयालम में बताता है। प्रार्थना में प्रयुक्त किये जाने वाले उपकरण [[झांझ]] और [[मंजीरा|मंजीरे]] की जोड़ी होती है, जो कि एक बहुत बड़ा [[ताँबा|ताँबे]] का ड्रम होता है। नंबियार जाति का एक सदस्य एक निश्चित समय अंतराल पर मंजीरे को लय के साथ बजाता है। झांझ को हमेशा महिलाओं के द्वारा ही बजाया जाता है, जिन्हें 'ननगियार' कहते हैं।
वास्तविक प्रदर्शन में नर्तक कोथामबम के मंच पर अपनी विशेष प्रकार की टोपी और अजीबो-गरीब रूप सज्जा के साथ खडा होता है। इसके बाद जिस मंदिर में वह [[पूजा]] कर रहा होता है, वहाँ पर इष्टदेव की पूजा करने की प्रार्थना करता है। उसके बाद वह एक संस्कृत के पाठ की कविता के तौर पर व्याख्या करता है और फिर इसे मलयालम में बताता है। प्रार्थना में प्रयुक्त किये जाने वाले उपकरण [[झांझ]] और [[मंजीरा|मंजीरे]] की जोड़ी होती है, जो कि एक बहुत बड़ा [[ताँबा|ताँबे]] का ड्रम होता है। नंबियार जाति का एक सदस्य एक निश्चित समय अंतराल पर मंजीरे को लय के साथ बजाता है। झांझ को हमेशा महिलाओं के द्वारा ही बजाया जाता है, जिन्हें 'ननगियार' कहते हैं।
==एकल नृत्य==
==एकल नृत्य==
कोथू को एकल नृत्य के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है, जिसे 'प्रबंधा कोथू' के नाम से भी जाना जाता है। कभी-कभी इसे 'ननगियार' महिलाओं के द्वारा भी प्रस्तुत किया जाता है। इसलिए इसे 'ननगियार कोथू' नाम से भी सम्बोधित किया जाता है।
कोथू को एकल नृत्य के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है, जिसे 'प्रबंधा कोथू' के नाम से भी जाना जाता है। कभी-कभी इसे 'ननगियार' महिलाओं के द्वारा भी प्रस्तुत किया जाता है। इसलिए इसे 'ननगियार कोथू' नाम से भी सम्बोधित किया जाता है।<ref name="mcc"/>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
Line 14: Line 14:
{{नृत्य कला}}
{{नृत्य कला}}
[[Category:शास्त्रीय नृत्य]][[Category:नृत्य कला]][[Category:कला कोश]][[Category:संस्कृति कोश]]
[[Category:शास्त्रीय नृत्य]][[Category:नृत्य कला]][[Category:कला कोश]][[Category:संस्कृति कोश]]
[[Category:केरल]]
[[Category:केरल की संस्कृति]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 07:32, 3 January 2016

कोथू नृत्य केरल के प्रमुख शास्त्रीय नृत्यों में से एक है। इस नृत्य का मंचन 'चकयार' जाति के पेशेवर कलाकारों द्वारा 'कोथामबम मंदिर' में किया जाता है। यह केरल की सबसें पुरानी एवं अजीब नाटकीय कला है। 'कोथू' शब्द का वास्तविक अर्थ कला के मूल रूप में नृत्य संलग्नता के महत्व के तौर पर समझा जा सकता है। कोथू नृत्य के अभिनेता द्वारा किये जाने वाले शारीरिक और चेहरें के हाव-भाव तथा चिन्ह एवं नियोजित इशारे सांस्कृतिक ग्रंथों में दिए गए सिंद्वातों पर ही आधारित हैं। इनकी विवेचना 'भरत नाट्यशास्त्र' में दिए गए विषय में बारीकी से की गई है।

अभिव्यक्ति तथा विषय

अभिनेता महाकाव्यों संस्कृत पाठ के आधार पर आधारित जिन कहानियों का मलयालम में समझकर पाठ करता है एवं थांडव नृत्य लय कला के माध्यम से जिसे इशारों, शारीरिक मुद्राओं और भाव भंगिमाओं से अभिव्यक्त करता है, वह स्पष्ट तौर पर 'नाट्यशास्त्र' से निकाली गई हैं। कोथू में हास्य तत्व का प्रभुत्व है। माइम और भाव के माध्यम से और सामयिक नृत्य के साथ चकयार की कथा मूलत: नाटकीय है। विनोदी, मजाकिया और संकेतों के विषय सामयिक, राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं पर ही केन्द्रित रहे हैं। कथन के भाव के दौरान नर्तकियों के पास यह पूर्ण सुविधा रहती है कि वे पुरुष और स्थानीय हित की बातों की पूरी तरह से आलोचना कर सकती हैं।[1]

रूप सज्जा व उपकरण

वास्तविक प्रदर्शन में नर्तक कोथामबम के मंच पर अपनी विशेष प्रकार की टोपी और अजीबो-गरीब रूप सज्जा के साथ खडा होता है। इसके बाद जिस मंदिर में वह पूजा कर रहा होता है, वहाँ पर इष्टदेव की पूजा करने की प्रार्थना करता है। उसके बाद वह एक संस्कृत के पाठ की कविता के तौर पर व्याख्या करता है और फिर इसे मलयालम में बताता है। प्रार्थना में प्रयुक्त किये जाने वाले उपकरण झांझ और मंजीरे की जोड़ी होती है, जो कि एक बहुत बड़ा ताँबे का ड्रम होता है। नंबियार जाति का एक सदस्य एक निश्चित समय अंतराल पर मंजीरे को लय के साथ बजाता है। झांझ को हमेशा महिलाओं के द्वारा ही बजाया जाता है, जिन्हें 'ननगियार' कहते हैं।

एकल नृत्य

कोथू को एकल नृत्य के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है, जिसे 'प्रबंधा कोथू' के नाम से भी जाना जाता है। कभी-कभी इसे 'ननगियार' महिलाओं के द्वारा भी प्रस्तुत किया जाता है। इसलिए इसे 'ननगियार कोथू' नाम से भी सम्बोधित किया जाता है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 कला और संस्कृति (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 23 जुलाई, 2012।

संबंधित लेख